*एक हादसे ने लील ली 18 जिंदगियां, मंजर देख कर हर आंख नम : जयराम ठाकुर* *लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने क्यों नहीं लिया एक्शन* *प्रदेश भर के सभी ऐसे खतरनाक स्थान चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करे सरकार*
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बिलासपुर , 08 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बरठीं बल्लू बस हादसा स्थल पहुंच कर राहत और बचाव कार्य का जायज़ा लिया। राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मियों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद वह बरठीं सिविल अस्पताल जाकर इस हादसे में अपनी जान गवाने वाले लोगों के परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इसके बाद वह अलग-अलग जगह पर इस हादसे में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए। जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह दिल को दहलाने वाली घटना है। घटना की जानकारी होते ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से बात हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर नजर बनाए रखी। केंद्र सरकार ने इस घटना में हिमाचल को राहत और बचाव के लिए हर संभव सहयोग दिया। भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक जीतराम कटवाल और बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जमवाल तत्काल मौके पर पहुंचे। भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता और विधायक भी जितना जल्दी हो सकता था सभी मौके पर पहुंचे। मैं सभी नेताओं और स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहा। उन्होंने कहा यह एकदम भावुक करने वाला पल है। एक ही परिवार के चार-चार लोगों की इस घटना में दु:खद मृत्यु हो गई। लोगों के भरे पूरे परिवार बर्बाद हो गए। एक साथ चार-चार चिताएं जली। पूरी घटना देखकर मन बहुत व्यथित हैं। जिन लोगों का परिवार चला गया उन पर क्या बीत रही होगी, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है। भारतीय जनता पार्टी सभी प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस बरसात से पूरे प्रदेश में जान माल की बहुत क्षति हुई है। बरसात का इतना लंबा दौर अमूमन प्रदेश में नहीं होता है। तीन-चार दिनों से मौसम खुल गया था और उम्मीद की जा रही थी कि अब आपदा का दौर बीत गया है। लेकिन इस हादसे ने फिर से सारे जख्म हरे कर दिए हैं। उन्होंने ईश्वर से प्रदेश और प्रदेशवासियों पर कृपा करने तथा हादसे में जान गवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति और उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की। जयराम ठाकुर ने कहा कि कई लोगों द्वारा बताया गया कि यह स्थान पहले से ही खतरनाक हो गया था। लोक निर्माण विभाग को स्थानीय लोगों द्वारा ढेर सारी शिकायतें दी गई थी। लोगों द्वारा पहाड़ को सही करने की मांग की गई थी जिससे यह किसी भी तरह से सड़क पर ना आए और किसी भी तरह की जान माल की हानि से बचाव हो सके। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सवाल उठता है बार-बार शिकायतों के बाद भी विभाग खामोश क्यों बैठा रहा? यदि लोगों की शिकायत पर जांच पड़ताल करके कार्रवाई की जाती तो यह दुर्घटना नहीं होती। अभी भी इस घटनास्थल के आसपास कई जगह हैं जो बेहद खतरनाक नजर आ रही हैं। उनका दुरुस्तीकरण किया जाना जरूरी है। जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही इस पूरे प्रकरण की जांच भी करवाई जाए की बार-बार शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जयराम ठाकुर ने कहा कि सिर्फ में ही बरठीं में ही नहीं पूरे प्रदेश में आए दिन इस तरीके की घटनाएं सामने आती हैं। सभी घटनाओं को तो नहीं रोका जा सकता। लेकिन जो इलाके बेहद खतरनाक नजर आते हैं और वहां हादसा होने की संभावना है तो उन जगहों पर सरकार द्वारा बचाव के उपाय अवश्य किए जाने चाहिए। जिसे जान माल के नुकसान को कम से काम किया जा सके। इस से सबक लेते हुए ऐसी खतरनाक जगहों का का अध्ययन करवाकर उनकी जानकारी इकट्ठी की जाए और आवश्यकता होने पर उसे सही किया जाए। जिससे आगे इस तरीके के हादसे पेश न आए। उन्होंने प्रशासन से भी आग्रह किया कि सभी प्रभावित परिवारों को ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी सहायता उपलब्ध करवाई जाए।
