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चम्बा ! सुल्तानपुर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन अत्यंत गरिमामय एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा गुरुकुल चमीणू के विद्यार्थियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमान देवेंद्र जी उपस्थित रहे, अन्य वक्ताओं में विशिष्ट रूप से वेदव्यास ठाकुर जी (सेवानिवृत्त परिक्षेत्र अधिकारी), अर्पित जी और बहन शिक्षानी जी ने सारगर्भित विचार रखे। सम्मेलन में लगभग 350 लोगों ने सहभागिता की, जिसने कार्यक्रम को विशेष रूप से सफल बनाया। गणेश वंदना के उपरांत महिला मंडल सुल्तानपुर द्वारा भजन-कीर्तन की मनभावन प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के बाद सभी उपस्थित लोगों के लिए सामूहिक भंडारे (भोजन) की भी व्यवस्था की गई। महिला सशक्तिकरण विषय पर बोलते हुए बहन शिक्षानी जी ने कहा कि महिलाओं की उच्च शिक्षा न केवल परिवार, बल्कि पूरे समाज को शक्ति प्रदान करती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक अर्पित जी ने युवाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका और जिम्मेदारी पर प्रेरक विचार व्यक्त किए। वन विभाग से सेवानिवृत्त परिक्षेत्र अधिकारी वेदव्यास ठाकुर जी ने पर्यावरण संरक्षण की गंभीरता पर अत्यंत प्रभावशाली उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण ही स्वस्थ समाज की आधारशिला है और प्रकृति का संतुलन बिगाड़ने का परिणाम भविष्य की पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने वृक्षारोपण, जल संरक्षण, प्लास्टिक मुक्त वातावरण और सामूहिक सार्वजनिक प्रयासों के माध्यम से पर्यावरण बचाने की आवश्यकता बताई। वेदव्यास ठाकुर जी का संदेशप्रकृति हमारा भविष्य है। यदि हम आज पर्यावरण की रक्षा नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियाँ केवल संकट ही पाएंगी।वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्लास्टिक मुक्त जीवन—इन्हें जन-भागीदारी से जनआंदोलन बनाना ही होगा।
चम्बा ! सुल्तानपुर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन अत्यंत गरिमामय एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा गुरुकुल चमीणू के विद्यार्थियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमान देवेंद्र जी उपस्थित रहे, अन्य वक्ताओं में विशिष्ट रूप से वेदव्यास ठाकुर जी (सेवानिवृत्त परिक्षेत्र अधिकारी), अर्पित जी और बहन शिक्षानी जी ने सारगर्भित विचार रखे।
सम्मेलन में लगभग 350 लोगों ने सहभागिता की, जिसने कार्यक्रम को विशेष रूप से सफल बनाया। गणेश वंदना के उपरांत महिला मंडल सुल्तानपुर द्वारा भजन-कीर्तन की मनभावन प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के बाद सभी उपस्थित लोगों के लिए सामूहिक भंडारे (भोजन) की भी व्यवस्था की गई।
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महिला सशक्तिकरण विषय पर बोलते हुए बहन शिक्षानी जी ने कहा कि महिलाओं की उच्च शिक्षा न केवल परिवार, बल्कि पूरे समाज को शक्ति प्रदान करती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक अर्पित जी ने युवाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका और जिम्मेदारी पर प्रेरक विचार व्यक्त किए।
वन विभाग से सेवानिवृत्त परिक्षेत्र अधिकारी वेदव्यास ठाकुर जी ने पर्यावरण संरक्षण की गंभीरता पर अत्यंत प्रभावशाली उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण ही स्वस्थ समाज की आधारशिला है और प्रकृति का संतुलन बिगाड़ने का परिणाम भविष्य की पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने वृक्षारोपण, जल संरक्षण, प्लास्टिक मुक्त वातावरण और सामूहिक सार्वजनिक प्रयासों के माध्यम से पर्यावरण बचाने की आवश्यकता बताई। वेदव्यास ठाकुर जी का संदेशप्रकृति हमारा भविष्य है। यदि हम आज पर्यावरण की रक्षा नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियाँ केवल संकट ही पाएंगी।वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्लास्टिक मुक्त जीवन—इन्हें जन-भागीदारी से जनआंदोलन बनाना ही होगा।
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