कांग्रेस सरकार, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हो, ईमानदार अधिकारियों को हाशिए पर धकेलती हो और आपराधिक घटनाओं पर ठोस कार्रवाई न करती हो, उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 28 मई [ विशाल सूद ] ! भाजपा हिमाचल प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से राजभवन में मिला, उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन और समस्त सांसद, विधायक उपस्थित रहे। भाजपा हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और प्रशासनिक विफलता के गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्यपाल को ज्ञापन बारे बताया। वही मीडिया से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि 26 मई, 2025 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रेस वार्ता में उच्च न्यायालय के निर्णय पर टिप्पणी कर न्यायालय की अवमानना करने का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के उस निर्णय पर असहमति जताई, जिसमें जांच टीम में हिमाचल कैडर के अधिकारियों को शामिल न करने की बात कही गई थी। यह बयान उनकी हताशा और अहंकार को दर्शाता है।नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि कांग्रेस सरकार की कार्यशैली और नीतियां संदेहास्पद हैं। सरकार ने सीबीआई जांच को स्वीकार तो किया, लेकिन तथ्यों से स्पष्ट है कि सरकार इस जांच में सहयोग नहीं कर रही। कई मामलों में सबूतों के साथ छेड़छाड़ और उन्हें नष्ट करने के प्रयास किए गए हैं। उदाहरण के तौर पर पेन ड्राइव गायब करना, महत्वपूर्ण सबूतों के साथ छेड़छाड़, पेखूवाला सोलर प्रोजेक्ट : इस परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप, अतिरिक्त मुख्य सचिव की रिपोर्ट को नजरअंदाज करना, महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाने का प्रयास, आरोपियों को संरक्षण: केस में दर्ज आरोपियों को गिरफ्तार न कर उन्हें अग्रिम जमानत लेने का समय देना, ईमानदार अधिकारियों का उत्पीड़न: दो वरिष्ठ अधिकारियों से उनके विभाग छीन लिए गए, जिनकी रिपोर्ट से महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई थी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक शिमला द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों से प्रशानिक पतन का सरकारी चेहरा सामने आता है, जो सरकार की अनुशासनहीनता को भी दर्शाता है। यह प्रेस वार्ता एसपी शिमला ने मुख्यमंत्री की अनुपति से की है ऐसा स्पष्ट प्रतीत होता है। ऐसी सरकार, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हो, ईमानदार अधिकारियों को हाशिए पर धकेलती हो और आपराधिक घटनाओं पर ठोस कार्रवाई न करती हो, उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। 1. इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि श्री विमल नेगी की मृत्यु से संबंधित सबूतों से न तो छेड़छाड़ हो और न ही उन्हें नष्ट किया जाए। 2. उच्च न्यायालय में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य रिपोर्ट में सबूतों से छेड़छाड़ के साक्ष्य हैं, संबंधित अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। 3. पुलिस अधीक्षक शिमला द्वारा उच्च अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की जांच भी सी०बी०आई से करवाई जाए। 4. सी०बी०आई० की जांच का दायरा बढ़ा कर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की भी जांच करवाई जाए या इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय से करवाई जाए। 5. अफसरशाही में अनुशासन लाने की दृष्टि से पुलिस अधीक्षक शिमला को बर्खास्त किया जाए।
शिमला , 28 मई [ विशाल सूद ] ! भाजपा हिमाचल प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से राजभवन में मिला, उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन और समस्त सांसद, विधायक उपस्थित रहे।
भाजपा हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और प्रशासनिक विफलता के गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्यपाल को ज्ञापन बारे बताया। वही मीडिया से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि 26 मई, 2025 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रेस वार्ता में उच्च न्यायालय के निर्णय पर टिप्पणी कर न्यायालय की अवमानना करने का मामला सामने आया है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के उस निर्णय पर असहमति जताई, जिसमें जांच टीम में हिमाचल कैडर के अधिकारियों को शामिल न करने की बात कही गई थी। यह बयान उनकी हताशा और अहंकार को दर्शाता है।नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि कांग्रेस सरकार की कार्यशैली और नीतियां संदेहास्पद हैं। सरकार ने सीबीआई जांच को स्वीकार तो किया, लेकिन तथ्यों से स्पष्ट है कि सरकार इस जांच में सहयोग नहीं कर रही।
कई मामलों में सबूतों के साथ छेड़छाड़ और उन्हें नष्ट करने के प्रयास किए गए हैं। उदाहरण के तौर पर पेन ड्राइव गायब करना, महत्वपूर्ण सबूतों के साथ छेड़छाड़, पेखूवाला सोलर प्रोजेक्ट : इस परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप, अतिरिक्त मुख्य सचिव की रिपोर्ट को नजरअंदाज करना, महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाने का प्रयास, आरोपियों को संरक्षण: केस में दर्ज आरोपियों को गिरफ्तार न कर उन्हें अग्रिम जमानत लेने का समय देना, ईमानदार अधिकारियों का उत्पीड़न: दो वरिष्ठ अधिकारियों से उनके विभाग छीन लिए गए, जिनकी रिपोर्ट से महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई थी।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक शिमला द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों से प्रशानिक पतन का सरकारी चेहरा सामने आता है, जो सरकार की अनुशासनहीनता को भी दर्शाता है। यह प्रेस वार्ता एसपी शिमला ने मुख्यमंत्री की अनुपति से की है ऐसा स्पष्ट प्रतीत होता है। ऐसी सरकार, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हो, ईमानदार अधिकारियों को हाशिए पर धकेलती हो और आपराधिक घटनाओं पर ठोस कार्रवाई न करती हो, उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
1. इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि श्री विमल नेगी की मृत्यु से संबंधित सबूतों से न तो छेड़छाड़ हो और न ही उन्हें नष्ट किया जाए।
2. उच्च न्यायालय में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य रिपोर्ट में सबूतों से छेड़छाड़ के साक्ष्य हैं, संबंधित अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।
3. पुलिस अधीक्षक शिमला द्वारा उच्च अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों की जांच भी सी०बी०आई से करवाई जाए।
4. सी०बी०आई० की जांच का दायरा बढ़ा कर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की भी जांच करवाई जाए या इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय से करवाई जाए।
5. अफसरशाही में अनुशासन लाने की दृष्टि से पुलिस अधीक्षक शिमला को बर्खास्त किया जाए।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -