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चम्बा ! 11 मई [ रीना सहोत्रा ] !आज दिनांक 11 मई 2024 को मिड डे मील वर्कर यूनियन ब्लॉक सुंडला की बैठक सुंडला में हुई। बैठक में सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र शामिल रहे। बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक के अध्यक्ष विपिन ने की। विपिन ने बताया कि ब्लॉक में पिछले 4 महीने से मिड डे मील वर्कर को मानदेय नहीं मिला है। जिसके चलते वर्कर परेशान है। मिड डे मील वर्कर का वेतन केवल 4500 रुपया है । अभी भी 2023 का बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिला है। जोकि आज के महंगाई के समय में ऊंट के मुंह में जीरा है। वह भी समय पर नहीं दिया जाता है। लाखों रुपए वेतन लेने वालों को महीने की पहली तारीख को वेतन मिल जाता है। अभी चुनाव होने जा रहे हैं जिसमें मिड डे मील वर्कर को खाना बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन उन्हें कुछ भी अतिरिक्त नहीं दिया जाएगा। महिलाओं की भी जिम्मेदारी लगा दी है शाम के समय में महिला काम नहीं कर सकती हैं। इसलिए यूनियन ने मांग की है की उन्हें चुनाव के समय खाना बनाने पर दिहाड़ी दी जाए। मिड डे मील वर्कर को आज की इतनी महंगाई के समय में परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। सबसे बड़ा मुद्दा जो अभी बना है वह है 25 बच्चों की शर्त जो स्कीम में रखी गई है। इसी वर्ष कई वर्कर जो 15 साल से काम कर रहे थे उन्हें निकाल दिया गया। उसके बाद उनकी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। केंद्र सरकार की और से लंबे समय से एक रुपए की भी बढोतरी नहीं की है। सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्कीम को मजबूत करने की जगह उसे कमजोर किया है। लगातार बजट में कटौती की जा रही है। बच्चों को मिलने वाले पोषण डाइट के कमी की गई है। दाल पहले प्रति छात्र 30 ग्राम थी उसे अब घटा कर 20 ग्राम कर दिया है। इसके चलते कुपोषण आने वाले समय में और बढ़ेगा। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार स्कीम के प्रति कितनी सजग है। स्कीम को केंद्र सरकार प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को बेचने की फिराक में है। श्रम कानून खत्म कर के उन्हें चार कोड में तब्दील कर दिया है। मिड डे मील वर्कर यूनियन ने घोषणा पत्र जारी करके कहा है की केंद्र सरकार ने लगातार आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाया है। महंगाई आज आसमान छू रही है। बेरोजगारी चरम पर है। सरकारी उपक्रमों को निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है। महिलाओं दलितों पर हिंसा बढ़ी है। मजदूर के पक्ष के कानून बदले गए हैं। लोकतंत्र को कमजोर और संविधान को खत्म करने को साजिश हो रही है। मिड डे मील इस चुनाव में कड़ा कदम उठाएगी और पूरे जिला में बीजेपी के खिलाफ अभियान चलाएगी ।
चम्बा ! 11 मई [ रीना सहोत्रा ] !आज दिनांक 11 मई 2024 को मिड डे मील वर्कर यूनियन ब्लॉक सुंडला की बैठक सुंडला में हुई। बैठक में सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र शामिल रहे। बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक के अध्यक्ष विपिन ने की।
विपिन ने बताया कि ब्लॉक में पिछले 4 महीने से मिड डे मील वर्कर को मानदेय नहीं मिला है। जिसके चलते वर्कर परेशान है। मिड डे मील वर्कर का वेतन केवल 4500 रुपया है । अभी भी 2023 का बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिला है। जोकि आज के महंगाई के समय में ऊंट के मुंह में जीरा है। वह भी समय पर नहीं दिया जाता है। लाखों रुपए वेतन लेने वालों को महीने की पहली तारीख को वेतन मिल जाता है।
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अभी चुनाव होने जा रहे हैं जिसमें मिड डे मील वर्कर को खाना बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन उन्हें कुछ भी अतिरिक्त नहीं दिया जाएगा। महिलाओं की भी जिम्मेदारी लगा दी है शाम के समय में महिला काम नहीं कर सकती हैं। इसलिए यूनियन ने मांग की है की उन्हें चुनाव के समय खाना बनाने पर दिहाड़ी दी जाए।
मिड डे मील वर्कर को आज की इतनी महंगाई के समय में परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। सबसे बड़ा मुद्दा जो अभी बना है वह है 25 बच्चों की शर्त जो स्कीम में रखी गई है। इसी वर्ष कई वर्कर जो 15 साल से काम कर रहे थे उन्हें निकाल दिया गया। उसके बाद उनकी कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। केंद्र सरकार की और से लंबे समय से एक रुपए की भी बढोतरी नहीं की है।
सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्कीम को मजबूत करने की जगह उसे कमजोर किया है। लगातार बजट में कटौती की जा रही है। बच्चों को मिलने वाले पोषण डाइट के कमी की गई है। दाल पहले प्रति छात्र 30 ग्राम थी उसे अब घटा कर 20 ग्राम कर दिया है।
इसके चलते कुपोषण आने वाले समय में और बढ़ेगा। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार स्कीम के प्रति कितनी सजग है। स्कीम को केंद्र सरकार प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को बेचने की फिराक में है। श्रम कानून खत्म कर के उन्हें चार कोड में तब्दील कर दिया है।
मिड डे मील वर्कर यूनियन ने घोषणा पत्र जारी करके कहा है की केंद्र सरकार ने लगातार आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाया है। महंगाई आज आसमान छू रही है। बेरोजगारी चरम पर है। सरकारी उपक्रमों को निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है।
महिलाओं दलितों पर हिंसा बढ़ी है। मजदूर के पक्ष के कानून बदले गए हैं। लोकतंत्र को कमजोर और संविधान को खत्म करने को साजिश हो रही है। मिड डे मील इस चुनाव में कड़ा कदम उठाएगी और पूरे जिला में बीजेपी के खिलाफ अभियान चलाएगी ।
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