
चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की गतिविधियों एवं कार्यप्रणाली की दी विस्तार से जानकारी।* *3. बाल-मजदूरी की बुराई पर हुई विशेष चर्चा।* *4. संवेदनशील जानकारी के संबंध में सूचना देने वाले की जानकारी गुप्त रखने का दिया गया आश्वासन।*
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चम्बा , 12 जून [ विशाल सूद ] ! चाइल्ड हेल्पलाइन चम्बा द्वारा*अंतर्राष्ट्रीय बाल-मजदूरी निषेध दिवस के उपलक्ष्य पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय कसाकड़ा व नागराज रिहैबिलिटेशन केंद्र कसाकड़ा* में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के अध्यापक-अध्यापिकाओं सहित रिहैबिलिटेशन केंद्र के स्टाफ व बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। चाइल्ड हेल्पलाइन चंबा की काउंसलर नीता देवी व सुपरवाइजर अशोक कुमार ने चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 की विस्तृत जानकारी दी व मुफ्त चाइल्ड हेल्पलाइन फोन सेवा 1098 के माध्यम से नशे की लत में पड़े, जन्म पंजीकरण से वंचित,अनाथ, अर्ध-अनाथ, स्कूल छोड़ चुके, घर से भागे हुए, मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम, शोषित, अति निर्धन, बाल-विवाह से ग्रसित, बाल-मजदूरी से ग्रसित, छेड़छाड़ से पीड़ित, घरेलू हिंसा से पीड़ित व अन्य किसी भी कारण से शोषित बच्चों हेतु चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। टीम द्वारा पोक्सो अधिनियम के संबंध में भी जागरूक किया गया व बताया गया कि अध्यापक बच्चों के साथ हर अच्छी बुरी बात पर चर्चा करें और बच्चों के साथ उचित संवाद बनाए रखें। बाल-मजदूरी की बुराई पर चर्चा करते हुए बताया गया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी के घर, दुकान, फैक्ट्री या अन्य जगह काम पर रखना कानूनन अपराध है। बाल-मजदूरी करवाने वाले अभिभावकों एवं नियोक्ताओं को विभिन्न कानूनी धाराओं के अंतर्गत जुर्माना, सजा या दोनों का प्रावधान है। बाल-मजदूरी के कारण बच्चों को मानसिक और शारीरिक नुकसान से गुजरना पड़ता है। प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि बाल-मजदूरी में फंसे बच्चों के साथ मानसिक, शारीरिक और यौन-शोषण जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। 14 वर्ष से अधिक व 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा कुछ विशेष परिस्थितियों में काम कर सकता है। लेकिन उसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चा दिन में 4 घंटे से अधिक अवधि के लिए कार्य नहीं करेगा और उस दौरान बच्चे की स्कूली शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। उपस्थित सभी से आवाहन किया गया कि यदि वे किसी भी बच्चे को बाल-मजदूरी में फंसा देखें तो उसकी सूचना श्रम विभाग, पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन को देना सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी आश्वासन दिया गया कि बच्चों से जुड़ी किसी भी तरह की संवेदनशील जानकारी के संबंध में सूचना देने वाले की जानकारी पूर्णतया गुप्त रखी जाती है। जिसके लिए सूचनाकर्ता स्वयं भी कंट्रोल रूम में उसकी जानकारी को सार्वजनिक न करने की हिदायत दे सकता है। जिसका चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा पूर्णतया पालन किया जाता है। कार्यक्रम में स्कूल स्टाफ में स्कूल इंचार्ज मोनिका कुमारी, स्वाति महाजन, अंजू बल, नाजिया खान, ज्योति नरयाल, मीना कुमारी, भूपेश शर्मा, नागराज रिहैबिलिटेशन केंद्र कसाकड़ा की चेयरमैन शीतल ठाकुर, केंद्र की अध्यापिकाओं में रीमा कुमारी, तनुजा कुमारी, बनीता कुमारी, प्रियंका कुमारी, काजल कुमारी, रजनी कुमारी तनु कुमारी सहित 96 बच्चे मौजूद रहे।
