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बिलासपुर, 22 नवम्बर ! वित्तीय क्षेत्र में अदावाकृत संपत्ति एवं अदावाकृत निधियों के कुशल, पारदर्शी और त्वरित निपटान को सुनिश्चित करने हेतु आरबीआई द्वारा एक अक्तूबर से 31 दिसंबर 2025 तक चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत आज यूको ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, बिलासपुर में एक महत्वपूर्ण उप-बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अग्रणी जिला प्रबंधक, चंद्रशेखर यादव ने की। बैठक में जिला के विभिन्न बैंकों के अधिकारियों एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में अब तक की प्रगति की समीक्षा की गई तथा अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आगे की रणनीतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। अग्रणी जिला प्रबंधक, चन्द्र शेखर यादव ने बताया कि आरबीआई की इस पहल का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने अवगत कराया कि जिला बिलासपुर में वर्तमान में कुल 46,784 खातों में लगभग 14.02 करोड़ रूपये की राशि अदावाकृत (नदबसंपउमक) पड़ी हुई है, जिसे पुनः सक्रिय करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक के दौरान प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट में बताया गया कि जिला के विभिन्न बैंकों द्वारा अब तक लगभग 55 लाख रूपये की दावा रहित राशि का निपटान किया जा चुका है और बीमा कंपनियों द्वारा लगभग 15 लाख रूपये की लंबित दावों का सफल सेटलमेंट किया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान से बैंकिंग क्षेत्र में न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय कर ग्राहकों को उनके भूले-बिसरे खातों एवं जमा राशि का लाभ प्राप्त होने में सहूलियत होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का अभाव एक प्रमुख चुनौती है, जिसके लिए सभी बैंकों को अधिक से अधिक जन-जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति या उसके परिजन के नाम पर बैंक या बीमा कंपनियों में कोई खाता, जमा राशि अथवा दावा लंबे समय से लंबित है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस विशेष अभियान के दौरान संबंधित बैंक शाखा में क्लेम फॉर्म भरकर आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि ज्ञल्ब् दस्तावेज प्रस्तुत कर एवं वारिस क्लेम की स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा कर आसानी से अपनी राशि वापस प्राप्त की जा सकती है। उन्होने बताया कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है।
बिलासपुर, 22 नवम्बर ! वित्तीय क्षेत्र में अदावाकृत संपत्ति एवं अदावाकृत निधियों के कुशल, पारदर्शी और त्वरित निपटान को सुनिश्चित करने हेतु आरबीआई द्वारा एक अक्तूबर से 31 दिसंबर 2025 तक चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत आज यूको ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, बिलासपुर में एक महत्वपूर्ण उप-बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अग्रणी जिला प्रबंधक, चंद्रशेखर यादव ने की। बैठक में जिला के विभिन्न बैंकों के अधिकारियों एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में अब तक की प्रगति की समीक्षा की गई तथा अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आगे की रणनीतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
अग्रणी जिला प्रबंधक, चन्द्र शेखर यादव ने बताया कि आरबीआई की इस पहल का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। उन्होंने अवगत कराया कि जिला बिलासपुर में वर्तमान में कुल 46,784 खातों में लगभग 14.02 करोड़ रूपये की राशि अदावाकृत (नदबसंपउमक) पड़ी हुई है, जिसे पुनः सक्रिय करने का लक्ष्य रखा गया है।
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बैठक के दौरान प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट में बताया गया कि जिला के विभिन्न बैंकों द्वारा अब तक लगभग 55 लाख रूपये की दावा रहित राशि का निपटान किया जा चुका है और बीमा कंपनियों द्वारा लगभग 15 लाख रूपये की लंबित दावों का सफल सेटलमेंट किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान से बैंकिंग क्षेत्र में न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय कर ग्राहकों को उनके भूले-बिसरे खातों एवं जमा राशि का लाभ प्राप्त होने में सहूलियत होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का अभाव एक प्रमुख चुनौती है, जिसके लिए सभी बैंकों को अधिक से अधिक जन-जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति या उसके परिजन के नाम पर बैंक या बीमा कंपनियों में कोई खाता, जमा राशि अथवा दावा लंबे समय से लंबित है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस विशेष अभियान के दौरान संबंधित बैंक शाखा में क्लेम फॉर्म भरकर आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि ज्ञल्ब् दस्तावेज प्रस्तुत कर एवं वारिस क्लेम की स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र व अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा कर आसानी से अपनी राशि वापस प्राप्त की जा सकती है। उन्होने बताया कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है।
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