बिलासपुर , 08 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बरठीं बल्लू बस हादसा स्थल पहुंच कर राहत और बचाव कार्य का जायज़ा लिया। राहत और बचाव कार्य में लगे कर्मियों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद वह बरठीं सिविल अस्पताल जाकर इस हादसे में अपनी जान गवाने वाले लोगों के परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इसके बाद वह अलग-अलग जगह पर इस हादसे में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए।
जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह दिल को दहलाने वाली घटना है। घटना की जानकारी होते ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से बात हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर नजर बनाए रखी। केंद्र सरकार ने इस घटना में हिमाचल को राहत और बचाव के लिए हर संभव सहयोग दिया। भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक जीतराम कटवाल और बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जमवाल तत्काल मौके पर पहुंचे। भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता और विधायक भी जितना जल्दी हो सकता था सभी मौके पर पहुंचे। मैं सभी नेताओं और स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहा।
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उन्होंने कहा यह एकदम भावुक करने वाला पल है। एक ही परिवार के चार-चार लोगों की इस घटना में दु:खद मृत्यु हो गई। लोगों के भरे पूरे परिवार बर्बाद हो गए। एक साथ चार-चार चिताएं जली। पूरी घटना देखकर मन बहुत व्यथित हैं। जिन लोगों का परिवार चला गया उन पर क्या बीत रही होगी, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है। भारतीय जनता पार्टी सभी प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस बरसात से पूरे प्रदेश में जान माल की बहुत क्षति हुई है।
बरसात का इतना लंबा दौर अमूमन प्रदेश में नहीं होता है। तीन-चार दिनों से मौसम खुल गया था और उम्मीद की जा रही थी कि अब आपदा का दौर बीत गया है। लेकिन इस हादसे ने फिर से सारे जख्म हरे कर दिए हैं। उन्होंने ईश्वर से प्रदेश और प्रदेशवासियों पर कृपा करने तथा हादसे में जान गवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति और उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कई लोगों द्वारा बताया गया कि यह स्थान पहले से ही खतरनाक हो गया था। लोक निर्माण विभाग को स्थानीय लोगों द्वारा ढेर सारी शिकायतें दी गई थी। लोगों द्वारा पहाड़ को सही करने की मांग की गई थी जिससे यह किसी भी तरह से सड़क पर ना आए और किसी भी तरह की जान माल की हानि से बचाव हो सके। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सवाल उठता है बार-बार शिकायतों के बाद भी विभाग खामोश क्यों बैठा रहा?
यदि लोगों की शिकायत पर जांच पड़ताल करके कार्रवाई की जाती तो यह दुर्घटना नहीं होती। अभी भी इस घटनास्थल के आसपास कई जगह हैं जो बेहद खतरनाक नजर आ रही हैं। उनका दुरुस्तीकरण किया जाना जरूरी है। जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही इस पूरे प्रकरण की जांच भी करवाई जाए की बार-बार शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
जयराम ठाकुर ने कहा कि सिर्फ में ही बरठीं में ही नहीं पूरे प्रदेश में आए दिन इस तरीके की घटनाएं सामने आती हैं। सभी घटनाओं को तो नहीं रोका जा सकता। लेकिन जो इलाके बेहद खतरनाक नजर आते हैं और वहां हादसा होने की संभावना है तो उन जगहों पर सरकार द्वारा बचाव के उपाय अवश्य किए जाने चाहिए। जिसे जान माल के नुकसान को कम से काम किया जा सके।
इस से सबक लेते हुए ऐसी खतरनाक जगहों का का अध्ययन करवाकर उनकी जानकारी इकट्ठी की जाए और आवश्यकता होने पर उसे सही किया जाए। जिससे आगे इस तरीके के हादसे पेश न आए। उन्होंने प्रशासन से भी आग्रह किया कि सभी प्रभावित परिवारों को ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी सहायता उपलब्ध करवाई जाए।
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