आईसीआरटी इंडिया ने जिम्मेदार पर्यटन पर दिल्ली में किया पहला राउंड टेबल सम्मेलन नाट आन मैप संस्था के संस्थापक कुमार अनुभव ने किया संचालन राज बासू व मनीषा पांडे ने भी जिम्मेदार पर्यटन पर रखे विचार हितधारकों ने सहयोग और विस्तार के व्यावहारिक रास्तों पर सहमति जताई
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चम्बा , 20 सितंबर [ विशाल सूद ] ! देशभर में जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने व हितधारकों को प्रोत्साहित करने को लेकर प्रयास तेज हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदार पर्यटन केंद्र (आईसीआरटी) इंडिया ने दिल्ली में जिम्मेदार पर्यटन पर अपना पहला राउंड टेबल सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का संचालन नाट आन मैप संस्था के संस्थापक एवं आईसीआरटी सदस्य कुमार अनुभव ने किया। वहीं, टूरिज्म गांधी आफ इंडिया राज बासू सहित मनीषा पांडे ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें सरकार, नीति आयोग, उद्योग, गैर-सरकारी संगठनों, शिक्षा जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधि और भारत, नेपाल और श्रीलंका के आईसीआरटी पुरस्कार विजेता शामिल हुए। कुमार अनुभव ने गोलमेज सम्मेलन के संदर्भ और उद्देश्य निर्धारित करके सत्र की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि गोलमेज सम्मेलन का उद्देश्य भारत में जिम्मेदार पर्यटन के भविष्य पर विचार-विमर्श करने और विस्तार के व्यावहारिक, सहयोगात्मक रास्तों की पहचान करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। यह संवाद विश्व पर्यटन दिवस 2025 की थीम पर्यटन और सतत परिवर्तन के अनुरूप था। इसमें पर्यटन की आजीविका को मजबूत करने, विरासत और प्रकृति के संरक्षण और गंतव्य स्तर पर लचीलापन बनाने की क्षमता पर जोर दिया गया। आईसीआरटी जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रूचि ले रही है। इसके लिए अवार्ड कार्यक्रम करवाए जाते हैं। इस दौरान टूरिज्म गांधी आफ इंडिया राज बासु ने बताया कि आईसीआरटी भारत और दुनिया भर में जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अवार्ड देता है। इन पुरस्कारों को अलग-अलग श्रेणियों में दिया जाता है। इनमें यात्रा को समावेशी बनाना, विकलांग व्यक्तियों, कम आय वाले लोगों और अन्य हाशिए के समुदायों के लिए यात्रा को सुलभ बनाना। सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समझ को बढ़ावा देना और स्थानीय संस्कृतियों को संरक्षित करना शामिल है। इसके अलावा प्रकृति-हितैषी पर्यटन, प्राकृतिक वातावरण को बहाल करने और पर्यटन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने वाली पहलें भी प्रमुख हैं। जलवायु परिवर्तन, पर्यटन के संचालन में डीकार्बोनाइजेशन और उत्सर्जन को कम करने वाली परियोजनाएं, स्थानीय स्तर पर चीजों का उपयोग करके साझा मूल्य बनाना, स्थानीय व्यवसायों और कारीगरों का समर्थन करना और पर्यटन से होने वाले आर्थिक लाभों को बढ़ाना। स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना और उनके कौशल को बढ़ाना, स्थानीय समुदायों को रोजगार और प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाना आदि शामिल है। इन पुरस्कारों में विजेता का चयन कुछ खास मानदंडों पर किया जाता है, जैसे कि परियोजना का प्रभाव, दोहराव, नवीनता और टिकाऊपन। भारत में इन पुरस्कारों में गोल्ड विजेता ग्लोबल अवॉर्ड्स के लिए चुने जाते हैं। फिर विश्व में शानदार माडल प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागी को गोल्ड अवार्ड मिलता है। ऐसे में विभिन्न श्रेणियों के हितधारकों को इस ओर प्रोत्साहित करने को लेकर एक अनूठा प्रयास किया गया है। वहीं, मनीषा पांडे ने कहा कि यह दिन साझा इरादों से साझा बुनियादी ढांचे की ओर बढ़ने का था। नीतियां, कौशल, ज्ञान और बाजार जिम्मेदारी को अपवाद नहीं, बल्कि अनिवार्य बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं, शिक्षा जगत की ओर से विकसित किए जा सकने वाले विकास, समुदायों की जरूरतों और बाजार द्वारा पुरस्कृत किए जाने वाले पहलुओं को एक साथ लाकर हम लोगों और स्थानों के लिए लाभ प्रदान कर सकते हैं। आईसीआरटी पुरस्कार उन समाधानों को मान्यता और बढ़ावा देते रहेंगे, जिन्हें दोहराया जा सकता है। इसके अलावा आयोजकों व अन्य प्रतिभागियों की ओर से भी अपने विचार रखे गए। इस मौके पर राज बासू, कुमार अनुभव व मनीषा पांडे के अलावा प्रो. मनोज कुमार, डा. संजीव सरांहगी, रूपेश कुमार, स्वाति प्रेमर और डा. अदिति चौधरी ने भी अपने विचार रखे। फेयरफेस्ट मीडिया से सैंड्रिन क्लाराक (निदेशक-विपणन) और गजनफर इब्राहिम (एमडी और सीएमओ) कार्यवाही में शामिल हुए। कार्यक्रम में उत्तराखंड पर्यटन की अतिरिक्त निदेशक पूनम चंद, नीति आयोग से अमित भारद्वाज, नारा प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी से निर्मला रणसिंघे, जापान में एसोसिएट प्रोफेसर, हील ओया सीबीटी विलेज का प्रतिनिधित्व करने वाली श्रीलंका की समादी राजकप्शा और कई अन्य शामिल थे।
