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शिमला , 19 जुलाई [ विशाल सूद ] ! वन भूमि में अवैध कब्जों को हटाने के लिए काटे जा रहे सेब के पौधों के कटान पर रोक लगाने के लिए हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। साथ एफसीए एक्ट 1980 राहत देने की मांग को लेकर भी सरकार गोदावर्मन केस में याचिका दायर करने जा रही ताकि इसकी तर्ज पर हिमाचल को कुछ राहत मिल सके। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बरसात के समय सेब के पेड़ों के कटान पर सरकार चिंतित है।कटान से में नुकसान हो सकता है। सेब का पेड़ काटने के बाद उसे कहां डिस्पोज करें यह भी समस्या है। सरकार अवैध कब्जों को हटाने के खिलाफ नहीं है लेकिन भारी बारिश के दौरान पेड़ कटान ठीक नहीं है इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। इसलिए सरकार हाई कोर्ट के पेड़ काटने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रही है इसके एडवोकेट जनरल को भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा हिमाचल सरकार एफसीए एक्ट 1980 में संशोधन की केंद्र सरकार से मांग की जा रही है। अब सरकार इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में गोदावर्मन केस में याचिका दायर कर रही है जिसमें हिमाचल को भी राहत की मांग करेंगे। इसके अलावा राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश के भूमिहीनों जो लोग वन भूमि पर जीवन निर्वाह कर रहे हैं उन लोगों से फॉरेस्ट राइट्स एक्ट, 2006 के तहत लाभ लेने की अपील की है ऐसे कहा है कि प्रदेश के हजारों लोग अपने पारंपरिक अधिकारों को वैध कर सकते हैं, लेकिन लोग इस कानून के प्रति जागरूक नहीं हैं और इसके लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं। वहीं जगत सिंह नेगी ने केंद्र सरकार पर आपदा राहत में मदद को लेकर हिमाचल के साथ भेदभाव के आरोप लगाए हैं और कहा कि 2023 की आपदा के लिए स्वीकृत 1500 करोड़ की राहत राशि अभी तक पूरी नहीं मिली है उसमें भी केंद्र सरकार ने शर्त रखी है कि पहले राज्य को 500 करोड़ खर्च करने होंगे, तभी केंद्र शेष राशि जारी करेगा।
शिमला , 19 जुलाई [ विशाल सूद ] ! वन भूमि में अवैध कब्जों को हटाने के लिए काटे जा रहे सेब के पौधों के कटान पर रोक लगाने के लिए हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। साथ एफसीए एक्ट 1980 राहत देने की मांग को लेकर भी सरकार गोदावर्मन केस में याचिका दायर करने जा रही ताकि इसकी तर्ज पर हिमाचल को कुछ राहत मिल सके।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बरसात के समय सेब के पेड़ों के कटान पर सरकार चिंतित है।कटान से में नुकसान हो सकता है। सेब का पेड़ काटने के बाद उसे कहां डिस्पोज करें यह भी समस्या है। सरकार अवैध कब्जों को हटाने के खिलाफ नहीं है लेकिन भारी बारिश के दौरान पेड़ कटान ठीक नहीं है इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।
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इसलिए सरकार हाई कोर्ट के पेड़ काटने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रही है इसके एडवोकेट जनरल को भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा हिमाचल सरकार एफसीए एक्ट 1980 में संशोधन की केंद्र सरकार से मांग की जा रही है। अब सरकार इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में गोदावर्मन केस में याचिका दायर कर रही है जिसमें हिमाचल को भी राहत की मांग करेंगे।
इसके अलावा राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश के भूमिहीनों जो लोग वन भूमि पर जीवन निर्वाह कर रहे हैं उन लोगों से फॉरेस्ट राइट्स एक्ट, 2006 के तहत लाभ लेने की अपील की है ऐसे कहा है कि प्रदेश के हजारों लोग अपने पारंपरिक अधिकारों को वैध कर सकते हैं, लेकिन लोग इस कानून के प्रति जागरूक नहीं हैं और इसके लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं।
वहीं जगत सिंह नेगी ने केंद्र सरकार पर आपदा राहत में मदद को लेकर हिमाचल के साथ भेदभाव के आरोप लगाए हैं और कहा कि 2023 की आपदा के लिए स्वीकृत 1500 करोड़ की राहत राशि अभी तक पूरी नहीं मिली है उसमें भी केंद्र सरकार ने शर्त रखी है कि पहले राज्य को 500 करोड़ खर्च करने होंगे, तभी केंद्र शेष राशि जारी करेगा।
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