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चम्बा , 14 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! वर्तमान मे हिमाचल प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है। पूरे प्रदेश मे भारी बारिश व बादल फटने की असंख्य घटनाओं की वजह से सड़क मार्ग भूस्खलन की वजह से बंद थे। जिन्हें लोक निर्माण विभाग के कर्मठ व ईमानदार अधिकारियों और फील्ड स्टाफ ने अपनी कुशल कार्यशैली से वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारू किया। वही मंगलवार को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर मे आयोजित समर्थ -2025 के 15 वें संस्करण के दौरान इन अधिकारियों को समृति चिंह देकर सम्मानित किया गया। वहीं चम्बा जिला मुख्यालय के घांघणी गाँव से सबंध रखने वाले लोनिवि के सहायक अभियंता ई० शैलेष राणा को भी गत 25 अगस्त को आई आपदा के कारण हुए भूस्खलन के दौरान स्वयं फील्ड पर जाकर गेट गांव के समीप गुणु नाला मे चम्बा जोत मार्ग स्वयं बहाल करवाने और श्री मणिमहेश यात्रा मे फंसे असंख्य श्रद्धालुओं को सकुशल उनके गणतव्य तक पंहुचाने के सहायता करने लिए समर्थ पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री श्री अनिरुद्ध सिंह द्वारा स्वयं ई० शैलेष राणा को समृति चिंह प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम मे हिमाचल प्रदेश एनवायरनमेंट साईंस एंड टैक्नोलॉजी विभाग के निदेशक व राजस्व विभाग के आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव भा०प्रा०से० अधिकारी श्री डीसी राणा भी विशेष रूप से मौजूद रहे। गौरतलब है कि अगस्त माह मे चम्बा जिला मे पवित्र श्री मणिमहेश यात्रा चल रही थी, 25 अगस्त को भारी वर्षा के कारण चम्बा जिला के लगभग सभी मार्ग अवरूद्ध हो गये। जिसके चलते हजारों की संख्या मे श्रद्धालु चम्बा की विभिन्न जगहों पर फंस गये। इस दौरान चम्बा जिला के कर्मठ लोनिवी अधिकारी ई० शैलेष राषा ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए भारी बारिश मे भूस्खलन के कारण बंद हुए मार्ग को 6 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद खुलवाया। इस दौरान उनका फील्ड स्टाफ भी तत्परता के साथ उनके साथ डटा रहा। मार्ग खुलने के बाद रास्ते मे फंसे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने चैन की सांस ली और अपने गणतव्य की ओर रुख किया। अगले दिन 26 अगस्त को चम्बा वापसी के दौरान ई० शैलेष राणा रास्ते मे हुए भूस्खलन के कारण बंद हुए मार्ग को बहाल करवाने मे जुट गये। इसी दौरान भूस्खलन की चपेट मे आने से ई० शैलेष राणा गंभीर रूप से घायल हो गये। जिससे उनके सिर व रीढ़ की हड्डी मे गंभीर चोटें आईं। लेकिन अपनी जान की परवाह किये बिना ई० शैलेष राणा ऐसी अवस्था मे भी अपने फील्ड स्टाफ का हौसला बढाते रहे और घायल अवस्था मे 12 किलोमीटर पैदल चलकर चम्बा पहुचें बाद मे उपचार के दौरान ई० शैलेष राणा को सिर पर 8 टांके लगे। वही चम्बा के लोग भी ई० शैलेष राणा की कर्तव्य निष्ठा और कुशल नेतृत्व की प्रशंसा कर रहे है व हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित समर्थ पुरुस्कार से पुरुस्कृत होने व शुभकामनाएँ दे रहे हैं।
चम्बा , 14 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! वर्तमान मे हिमाचल प्रदेश आपदा के दौर से गुजर रहा है। पूरे प्रदेश मे भारी बारिश व बादल फटने की असंख्य घटनाओं की वजह से सड़क मार्ग भूस्खलन की वजह से बंद थे।
जिन्हें लोक निर्माण विभाग के कर्मठ व ईमानदार अधिकारियों और फील्ड स्टाफ ने अपनी कुशल कार्यशैली से वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारू किया। वही मंगलवार को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर मे आयोजित समर्थ -2025 के 15 वें संस्करण के दौरान इन अधिकारियों को समृति चिंह देकर सम्मानित किया गया।
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वहीं चम्बा जिला मुख्यालय के घांघणी गाँव से सबंध रखने वाले लोनिवि के सहायक अभियंता ई० शैलेष राणा को भी गत 25 अगस्त को आई आपदा के कारण हुए भूस्खलन के दौरान स्वयं फील्ड पर जाकर गेट गांव के समीप गुणु नाला मे चम्बा जोत मार्ग स्वयं बहाल करवाने और श्री मणिमहेश यात्रा मे फंसे असंख्य श्रद्धालुओं को सकुशल उनके गणतव्य तक पंहुचाने के सहायता करने लिए समर्थ पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री श्री अनिरुद्ध सिंह द्वारा स्वयं ई० शैलेष राणा को समृति चिंह प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम मे हिमाचल प्रदेश एनवायरनमेंट साईंस एंड टैक्नोलॉजी विभाग के निदेशक व राजस्व विभाग के आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव भा०प्रा०से० अधिकारी श्री डीसी राणा भी विशेष रूप से मौजूद रहे।
गौरतलब है कि अगस्त माह मे चम्बा जिला मे पवित्र श्री मणिमहेश यात्रा चल रही थी, 25 अगस्त को भारी वर्षा के कारण चम्बा जिला के लगभग सभी मार्ग अवरूद्ध हो गये। जिसके चलते हजारों की संख्या मे श्रद्धालु चम्बा की विभिन्न जगहों पर फंस गये।
इस दौरान चम्बा जिला के कर्मठ लोनिवी अधिकारी ई० शैलेष राषा ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए भारी बारिश मे भूस्खलन के कारण बंद हुए मार्ग को 6 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद खुलवाया। इस दौरान उनका फील्ड स्टाफ भी तत्परता के साथ उनके साथ डटा रहा।
मार्ग खुलने के बाद रास्ते मे फंसे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने चैन की सांस ली और अपने गणतव्य की ओर रुख किया। अगले दिन 26 अगस्त को चम्बा वापसी के दौरान ई० शैलेष राणा रास्ते मे हुए भूस्खलन के कारण बंद हुए मार्ग को बहाल करवाने मे जुट गये। इसी दौरान भूस्खलन की चपेट मे आने से ई० शैलेष राणा गंभीर रूप से घायल हो गये।
जिससे उनके सिर व रीढ़ की हड्डी मे गंभीर चोटें आईं। लेकिन अपनी जान की परवाह किये बिना ई० शैलेष राणा ऐसी अवस्था मे भी अपने फील्ड स्टाफ का हौसला बढाते रहे और घायल अवस्था मे 12 किलोमीटर पैदल चलकर चम्बा पहुचें बाद मे उपचार के दौरान ई० शैलेष राणा को सिर पर 8 टांके लगे।
वही चम्बा के लोग भी ई० शैलेष राणा की कर्तव्य निष्ठा और कुशल नेतृत्व की प्रशंसा कर रहे है व हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित समर्थ पुरुस्कार से पुरुस्कृत होने व शुभकामनाएँ दे रहे हैं।
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