
डीसी ने अधिकारियों को आपसी समन्वय एवं त्वरित प्रतिक्रिया से आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के दिए निर्देश
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बिलासपुर, 25 जून [ शिवानी ] ! जिले में आगामी मानसून सीजन की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को जिला मुख्यालय के बचत भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने की। बैठक के दौरान उपायुक्त ने विभिन्न विभागों द्वारा मानसून से पूर्व की गई तैयारियों, संभावित आपदाओं से निपटने की रणनीतियों, तथा समन्वित कार्य योजना की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग प्रो-एक्टिव रवैया अपनाएं तथा आपसी समन्वय से कार्य करते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार रहें। उपायुक्त ने राहत एवं बचाव कार्यों से संबंधित संसाधनों की उपलब्धता, त्वरित संचार व्यवस्था, आपातकालीन नियंत्रण कक्ष की स्थिति तथा संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विभागवार रिपोर्ट ली। उन्होंने विशेष रूप से लोक निर्माण विभाग एवं जल शक्ति विभाग को एसडीएमएफ परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में निर्देश दिए गए कि वर्षा ऋतु से पूर्व नालों और जल निकासी चैनलों की सफाई सुनिश्चित की जाए तथा बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली को सक्रिय रखा जाए। बांधों से जल छोड़ने की स्थिति की निगरानी और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) व केंद्रीय जल आयोग (CWC) द्वारा जारी अलर्ट्स का त्वरित प्रचार सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। इस दौरान एनटीपीसी के अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी डैम से लेकर मंडी भराडी पुल तक लगभग 33 किलोमीटर तक लोगों को पानी छोड़ने के दौरान जागरूक करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करेगी उन्होंने बताया कि अब तक एनटीपीसी द्वारा 10 अर्ली मॉर्निंग सिस्टम लगाया था जिसे बाद कर अब 17 किया जाएगा। उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को जलजनित और वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बरसात के मौसम में सर्पदंश के मामलों पर जनजागरूकता फैलाने और प्रभावित व्यक्तियों को शीघ्र इलाज उपलब्ध करवाने को भी प्राथमिकता देने को कहा। बैठक में संवेदनशील बस्तियों की पहचान, आवश्यक वस्तुओं का अग्रिम भंडारण, स्वयंसेवकों के साथ समन्वय स्थापित करने, आपदा जोखिम मूल्यांकन एवं जिला आपदा प्रबंधन योजना की समझ को बढ़ाने पर जोर दिया गया। साथ ही, सड़क, पुल, जलापूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं की त्वरित मरम्मत एवं पुनःस्थापना के निर्देश भी दिए गए। जन जागरूकता अभियानों में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की सहभागिता सुनिश्चित करने, आई-सैट फोन व वी-सैट जैसी संचार प्रणालियों की स्थिति की समीक्षा, सुरक्षित यात्राओं का आयोजन, तथा सूचना, शिक्षा एवं संचार गतिविधियों को सुदृढ़ करने पर विशेष चर्चा की गई। जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पाइप लाइनों की जांच एवं मरम्मत को भी प्राथमिकता देने को कहा गया। उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा विकसित 'सचेत ऐप' को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करें और मौसम संबंधी चेतावनियों से सतर्क रहें।
बिलासपुर, 25 जून [ शिवानी ] ! जिले में आगामी मानसून सीजन की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को जिला मुख्यालय के बचत भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने की। बैठक के दौरान उपायुक्त ने विभिन्न विभागों द्वारा मानसून से पूर्व की गई तैयारियों, संभावित आपदाओं से निपटने की रणनीतियों, तथा समन्वित कार्य योजना की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग प्रो-एक्टिव रवैया अपनाएं तथा आपसी समन्वय से कार्य करते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार रहें।
उपायुक्त ने राहत एवं बचाव कार्यों से संबंधित संसाधनों की उपलब्धता, त्वरित संचार व्यवस्था, आपातकालीन नियंत्रण कक्ष की स्थिति तथा संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विभागवार रिपोर्ट ली। उन्होंने विशेष रूप से लोक निर्माण विभाग एवं जल शक्ति विभाग को एसडीएमएफ परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
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बैठक में निर्देश दिए गए कि वर्षा ऋतु से पूर्व नालों और जल निकासी चैनलों की सफाई सुनिश्चित की जाए तथा बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली को सक्रिय रखा जाए। बांधों से जल छोड़ने की स्थिति की निगरानी और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) व केंद्रीय जल आयोग (CWC) द्वारा जारी अलर्ट्स का त्वरित प्रचार सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया।
इस दौरान एनटीपीसी के अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी डैम से लेकर मंडी भराडी पुल तक लगभग 33 किलोमीटर तक लोगों को पानी छोड़ने के दौरान जागरूक करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करेगी उन्होंने बताया कि अब तक एनटीपीसी द्वारा 10 अर्ली मॉर्निंग सिस्टम लगाया था जिसे बाद कर अब 17 किया जाएगा।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को जलजनित और वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बरसात के मौसम में सर्पदंश के मामलों पर जनजागरूकता फैलाने और प्रभावित व्यक्तियों को शीघ्र इलाज उपलब्ध करवाने को भी प्राथमिकता देने को कहा।
बैठक में संवेदनशील बस्तियों की पहचान, आवश्यक वस्तुओं का अग्रिम भंडारण, स्वयंसेवकों के साथ समन्वय स्थापित करने, आपदा जोखिम मूल्यांकन एवं जिला आपदा प्रबंधन योजना की समझ को बढ़ाने पर जोर दिया गया। साथ ही, सड़क, पुल, जलापूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं की त्वरित मरम्मत एवं पुनःस्थापना के निर्देश भी दिए गए।
जन जागरूकता अभियानों में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की सहभागिता सुनिश्चित करने, आई-सैट फोन व वी-सैट जैसी संचार प्रणालियों की स्थिति की समीक्षा, सुरक्षित यात्राओं का आयोजन, तथा सूचना, शिक्षा एवं संचार गतिविधियों को सुदृढ़ करने पर विशेष चर्चा की गई। जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पाइप लाइनों की जांच एवं मरम्मत को भी प्राथमिकता देने को कहा गया।
उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा विकसित 'सचेत ऐप' को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करें और मौसम संबंधी चेतावनियों से सतर्क रहें।
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