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बिलासपुर, 22 दिसंबर ! जिला एवं प्रदेश के अग्रणी बैंक यूको बैंक द्वारा जिला बचत भवन, बिलासपुर में वर्ष 2025-26 की वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत सितंबर 2025 तक की प्रगति एवं उपलब्धियों की समीक्षा हेतु जिला स्तरीय समीक्षा समिति तथा जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त ओमकांत ठाकुर ने की। बैठक में जिले में कार्यरत सभी बैंकों द्वारा केंद्र एवं प्रदेश सरकार की गरीबी उन्मूलन तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत की गई प्रगति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही वार्षिक ऋण योजना 2025-26 के अंतर्गत जुलाई से सितंबर 2025 की अवधि के लिए निर्धारित लक्ष्यों एवं उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की गई। इन अग्रणी जिला प्रबंधक, यूको बैंक बिलासपुर चंद्रशेखर यादव ने जानकारी दी कि जिला बिलासपुर में वार्षिक ऋण योजना 2025-26 के तहत सितंबर 2025 तक 926.50 करोड़ रूपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष बैंकों द्वारा 1157.30 करोड़ रूपए का ऋण वितरण किया गया और इस प्रकार 124 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की गई। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में 94.40 प्रतिशत तथा गैर-प्राथमिकता क्षेत्र में 555.45 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की गई है। कृषि क्षेत्र में 328.01 करोड़ रूपए, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में 351.68 करोड़ रूपए तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों में 50.60 करोड़ रूपए के ऋण वितरित किए गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत भी निरंतर प्रगति दर्ज की गई है तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर 2025 के अंत तक कुल 20,505 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 30 सितंबर 2025 तक जिले का कुल बैंकिंग व्यवसाय 12,798.12 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। बैठक में ऋण-जमा अनुपात, जनधन से जन सुरक्षा अभियान, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। अतिरिक्त उपायुक्त ने बैंकों को निर्देश दिए कि ऋण-जमा अनुपात को और बेहतर बनाने के लिए जिले में ऋण की संभावनाओं को चिन्हित किया जाए तथा पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जिले में मेलों के दौरान आम जनता को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के उद्देश्य से जिले के सभी बैंकों के स्टॉल लगाए जाएंगे। इन स्टॉलों के माध्यम से लोगों के बैंक खाते खोलने, आवश्यक बैंकिंग जानकारी प्रदान करने, होम लोन से संबंधित परामर्श देने के साथ-साथ बैंकों के माध्यम से संचालित केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों, महिलाओं, युवाओं तथा स्वयं सहायता समूहों को विशेष रूप से बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने पर जोर दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पात्र लाभार्थी औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ सकें।बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक शिमला से सहायक महाप्रबंधक आशीष शर्मा, नाबार्ड से डीडीएम नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, निगम एवं विकास प्राधिकरणों के प्रतिनिधि, प्रेस प्रतिनिधि तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिले में कार्यरत सभी बैंकों द्वारा केंद्र एवं प्रदेश सरकार की गरीबी उन्मूलन तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत की गई प्रगति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही वार्षिक ऋण योजना 2025-26 के अंतर्गत जुलाई से सितंबर 2025 की अवधि के लिए निर्धारित लक्ष्यों एवं उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की गई।
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अग्रणी जिला प्रबंधक, यूको बैंक बिलासपुर चंद्रशेखर यादव ने जानकारी दी कि जिला बिलासपुर में वार्षिक ऋण योजना 2025-26 के तहत सितंबर 2025 तक 926.50 करोड़ रूपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष बैंकों द्वारा 1157.30 करोड़ रूपए का ऋण वितरण किया गया और इस प्रकार 124 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की गई। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में 94.40 प्रतिशत तथा गैर-प्राथमिकता क्षेत्र में 555.45 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की गई है। कृषि क्षेत्र में 328.01 करोड़ रूपए, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में 351.68 करोड़ रूपए तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों में 50.60 करोड़ रूपए के ऋण वितरित किए गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत भी निरंतर प्रगति दर्ज की गई है तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर 2025 के अंत तक कुल 20,505 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 30 सितंबर 2025 तक जिले का कुल बैंकिंग व्यवसाय 12,798.12 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है।
बैठक में ऋण-जमा अनुपात, जनधन से जन सुरक्षा अभियान, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। अतिरिक्त उपायुक्त ने बैंकों को निर्देश दिए कि ऋण-जमा अनुपात को और बेहतर बनाने के लिए जिले में ऋण की संभावनाओं को चिन्हित किया जाए तथा पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जिले में मेलों के दौरान आम जनता को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के उद्देश्य से जिले के सभी बैंकों के स्टॉल लगाए जाएंगे। इन स्टॉलों के माध्यम से लोगों के बैंक खाते खोलने, आवश्यक बैंकिंग जानकारी प्रदान करने, होम लोन से संबंधित परामर्श देने के साथ-साथ बैंकों के माध्यम से संचालित केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों, महिलाओं, युवाओं तथा स्वयं सहायता समूहों को विशेष रूप से बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने पर जोर दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक पात्र लाभार्थी औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ सकें।
बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक शिमला से सहायक महाप्रबंधक आशीष शर्मा, नाबार्ड से डीडीएम नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, निगम एवं विकास प्राधिकरणों के प्रतिनिधि, प्रेस प्रतिनिधि तथा विभिन्न बैंकों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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