
प्रदेश को चौतरफा नुकसान पहुंचा रही है व्यवस्था परिवर्तन की सरकार* *आपदा प्रभावितों को केंद्र सरकार द्वारा दी गई मदद भी नहीं दे रही है सुख की सरकार*
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शिमला , 01 अगस्त [ विशाल सूद ] : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण प्रदेश को बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की करगुजारियों के कारण माननीय उच्च न्यायालय को सरकार से यह पूछना पड़ा प्रदेश में आर्थिक आपातकाल क्यों न लगाया जाए। यह सरकार मित्रों का जी जान से भला करने के अलावा हर मोर्चे पर नाकाम है। जहां पर मित्रों के भले की बात होगी, वहां व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार कोई न कोई रास्ता अवश्य निकाल लेगी और मित्रों का भरपूर भला करेगी। प्रदेश हित की बात आते ही सरकार बगले झांकने लगते है। प्रदेश सरकार आए दिन अपने करगुजारियों की वजह से प्रदेश की किरकिरी करवाती है। प्रदेश में के इतिहास में ऐसा मामला कभी नहीं देखने को नहीं मिला होगा जब माननीय न्यायालय को इतनी तल्ख टिप्पणी करनी पड़ी हो। इसके पहले भी सुक्खू सरकार की वजह से ही माननीय न्यायालय को दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की नीलामी के आदेश देने पड़े थे। जय राम ठाकुर ने कहा कि हमने बार-बार यह मुद्दा उठाया की प्रदेश में ठेकेदारों के पैसों का भुगतान नहीं हो रहा है। जो भुगतान हो रहा है उसमें सरकार के खास लोगों की दखलअंदाजी चल रही है। जिसमें सुविधा शुल्क दो और भुगतान लो जैसा खेल चलने के आरोप बहुत सारे लोगों द्वारा लगाए जा रहे हैं। लेकिन बार-बार सरकार ठेकेदारों की फरियाद और हमारे आरोपों को अनसुना करती रही। उल्टा ठेकेदारों पर ही झूठ बोलने के आरोप लगाती रही। प्रदेश भर में ठेकेदारों के संगठन द्वारा हड़ताल, विरोध प्रदर्शन, धरना देने, काम रोकने और यहां तक कि एक मंत्री के सामने आत्महत्या करने की करते रहे लेकिन सरकार सिर्फ झूठ बोलकर आगे बढ़ती रही। तथ्यों और दस्तावेजों के साथ सरकार को कानून के सामने हाजिर होना पड़ा लेकिन सरकार का झूठ न्यायालय में चल नहीं सकता इसलिए सरकार न्यायालय में बेनकाब हो गई। जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों को भरपूर मदद की जा रही है लेकिन हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार केंद्र द्वारा भेजी गई आपदा राहत राशि को भी प्रभावितों तक भेजने में नाकाम रही है। केंद्र सरकार द्वारा 2023 की आपदा के लिए ही 5150 करोड रुपए की आर्थिक सहायता की गई है। उसके बाद भी हिमाचल प्रदेश को 93 हजार प्रधानमंत्री आवास दिए गए हैं। दु:ख इस बात का है कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार 2023 के आपदा प्रभावितों को ही पूरी राहत नहीं पहुंच सकीहै और न ही आपदा प्रभावितों से किए अपने वादों पर खरा उतर पाई है।
शिमला , 01 अगस्त [ विशाल सूद ] : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण प्रदेश को बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की करगुजारियों के कारण माननीय उच्च न्यायालय को सरकार से यह पूछना पड़ा प्रदेश में आर्थिक आपातकाल क्यों न लगाया जाए।
यह सरकार मित्रों का जी जान से भला करने के अलावा हर मोर्चे पर नाकाम है। जहां पर मित्रों के भले की बात होगी, वहां व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार कोई न कोई रास्ता अवश्य निकाल लेगी और मित्रों का भरपूर भला करेगी। प्रदेश हित की बात आते ही सरकार बगले झांकने लगते है।
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प्रदेश सरकार आए दिन अपने करगुजारियों की वजह से प्रदेश की किरकिरी करवाती है। प्रदेश में के इतिहास में ऐसा मामला कभी नहीं देखने को नहीं मिला होगा जब माननीय न्यायालय को इतनी तल्ख टिप्पणी करनी पड़ी हो। इसके पहले भी सुक्खू सरकार की वजह से ही माननीय न्यायालय को दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की नीलामी के आदेश देने पड़े थे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हमने बार-बार यह मुद्दा उठाया की प्रदेश में ठेकेदारों के पैसों का भुगतान नहीं हो रहा है। जो भुगतान हो रहा है उसमें सरकार के खास लोगों की दखलअंदाजी चल रही है। जिसमें सुविधा शुल्क दो और भुगतान लो जैसा खेल चलने के आरोप बहुत सारे लोगों द्वारा लगाए जा रहे हैं। लेकिन बार-बार सरकार ठेकेदारों की फरियाद और हमारे आरोपों को अनसुना करती रही। उल्टा ठेकेदारों पर ही झूठ बोलने के आरोप लगाती रही।
प्रदेश भर में ठेकेदारों के संगठन द्वारा हड़ताल, विरोध प्रदर्शन, धरना देने, काम रोकने और यहां तक कि एक मंत्री के सामने आत्महत्या करने की करते रहे लेकिन सरकार सिर्फ झूठ बोलकर आगे बढ़ती रही। तथ्यों और दस्तावेजों के साथ सरकार को कानून के सामने हाजिर होना पड़ा लेकिन सरकार का झूठ न्यायालय में चल नहीं सकता इसलिए सरकार न्यायालय में बेनकाब हो गई।
जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों को भरपूर मदद की जा रही है लेकिन हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार केंद्र द्वारा भेजी गई आपदा राहत राशि को भी प्रभावितों तक भेजने में नाकाम रही है।
केंद्र सरकार द्वारा 2023 की आपदा के लिए ही 5150 करोड रुपए की आर्थिक सहायता की गई है। उसके बाद भी हिमाचल प्रदेश को 93 हजार प्रधानमंत्री आवास दिए गए हैं। दु:ख इस बात का है कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार 2023 के आपदा प्रभावितों को ही पूरी राहत नहीं पहुंच सकीहै और न ही आपदा प्रभावितों से किए अपने वादों पर खरा उतर पाई है।
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