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धर्मशाला , 27 नवंबर [ विशाल सूद ] ! धर्मशाला (तपोवन) विधानसभा में आज नियम-67 के तहत पंचायत चुनाव पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने अपनी नाराज़गी व्यक्त की। संसदीय कार्य मंत्री जगत नेगी और सत्ता पक्ष के रेबन्यू मंत्री के बयान से नाराज़ विपक्षी विधायकों ने सदन में अपनी आपत्ति जताई। विपक्ष ने कहा कि चर्चा को रोकने और असंवैधानिक भाषा के प्रयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विपक्षी विधायकों ने कहा कि मंत्री के बयान असंसदीय और अस्वीकार्य हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता पक्ष के रेबन्यू मंत्री ने अपनी सारी सीमाएं लांघ दी हैं।उन्होंने कहा कि मंत्री की आदत बन गई है कि गलत भाषा का प्रयोग किया जाता है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह शब्द उन्होंने पीड़ा के साथ कहे, और सरकार को ऐसे मंत्री को संज्ञान में लेना चाहिए, लेकिन हमें पीछे हटने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष के सामने अपनी बात रखी है कि गलत तरीके से प्रयोग किए गए शब्द कार्यवाही से हटाए जाएं और यह सदन की प्रक्रिया का हिस्सा न बनें। “सत्ता पक्ष के रेबन्यू मंत्री ने अपनी सारी सीमाएँ लांघ दी हैं। मंत्री की आदत बन गई है कि गलत भाषा का इस्तेमाल करें। हमने आग्रह किया कि हमारी बात सुनी जाए, लेकिन नहीं सुनी गई। अध्यक्ष के सामने हमने कहा कि गलत भाषा को कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए और इसे सदन की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।
धर्मशाला , 27 नवंबर [ विशाल सूद ] ! धर्मशाला (तपोवन) विधानसभा में आज नियम-67 के तहत पंचायत चुनाव पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने अपनी नाराज़गी व्यक्त की। संसदीय कार्य मंत्री जगत नेगी और सत्ता पक्ष के रेबन्यू मंत्री के बयान से नाराज़ विपक्षी विधायकों ने सदन में अपनी आपत्ति जताई। विपक्ष ने कहा कि चर्चा को रोकने और असंवैधानिक भाषा के प्रयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विपक्षी विधायकों ने कहा कि मंत्री के बयान असंसदीय और अस्वीकार्य हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता पक्ष के रेबन्यू मंत्री ने अपनी सारी सीमाएं लांघ दी हैं।उन्होंने कहा कि मंत्री की आदत बन गई है कि गलत भाषा का प्रयोग किया जाता है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह शब्द उन्होंने पीड़ा के साथ कहे, और सरकार को ऐसे मंत्री को संज्ञान में लेना चाहिए, लेकिन हमें पीछे हटने की जरूरत नहीं है।
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उन्होंने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष के सामने अपनी बात रखी है कि गलत तरीके से प्रयोग किए गए शब्द कार्यवाही से हटाए जाएं और यह सदन की प्रक्रिया का हिस्सा न बनें।
“सत्ता पक्ष के रेबन्यू मंत्री ने अपनी सारी सीमाएँ लांघ दी हैं। मंत्री की आदत बन गई है कि गलत भाषा का इस्तेमाल करें। हमने आग्रह किया कि हमारी बात सुनी जाए, लेकिन नहीं सुनी गई। अध्यक्ष के सामने हमने कहा कि गलत भाषा को कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए और इसे सदन की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।
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