चम्बा , 20 सितंबर [ विशाल सूद ] ! देशभर में जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने व हितधारकों को प्रोत्साहित करने को लेकर प्रयास तेज हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदार पर्यटन केंद्र (आईसीआरटी) इंडिया ने दिल्ली में जिम्मेदार पर्यटन पर अपना पहला राउंड टेबल सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का संचालन नाट आन मैप संस्था के संस्थापक एवं आईसीआरटी सदस्य कुमार अनुभव ने किया। वहीं, टूरिज्म गांधी आफ इंडिया राज बासू सहित मनीषा पांडे ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसमें सरकार, नीति आयोग, उद्योग, गैर-सरकारी संगठनों, शिक्षा जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधि और भारत, नेपाल और श्रीलंका के आईसीआरटी पुरस्कार विजेता शामिल हुए। कुमार अनुभव ने गोलमेज सम्मेलन के संदर्भ और उद्देश्य निर्धारित करके सत्र की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि गोलमेज सम्मेलन का उद्देश्य भारत में जिम्मेदार पर्यटन के भविष्य पर विचार-विमर्श करने और विस्तार के व्यावहारिक, सहयोगात्मक रास्तों की पहचान करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है।
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यह संवाद विश्व पर्यटन दिवस 2025 की थीम पर्यटन और सतत परिवर्तन के अनुरूप था। इसमें पर्यटन की आजीविका को मजबूत करने, विरासत और प्रकृति के संरक्षण और गंतव्य स्तर पर लचीलापन बनाने की क्षमता पर जोर दिया गया। आईसीआरटी जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रूचि ले रही है। इसके लिए अवार्ड कार्यक्रम करवाए जाते हैं।
इस दौरान टूरिज्म गांधी आफ इंडिया राज बासु ने बताया कि आईसीआरटी भारत और दुनिया भर में जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अवार्ड देता है। इन पुरस्कारों को अलग-अलग श्रेणियों में दिया जाता है। इनमें यात्रा को समावेशी बनाना, विकलांग व्यक्तियों, कम आय वाले लोगों और अन्य हाशिए के समुदायों के लिए यात्रा को सुलभ बनाना।
सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समझ को बढ़ावा देना और स्थानीय संस्कृतियों को संरक्षित करना शामिल है। इसके अलावा प्रकृति-हितैषी पर्यटन, प्राकृतिक वातावरण को बहाल करने और पर्यटन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने वाली पहलें भी प्रमुख हैं।
जलवायु परिवर्तन, पर्यटन के संचालन में डीकार्बोनाइजेशन और उत्सर्जन को कम करने वाली परियोजनाएं, स्थानीय स्तर पर चीजों का उपयोग करके साझा मूल्य बनाना, स्थानीय व्यवसायों और कारीगरों का समर्थन करना और पर्यटन से होने वाले आर्थिक लाभों को बढ़ाना।
स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना और उनके कौशल को बढ़ाना, स्थानीय समुदायों को रोजगार और प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाना आदि शामिल है। इन पुरस्कारों में विजेता का चयन कुछ खास मानदंडों पर किया जाता है, जैसे कि परियोजना का प्रभाव, दोहराव, नवीनता और टिकाऊपन। भारत में इन पुरस्कारों में गोल्ड विजेता ग्लोबल अवॉर्ड्स के लिए चुने जाते हैं।
फिर विश्व में शानदार माडल प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागी को गोल्ड अवार्ड मिलता है। ऐसे में विभिन्न श्रेणियों के हितधारकों को इस ओर प्रोत्साहित करने को लेकर एक अनूठा प्रयास किया गया है।
वहीं, मनीषा पांडे ने कहा कि यह दिन साझा इरादों से साझा बुनियादी ढांचे की ओर बढ़ने का था। नीतियां, कौशल, ज्ञान और बाजार जिम्मेदारी को अपवाद नहीं, बल्कि अनिवार्य बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं, शिक्षा जगत की ओर से विकसित किए जा सकने वाले विकास, समुदायों की जरूरतों और बाजार द्वारा पुरस्कृत किए जाने वाले पहलुओं को एक साथ लाकर हम लोगों और स्थानों के लिए लाभ प्रदान कर सकते हैं। आईसीआरटी पुरस्कार उन समाधानों को मान्यता और बढ़ावा देते रहेंगे, जिन्हें दोहराया जा सकता है। इसके अलावा आयोजकों व अन्य प्रतिभागियों की ओर से भी अपने विचार रखे गए।
इस मौके पर राज बासू, कुमार अनुभव व मनीषा पांडे के अलावा प्रो. मनोज कुमार, डा. संजीव सरांहगी, रूपेश कुमार, स्वाति प्रेमर और डा. अदिति चौधरी ने भी अपने विचार रखे। फेयरफेस्ट मीडिया से सैंड्रिन क्लाराक (निदेशक-विपणन) और गजनफर इब्राहिम (एमडी और सीएमओ) कार्यवाही में शामिल हुए।
कार्यक्रम में उत्तराखंड पर्यटन की अतिरिक्त निदेशक पूनम चंद, नीति आयोग से अमित भारद्वाज, नारा प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी से निर्मला रणसिंघे, जापान में एसोसिएट प्रोफेसर, हील ओया सीबीटी विलेज का प्रतिनिधित्व करने वाली श्रीलंका की समादी राजकप्शा और कई अन्य शामिल थे।
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