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चम्बा ,23 मार्च ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला चम्बा द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा के सभागार में एमएए प्रोग्राम के अंतर्गत इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग के बारे चिकित्सा अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा डॉ कपिल शर्मा ने की। इस शिविर में जिला चम्बा के सभी स्वास्थ्य खंडों के लगभग 24 चिकित्सा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।शिविर में पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जूही ने प्रशिक्षक के तौर पर भूमिका निभाई । इस मौके पर बोलते हुए डॉ जूही ने बताया कि 0 से 5 साल तक के बच्चों के मृत्यु का मुख्य कारण डायरिया ,निमोनिया, व कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चा जल्द ही निमोनिया व डायरिया का शिकार हो जाता है और यदि समय पर उपचार न मिले तो वह मृत्यु का शिकार हो जाता है । इस मौके पर उन्होंने बताया कि 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना बहुत जरूरी है ,-जैसे जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान करवाये, 6 माह तक केवल और केवल मां का दूध ही दिया जाए ,6 माह के बाद बच्चे में मां के दूध के साथ ऊपरी आहार भी दिया जाए और 2 साल तक बच्चे को ऊपरी आहार के साथ मां का दूध पिलाना भी जारी रखा जाए। इसके बारे में लोगों को ग्रामीण स्तर तक जागरूकता लाना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यदि बच्चों में कुपोषण होता है तो उनका उपचार और कैसी देखभाल की जाए ,कहां की जाए, के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग चम्बा में न्यूट्रिशनल काउंसलर के रूप में कार्यरत पूनम सहगल ने भी डॉ जूही के साथ प्रशिक्षण में सहयोगी की भूमिका निभाई। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा द्वारा उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी चलाए जा रहे विभिन्न प्रोग्रामो को सुचारु रूप से क्रियान्वित करने के लिए भी दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग चम्बा की ओ हँर से जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर हरित पुरी, डॉक्टर करण हितेषी तथा स्वास्थ्य शिक्षिका निर्मला ठाकुर भी उपस्थित रहे । https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा ,23 मार्च ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला चम्बा द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा के सभागार में एमएए प्रोग्राम के अंतर्गत इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग के बारे चिकित्सा अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा डॉ कपिल शर्मा ने की।
इस शिविर में जिला चम्बा के सभी स्वास्थ्य खंडों के लगभग 24 चिकित्सा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।शिविर में पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जूही ने प्रशिक्षक के तौर पर भूमिका निभाई ।
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इस मौके पर बोलते हुए डॉ जूही ने बताया कि 0 से 5 साल तक के बच्चों के मृत्यु का मुख्य कारण डायरिया ,निमोनिया, व कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चा जल्द ही निमोनिया व डायरिया का शिकार हो जाता है और यदि समय पर उपचार न मिले तो वह मृत्यु का शिकार हो जाता है ।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना बहुत जरूरी है ,-जैसे जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान करवाये, 6 माह तक केवल और केवल मां का दूध ही दिया जाए ,6 माह के बाद बच्चे में मां के दूध के साथ ऊपरी आहार भी दिया जाए और 2 साल तक बच्चे को ऊपरी आहार के साथ मां का दूध पिलाना भी जारी रखा जाए।
इसके बारे में लोगों को ग्रामीण स्तर तक जागरूकता लाना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यदि बच्चों में कुपोषण होता है तो उनका उपचार और कैसी देखभाल की जाए ,कहां की जाए, के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग चम्बा में न्यूट्रिशनल काउंसलर के रूप में कार्यरत पूनम सहगल ने भी डॉ जूही के साथ प्रशिक्षण में सहयोगी की भूमिका निभाई।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा द्वारा उपस्थित चिकित्सा अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी चलाए जा रहे विभिन्न प्रोग्रामो को सुचारु रूप से क्रियान्वित करने के लिए भी दिशा निर्देश दिए।
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग चम्बा की ओ हँर से जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर हरित पुरी, डॉक्टर करण हितेषी तथा स्वास्थ्य शिक्षिका निर्मला ठाकुर भी उपस्थित रहे ।
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