चम्बा , 12 जून [ विशाल सूद ] ! चाइल्ड हेल्पलाइन चम्बा द्वारा*अंतर्राष्ट्रीय बाल-मजदूरी निषेध दिवस के उपलक्ष्य पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय कसाकड़ा व नागराज रिहैबिलिटेशन केंद्र कसाकड़ा* में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के अध्यापक-अध्यापिकाओं सहित रिहैबिलिटेशन केंद्र के स्टाफ व बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
चाइल्ड हेल्पलाइन चंबा की काउंसलर नीता देवी व सुपरवाइजर अशोक कुमार ने चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 की विस्तृत जानकारी दी व मुफ्त चाइल्ड हेल्पलाइन फोन सेवा 1098 के माध्यम से नशे की लत में पड़े, जन्म पंजीकरण से वंचित,अनाथ, अर्ध-अनाथ, स्कूल छोड़ चुके, घर से भागे हुए, मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम, शोषित, अति निर्धन, बाल-विवाह से ग्रसित, बाल-मजदूरी से ग्रसित, छेड़छाड़ से पीड़ित, घरेलू हिंसा से पीड़ित व अन्य किसी भी कारण से शोषित बच्चों हेतु चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
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टीम द्वारा पोक्सो अधिनियम के संबंध में भी जागरूक किया गया व बताया गया कि अध्यापक बच्चों के साथ हर अच्छी बुरी बात पर चर्चा करें और बच्चों के साथ उचित संवाद बनाए रखें।
बाल-मजदूरी की बुराई पर चर्चा करते हुए बताया गया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी के घर, दुकान, फैक्ट्री या अन्य जगह काम पर रखना कानूनन अपराध है। बाल-मजदूरी करवाने वाले अभिभावकों एवं नियोक्ताओं को विभिन्न कानूनी धाराओं के अंतर्गत जुर्माना, सजा या दोनों का प्रावधान है।
बाल-मजदूरी के कारण बच्चों को मानसिक और शारीरिक नुकसान से गुजरना पड़ता है। प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि बाल-मजदूरी में फंसे बच्चों के साथ मानसिक, शारीरिक और यौन-शोषण जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। 14 वर्ष से अधिक व 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा कुछ विशेष परिस्थितियों में काम कर सकता है।
लेकिन उसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चा दिन में 4 घंटे से अधिक अवधि के लिए कार्य नहीं करेगा और उस दौरान बच्चे की स्कूली शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। उपस्थित सभी से आवाहन किया गया कि यदि वे किसी भी बच्चे को बाल-मजदूरी में फंसा देखें तो उसकी सूचना श्रम विभाग, पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन को देना सुनिश्चित करें।
साथ ही यह भी आश्वासन दिया गया कि बच्चों से जुड़ी किसी भी तरह की संवेदनशील जानकारी के संबंध में सूचना देने वाले की जानकारी पूर्णतया गुप्त रखी जाती है। जिसके लिए सूचनाकर्ता स्वयं भी कंट्रोल रूम में उसकी जानकारी को सार्वजनिक न करने की हिदायत दे सकता है। जिसका चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा पूर्णतया पालन किया जाता है।
कार्यक्रम में स्कूल स्टाफ में स्कूल इंचार्ज मोनिका कुमारी, स्वाति महाजन, अंजू बल, नाजिया खान, ज्योति नरयाल, मीना कुमारी, भूपेश शर्मा, नागराज रिहैबिलिटेशन केंद्र कसाकड़ा की चेयरमैन शीतल ठाकुर, केंद्र की अध्यापिकाओं में रीमा कुमारी, तनुजा कुमारी, बनीता कुमारी, प्रियंका कुमारी, काजल कुमारी, रजनी कुमारी तनु कुमारी सहित 96 बच्चे मौजूद रहे।
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