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धर्मशाला , 11 अगस्त [ विशाल सूद ] ! फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना के टेंडर विवाद ने प्रदेश की राजनीति में गर्माहट ला दी है पहले इस मामले को पूर्व मंत्री राकेश पठानिया ने उठाया था उन्होंने कहा था कि यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था और इसको पूर्व में रही सरकार के समय में इसको लेकर आया था इस मामले में उन्होंने गंभीर आरोप लगाए थे कि इस प्रोजेक्ट में धांधली हुई है। इस टेंडर में मौजूदा सरकार के नेताओं ने अपने फायदे के चलते इस टेंडर को ऐसी कंपनी को टेंडर आवंटित किया जिसने इस स्तर के बांध निर्माण का कोई भी काम नहीं किया हुआ है अब पूर्व मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर के गंभीर आरोपों के बाद अब बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने भी इस मामले को लेकर जल शक्ति विभाग की सचिव राखिल काहलों और इंजीनियर-इन-चीफ अंजू शर्मा को लीगल नोटिस भेजा है। विधायक लखनपाल ने आरोप लगाया कि ₹293.78 करोड़ के टेंडर में पात्रता मानदंडों से छेड़छाड़ कर एक ऐसी फर्म को ठेका देने की कोशिश की जा रही है, जिसके पास ग्रेविटी डैम निर्माण का कोई अनुभव नहीं है उन्होंने दावा किया कि यह केंद्र सरकार द्वारा 90:10 के अनुपात में वित्त पोषित परियोजना है, जिसमें ₹53 करोड़ की पहली किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है, लेकिन राज्य सरकार भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है। पूर्व मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने भी प्रेस वार्ता में आरोप लगाया था कि टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी, पक्षपात और करोड़ों रुपये के गबन की कोशिश की जा रही है उनका कहना है कि “कार्य की समान प्रकृति” की परिभाषा में जानबूझकर बदलाव कर एक विशेष फर्म को लाभ पहुँचाया गया, जबकि मुख्य अभियंता दीपक गर्ग के आधिकारिक पत्र में साफ स्वीकार किया गया है कि उक्त फर्म के पास बाँध निर्माण का कोई अनुभव नहीं है। ऐसे में प्रश्न उठेगा ही कि बांध निर्माण के मामले में एक अनुभवहीन कंपनी को कार्य आवंटित करने को विभाग आख़िर क्यों उतारू है विधायक लखनपाल ने चेतावनी दी कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। वहीं, इंजीनियर-इन-चीफ अंजू व्यास ने कहा कि विभाग को लीगल नोटिस प्राप्त हो गया है और इसका जवाब समय पर दिया जाएगा प्रदेश में फिन्ना सिंह परियोजना को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने भी इस संदर्भ में मामले को उठाया और मौजूदा सरकार को इस मामले जांच की भी बात कही थी विपक्ष के लगातार हमलों से सियासी पारा चढ़ गया है और अब यह मामला बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।
धर्मशाला , 11 अगस्त [ विशाल सूद ] ! फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना के टेंडर विवाद ने प्रदेश की राजनीति में गर्माहट ला दी है पहले इस मामले को पूर्व मंत्री राकेश पठानिया ने उठाया था उन्होंने कहा था कि यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था और इसको पूर्व में रही सरकार के समय में इसको लेकर आया था इस मामले में उन्होंने गंभीर आरोप लगाए थे कि इस प्रोजेक्ट में धांधली हुई है।
इस टेंडर में मौजूदा सरकार के नेताओं ने अपने फायदे के चलते इस टेंडर को ऐसी कंपनी को टेंडर आवंटित किया जिसने इस स्तर के बांध निर्माण का कोई भी काम नहीं किया हुआ है अब पूर्व मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर के गंभीर आरोपों के बाद अब बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने भी इस मामले को लेकर जल शक्ति विभाग की सचिव राखिल काहलों और इंजीनियर-इन-चीफ अंजू शर्मा को लीगल नोटिस भेजा है।
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विधायक लखनपाल ने आरोप लगाया कि ₹293.78 करोड़ के टेंडर में पात्रता मानदंडों से छेड़छाड़ कर एक ऐसी फर्म को ठेका देने की कोशिश की जा रही है, जिसके पास ग्रेविटी डैम निर्माण का कोई अनुभव नहीं है उन्होंने दावा किया कि यह केंद्र सरकार द्वारा 90:10 के अनुपात में वित्त पोषित परियोजना है, जिसमें ₹53 करोड़ की पहली किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है, लेकिन राज्य सरकार भ्रष्टाचार के रास्ते तलाश रही है।
पूर्व मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने भी प्रेस वार्ता में आरोप लगाया था कि टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी, पक्षपात और करोड़ों रुपये के गबन की कोशिश की जा रही है उनका कहना है कि “कार्य की समान प्रकृति” की परिभाषा में जानबूझकर बदलाव कर एक विशेष फर्म को लाभ पहुँचाया गया, जबकि मुख्य अभियंता दीपक गर्ग के आधिकारिक पत्र में साफ स्वीकार किया गया है कि उक्त फर्म के पास बाँध निर्माण का कोई अनुभव नहीं है।
ऐसे में प्रश्न उठेगा ही कि बांध निर्माण के मामले में एक अनुभवहीन कंपनी को कार्य आवंटित करने को विभाग आख़िर क्यों उतारू है विधायक लखनपाल ने चेतावनी दी कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।
वहीं, इंजीनियर-इन-चीफ अंजू व्यास ने कहा कि विभाग को लीगल नोटिस प्राप्त हो गया है और इसका जवाब समय पर दिया जाएगा प्रदेश में फिन्ना सिंह परियोजना को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने भी इस संदर्भ में मामले को उठाया और मौजूदा सरकार को इस मामले जांच की भी बात कही थी विपक्ष के लगातार हमलों से सियासी पारा चढ़ गया है और अब यह मामला बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।
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