एक परिवार ने ट्रैक्टर जाने का रास्ता किया बंद, डीसी हमीरपुर को सौंपा ज्ञापन
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हमीरपुर, 28 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! जिला हमीरपुर के गलोड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खुंगन गांव में किसानों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के एक परिवार ने खेतों तक जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है, जिससे लगभग 45 घरों के लोग अपनी करीब 300 कनाल जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे हैं। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मंगलवार को एडीसी हमीरपुर को ज्ञापन सौंपा और रास्ता खुलवाने की मांग की।प्रभावित ग्रामीणों ने एडीसी हमीरपुर से भी गुहार लगाई है कि इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप किया जाए और संबंधित परिवार को निर्देश दिए जाएं कि वह रास्ता अवरुद्ध न करे। ग्रामीणों का कहना है कि यह रास्ता सार्वजनिक उपयोग का है, जिसका इस्तेमाल वर्षों से सभी किसान अपनी खेती-बाड़ी के लिए करते आ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि रास्ता बंद होने के कारण वे अपनी जमीन तक न तो ट्रैक्टर ले जा पा रहे हैं और न ही बीजाई का कार्य कर पा रहे हैं। खेतों में पहुंच का रास्ता अवरुद्ध होने से खेती का सारा काम ठप पड़ा है। इससे गांव के लोगों के सामने रोजगार और आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि अब न तो वे पशुओं के लिए चारा ला पा रहे हैं और न ही ईंधन के लिए लकड़ी। ग्रामीणों का आरोप है कि एक परिवार ने पिछले लगभग एक वर्ष पहले इस रास्ते पर घर बनाकर कब्जा कर लिया है और अब किसी को भी खेतों की ओर जाने नहीं दिया जा रहा। लोगों का कहना है कि पहले इसी रास्ते से सभी किसान ट्रैक्टर और पैदल खेतों तक जाते थे, लेकिन अब रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है। गांववासियों का कहना है कि दो वर्षों से लगातार खेती का कार्य ठप पड़ा हुआ है, जिससे सैकड़ों कनाल जमीन पर झाड़ियां उग आई हैं और उपजाऊ जमीन बेकार पड़ी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि यह मुद्दा कई बार पंचायत स्तर पर भी उठाया गया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका।डीसी हमीरपुर को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन मौके पर जाकर जांच करे और खुला रास्ता बहाल करवाए, ताकि वे अपने खेतों में दोबारा खेती शुरू कर सकें। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही संबंधित परिवार से बातचीत कर उचित समाधान निकाला जाएगा और यदि रास्ता सार्वजनिक पाया गया तो उसे पुनः खोलने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो वे सामूहिक रूप से प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।उन्होंने प्रशासन से उम्मीद जताई कि न्यायपूर्ण तरीके से इस समस्या का निपटारा किया जाएगा ताकि गांव में फिर से खेती-बाड़ी शुरू हो सके और लोगों की जीविका बहाल हो।
हमीरपुर, 28 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] ! जिला हमीरपुर के गलोड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खुंगन गांव में किसानों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के एक परिवार ने खेतों तक जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है, जिससे लगभग 45 घरों के लोग अपनी करीब 300 कनाल जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे हैं। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मंगलवार को एडीसी हमीरपुर को ज्ञापन सौंपा और रास्ता खुलवाने की मांग की।प्रभावित ग्रामीणों ने एडीसी हमीरपुर से भी गुहार लगाई है कि इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप किया जाए और संबंधित परिवार को निर्देश दिए जाएं कि वह रास्ता अवरुद्ध न करे। ग्रामीणों का कहना है कि यह रास्ता सार्वजनिक उपयोग का है, जिसका इस्तेमाल वर्षों से सभी किसान अपनी खेती-बाड़ी के लिए करते आ रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि रास्ता बंद होने के कारण वे अपनी जमीन तक न तो ट्रैक्टर ले जा पा रहे हैं और न ही बीजाई का कार्य कर पा रहे हैं। खेतों में पहुंच का रास्ता अवरुद्ध होने से खेती का सारा काम ठप पड़ा है। इससे गांव के लोगों के सामने रोजगार और आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि अब न तो वे पशुओं के लिए चारा ला पा रहे हैं और न ही ईंधन के लिए लकड़ी।
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ग्रामीणों का आरोप है कि एक परिवार ने पिछले लगभग एक वर्ष पहले इस रास्ते पर घर बनाकर कब्जा कर लिया है और अब किसी को भी खेतों की ओर जाने नहीं दिया जा रहा। लोगों का कहना है कि पहले इसी रास्ते से सभी किसान ट्रैक्टर और पैदल खेतों तक जाते थे, लेकिन अब रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
गांववासियों का कहना है कि दो वर्षों से लगातार खेती का कार्य ठप पड़ा हुआ है, जिससे सैकड़ों कनाल जमीन पर झाड़ियां उग आई हैं और उपजाऊ जमीन बेकार पड़ी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि यह मुद्दा कई बार पंचायत स्तर पर भी उठाया गया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका।डीसी हमीरपुर को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन मौके पर जाकर जांच करे और खुला रास्ता बहाल करवाए, ताकि वे अपने खेतों में दोबारा खेती शुरू कर सकें।
प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही संबंधित परिवार से बातचीत कर उचित समाधान निकाला जाएगा और यदि रास्ता सार्वजनिक पाया गया तो उसे पुनः खोलने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो वे सामूहिक रूप से प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
उन्होंने प्रशासन से उम्मीद जताई कि न्यायपूर्ण तरीके से इस समस्या का निपटारा किया जाएगा ताकि गांव में फिर से खेती-बाड़ी शुरू हो सके और लोगों की जीविका बहाल हो।
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