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शिमला , 28 मई [ शिवानी ] ! राज्यपाल से मिलना सरकार और विपक्ष का संवैधानिक अधिकार है। भाजपा के नेताओं द्वारा आज राज्यपाल से मिलना गलत नहीं है पर स्व विमल नेगी मामले में राजनीति करना सही नहीं है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज एक प्रैस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्व विमल नेगी का मामला अब सीबीआई को दिया जा चुका है और एजेंसी ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है तो भाजपा का राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर मांग करना बेबुनियाद है। भाजपा इस मामले में सिर्फ राजनीति कर अपनी रोटियां सेंकना चाहती है। उन्होंने कहा कि वहीं तीन अधिकारियों पर सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। सरकार किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी। आने वाले समय में हर पहलू को देख कर और भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि क्योंकि मुख्यमंत्री के पास ही गृह विभाग है तो इस बारे में वही निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती नहीं दी जाएगी और सरकार चाहती है कि इस मामले में स्व विमल नेगी को न्याय मिले। मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर को अपना समय याद करना चाहिए जब एक पीएसओ ने एसपी को लातें मारीं थीं तो क्या वो अनुशासनहीनता नहीं थी। मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि इस मामले में हर पहलू की जांच की जाए और सच सामने लाया जाए।
शिमला , 28 मई [ शिवानी ] ! राज्यपाल से मिलना सरकार और विपक्ष का संवैधानिक अधिकार है। भाजपा के नेताओं द्वारा आज राज्यपाल से मिलना गलत नहीं है पर स्व विमल नेगी मामले में राजनीति करना सही नहीं है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज एक प्रैस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि स्व विमल नेगी का मामला अब सीबीआई को दिया जा चुका है और एजेंसी ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है तो भाजपा का राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर मांग करना बेबुनियाद है। भाजपा इस मामले में सिर्फ राजनीति कर अपनी रोटियां सेंकना चाहती है।
उन्होंने कहा कि वहीं तीन अधिकारियों पर सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। सरकार किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी। आने वाले समय में हर पहलू को देख कर और भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि क्योंकि मुख्यमंत्री के पास ही गृह विभाग है तो इस बारे में वही निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती नहीं दी जाएगी और सरकार चाहती है कि इस मामले में स्व विमल नेगी को न्याय मिले। मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर को अपना समय याद करना चाहिए जब एक पीएसओ ने एसपी को लातें मारीं थीं तो क्या वो अनुशासनहीनता नहीं थी।
मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि इस मामले में हर पहलू की जांच की जाए और सच सामने लाया जाए।
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