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शिमला , 07 जून [ विशाल सूद ] ! आज देशभर में ईद-उल-अजहा यानी कुर्बानी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। शिमला की ईदगाहों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद-उल-अजहा की नमाज की और एक दूसरे को गले लगा कर बधाई दी। शिमला के रुलदुभट्टा स्थित ईदगाह में भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्र हुए और ईद-उल-अजहा के पर्व पर नमाज अदा की। इस मौके पर मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि ईद-उल-अजहा का पर्व कुर्बानी के लिए जाना जाता है और देश के लिए कुर्बानी या शहादत देने के लिए मुस्लिम समुदाय हमेशा तैयार है। यही संदेश ईद-उल-अजहा के पर्व पर दिया जाता है। अगर संविधान को बचाने और देश की एकता अखंडता को बनाए रखने के लिए कुर्बानी भी देनी पड़े तो उसके लिए मुस्लिम समुदाय हमेशा तैयार रहता है।आज के दिन जानवरों की कुर्बानी दी जाती है।
शिमला , 07 जून [ विशाल सूद ] ! आज देशभर में ईद-उल-अजहा यानी कुर्बानी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। शिमला की ईदगाहों में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद-उल-अजहा की नमाज की और एक दूसरे को गले लगा कर बधाई दी। शिमला के रुलदुभट्टा स्थित ईदगाह में भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्र हुए और ईद-उल-अजहा के पर्व पर नमाज अदा की।
इस मौके पर मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि ईद-उल-अजहा का पर्व कुर्बानी के लिए जाना जाता है और देश के लिए कुर्बानी या शहादत देने के लिए मुस्लिम समुदाय हमेशा तैयार है। यही संदेश ईद-उल-अजहा के पर्व पर दिया जाता है। अगर संविधान को बचाने और देश की एकता अखंडता को बनाए रखने के लिए कुर्बानी भी देनी पड़े तो उसके लिए मुस्लिम समुदाय हमेशा तैयार रहता है।आज के दिन जानवरों की कुर्बानी दी जाती है।
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