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सिरमौर, 13 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिवपुर में आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय अंडर-14 गर्ल्स टूर्नामेंट का समापन शानदार अंदाज़ में हुआ। इस भव्य आयोजन में 600 से अधिक छात्राओं ने विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, जबकि 100 से अधिक कन्वीनर और प्रशिक्षकों ने कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई। मुख्य अतिथि अरिकेश जंग ने तीनों दिनों के दौरान छात्राओं का उत्साह बढ़ाया और कहा कि “इन बेटियों ने जो मेहनत और जज़्बा दिखाया है, वही भविष्य में हिमाचल का नाम पूरे देश में रोशन करेगा।” उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जीवन का जरूरी हिस्सा हैं, क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही सशक्त मन बसता है। अरिकेश जंग ने आगे कहा कि आज की बेटियां किसी से कम नहीं हैं, वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जो छात्राएं इस बार पीछे रह गईं, वे आने वाले समय में और बेहतर करेंगी — यही सच्ची जीत है। इस अवसर पर प्रदीप चौहान और महबूब अली भी मौजूद रहे। पूरे शिवपुर स्कूल का वातावरण बेटियों की जयकारों, जोश और उमंग से गूंज उठा। यह आयोजन न केवल खेलों का पर्व बना, बल्कि बेटियों की प्रतिभा और परिश्रम का प्रेरक प्रतीक भी साबित हुआ।
सिरमौर, 13 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिवपुर में आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय अंडर-14 गर्ल्स टूर्नामेंट का समापन शानदार अंदाज़ में हुआ। इस भव्य आयोजन में 600 से अधिक छात्राओं ने विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, जबकि 100 से अधिक कन्वीनर और प्रशिक्षकों ने कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
मुख्य अतिथि अरिकेश जंग ने तीनों दिनों के दौरान छात्राओं का उत्साह बढ़ाया और कहा कि “इन बेटियों ने जो मेहनत और जज़्बा दिखाया है, वही भविष्य में हिमाचल का नाम पूरे देश में रोशन करेगा।” उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जीवन का जरूरी हिस्सा हैं, क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही सशक्त मन बसता है।
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अरिकेश जंग ने आगे कहा कि आज की बेटियां किसी से कम नहीं हैं, वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जो छात्राएं इस बार पीछे रह गईं, वे आने वाले समय में और बेहतर करेंगी — यही सच्ची जीत है।
इस अवसर पर प्रदीप चौहान और महबूब अली भी मौजूद रहे। पूरे शिवपुर स्कूल का वातावरण बेटियों की जयकारों, जोश और उमंग से गूंज उठा। यह आयोजन न केवल खेलों का पर्व बना, बल्कि बेटियों की प्रतिभा और परिश्रम का प्रेरक प्रतीक भी साबित हुआ।
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