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शिमला ! हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प और हथकरघा निगम लिमिटेड के निदेशक मंडल की 194वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने अधिकारियों को राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का एक प्रचार वीडियो तैयार करने के निर्देश दिए। इसका उद्देश्य राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को बड़े स्तर पर बढ़ावा देना है। प्रचार वीडियो को सोशल मीडिया और अन्य नेटवर्क पर अपलोड किया जाएगा। उद्योग मंत्री ने राज्य के कारीगरों और बुनकरों को लाभान्वित करने के लिए निगम द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और निर्देश दिए कि निगम की योजनाओं और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि विलुप्त होने के कगार पर पहुंची इस कला का प्रशिक्षण आयोजित किया जाना चाहिए ताकि राज्य हथकरघा और हस्तशिल्प की विरासत को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की बिक्री के लिए चंडीगढ़ में शो-विंडो-कम-सेल काउंटर खोलने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। निगम 23.38 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित परियोजना, व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस), को क्रियान्वित कर रहा है, जिसकी अवधि तीन वर्ष है। वर्ष 2023-24 के दौरान निगम ने 420 कारीगरों को लाभान्वित किया और 340 कारीगरों को उन्नत टूल किट वितरित किए। वर्ष 2024-25 के दौरान निगम ने 840 कारीगरों और बुनकरों को लाभान्वित किया और उन्हें उन्नत टूल किट वितरित किए। दिल्ली, धर्मशाला और मनाली में तीन एम्पोरियम का नवीनीकरण कार्य पूरा हो चुका है और तीन अन्य एम्पोरियम, जिसमें चंबा में दो और शिमला में एक एम्पोरियम शामिल है, का नवीनीकरण कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2025-26 के दौरान, राज्य के लगभग 2500 कारीगरों के लिए 120 डिजाइन और तकनीकी विकास कार्यशालाएं और 20 उद्यमी विकास कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी प्रकार, कारीगरों के उत्पादों की बिक्री के लिए राज्य के भीतर पांच विषयगत प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए दो नए एम्पोरियम खोले जाएंगे। निदेशक मंडल ने हिमाचल प्रदेश के कुशल बुनकरों द्वारा विकसित कारीगरी वाले ऊनी कपड़े हिमालयन ट्वीड पर विशेष बल देते हुए हथकरघा उत्पादों के विदेशी और भारतीय बाजारों में विस्तार के लिए निगम के प्रबंध निदेशक को अधिकृत किया। निगम की प्रबंध निदेशक डॉ. ऋचा वर्मा ने निगम की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने निदेशक मंडल को बताया कि निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 29.98 करोड़ रुपये के हस्तशिल्प, हथकरघा और संबद्ध उत्पादों की बिक्री की है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आर.डी. नजीम, निदेशक उद्योग डॉ. यूनुस, विशेष सचिव वित्त विजय वर्धन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प और हथकरघा निगम लिमिटेड के निदेशक मंडल की 194वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने अधिकारियों को राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का एक प्रचार वीडियो तैयार करने के निर्देश दिए। इसका उद्देश्य राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को बड़े स्तर पर बढ़ावा देना है। प्रचार वीडियो को सोशल मीडिया और अन्य नेटवर्क पर अपलोड किया जाएगा।
उद्योग मंत्री ने राज्य के कारीगरों और बुनकरों को लाभान्वित करने के लिए निगम द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और निर्देश दिए कि निगम की योजनाओं और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि विलुप्त होने के कगार पर पहुंची इस कला का प्रशिक्षण आयोजित किया जाना चाहिए ताकि राज्य हथकरघा और हस्तशिल्प की विरासत को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की बिक्री के लिए चंडीगढ़ में शो-विंडो-कम-सेल काउंटर खोलने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। निगम 23.38 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित परियोजना, व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस), को क्रियान्वित कर रहा है, जिसकी अवधि तीन वर्ष है।
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वर्ष 2023-24 के दौरान निगम ने 420 कारीगरों को लाभान्वित किया और 340 कारीगरों को उन्नत टूल किट वितरित किए। वर्ष 2024-25 के दौरान निगम ने 840 कारीगरों और बुनकरों को लाभान्वित किया और उन्हें उन्नत टूल किट वितरित किए। दिल्ली, धर्मशाला और मनाली में तीन एम्पोरियम का नवीनीकरण कार्य पूरा हो चुका है और तीन अन्य एम्पोरियम, जिसमें चंबा में दो और शिमला में एक एम्पोरियम शामिल है, का नवीनीकरण कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2025-26 के दौरान, राज्य के लगभग 2500 कारीगरों के लिए 120 डिजाइन और तकनीकी विकास कार्यशालाएं और 20 उद्यमी विकास कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी प्रकार, कारीगरों के उत्पादों की बिक्री के लिए राज्य के भीतर पांच विषयगत प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए दो नए एम्पोरियम खोले जाएंगे। निदेशक मंडल ने हिमाचल प्रदेश के कुशल बुनकरों द्वारा विकसित कारीगरी वाले ऊनी कपड़े हिमालयन ट्वीड पर विशेष बल देते हुए हथकरघा उत्पादों के विदेशी और भारतीय बाजारों में विस्तार के लिए निगम के प्रबंध निदेशक को अधिकृत किया।
निगम की प्रबंध निदेशक डॉ. ऋचा वर्मा ने निगम की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने निदेशक मंडल को बताया कि निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 29.98 करोड़ रुपये के हस्तशिल्प, हथकरघा और संबद्ध उत्पादों की बिक्री की है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आर.डी. नजीम, निदेशक उद्योग डॉ. यूनुस, विशेष सचिव वित्त विजय वर्धन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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