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डलहौज़ी , 20 अगस्त [ विशाल सूद ] ! विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता मनीष सरीन ने राहुल गाँधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' के समर्थन में वक्तव्य दिया है। मनीष ने कहा की भारत में लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जन भावना, सामाजिक न्याय और नागरिक अधिकारों की जीवंत अभिव्यक्ति है। लेकिन आज जब चुनावी प्रक्रिया पर ही संदेह खड़े होने लगे हैं, जब वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की घटनाएं बढ़ रही हैं, तब देश को एक नये जन आंदोलन की आवश्यकता थी — और राहुल गांधी जी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इसी आंदोलन का नाम है। यह 16 दिनों की ऐतिहासिक यात्रा बिहार के चंपारण से शुरू हुई है, जो 1,300 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 20 जिलों से होकर गुज़रेगी और 1 सितम्बर को पटना में एक विशाल जनसभा के साथ समाप्त होगी। मनीष ने कहा की यह यात्रा किसी एक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि हर उस नागरिक के अधिकारों के लिए है जो अपने वोट से देश के भविष्य को तय करता है। वोट किसी नागरिक की शक्ति नहीं, उसकी पहचान है। लेकिन जब देश के लाखों लोगों के नाम चुनावी सूची से रहस्यमय तरीके से गायब हो जाएं, तो सवाल उठते हैं — और यही सवाल राहुल गांधी देश से पूछ रहे हैं। वे यह स्पष्ट कर रहे हैं कि यह यात्रा किसी सत्ता के खिलाफ नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के पक्ष में है जो हमें संविधान ने दी है। मनीष ने कहा की वे एक भारतीय नागरिक व एक वोटर होने के नाते राहुल गाँधी जी की 'वोटर अधिकार यात्रा' का सम्पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा की आज जब सत्ता पक्ष सवालों से डरता है, तब विपक्ष को वह आवाज़ बनना होगा जो संविधान की रक्षा करे और नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखे। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इस दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह आंदोलन सिर्फ रैलियों या नारों तक सीमित नहीं है। यह हर गाँव, हर पंचायत, हर शहर तक जाकर नागरिकों को जागरूक करने की मुहिम है कि उनका वोट सिर्फ एक बटन नहीं, लोकतंत्र की नींव है। मनीष सरीन ने कहा की अगर मतदाता सूची से आपका नाम बिना कारण के हटा दिया जाए, तो यह सिर्फ प्रशासनिक चूक नहीं, एक संवैधानिक अपराध है। आज लाखों नागरिक ऐसे हैं जिनका वोट तो है, पर वे चुनाव में अपनी भागीदारी से वंचित रह जाते हैं। यह लोकतंत्र का मौन हनन है। राहुल गांधी की यह यात्रा इस मौन को आवाज़ देने की कोशिश है — कि हर वोटर की पहचान पवित्र है, और उसे किसी भी तकनीकी बहाने, जानबूझे या अनजाने छेड़छाड़ से मिटाया नहीं जा सकता। मनीष ने कहा की यह यात्रा केवल कांग्रेस पार्टी की नहीं है। राहुल गांधी स्वयं कह चुके हैं कि यह यात्रा केवल कांग्रेस का आंदोलन नहीं है। यह हर उस भारतीय के लिए है जो लोकतंत्र में विश्वास करता है, जो चाहता है कि हर चुनाव निष्पक्ष हो, पारदर्शी हो और हर मतदाता का सम्मान हो। इसीलिए यह यात्रा जनभावनाओं से जुड़ती है — और हम सभी को इससे जुड़ना चाहिए। डलहौज़ी विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों से मनीष सरीन ने आग्रह किया की अपने मताधिकार के प्रति सजग रहें, अपना नाम वोटर लिस्ट में जांचें और यदि कोई विसंगति दिखे तो उसे दर्ज कराएं। यह सिर्फ एक नागरिक कर्तव्य नहीं, एक लोकतांत्रिक जिम्मेदारी भी है। अंत में मनीष सरीन ने कहा की भारत का लोकतंत्र तभी जीवित रहेगा जब हर नागरिक को उसके मताधिकार का अधिकार मिलेगा — बिना भय, बिना भेदभाव और बिना बाधा के। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा उसी लोकतंत्र की जीवित मशाल है। हम सबका कर्तव्य है कि इस मशाल को बुझने न दें।
डलहौज़ी , 20 अगस्त [ विशाल सूद ] ! विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता मनीष सरीन ने राहुल गाँधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' के समर्थन में वक्तव्य दिया है। मनीष ने कहा की भारत में लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि जन भावना, सामाजिक न्याय और नागरिक अधिकारों की जीवंत अभिव्यक्ति है। लेकिन आज जब चुनावी प्रक्रिया पर ही संदेह खड़े होने लगे हैं, जब वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की घटनाएं बढ़ रही हैं, तब देश को एक नये जन आंदोलन की आवश्यकता थी — और राहुल गांधी जी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इसी आंदोलन का नाम है।
यह 16 दिनों की ऐतिहासिक यात्रा बिहार के चंपारण से शुरू हुई है, जो 1,300 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 20 जिलों से होकर गुज़रेगी और 1 सितम्बर को पटना में एक विशाल जनसभा के साथ समाप्त होगी। मनीष ने कहा की यह यात्रा किसी एक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि हर उस नागरिक के अधिकारों के लिए है जो अपने वोट से देश के भविष्य को तय करता है।
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वोट किसी नागरिक की शक्ति नहीं, उसकी पहचान है। लेकिन जब देश के लाखों लोगों के नाम चुनावी सूची से रहस्यमय तरीके से गायब हो जाएं, तो सवाल उठते हैं — और यही सवाल राहुल गांधी देश से पूछ रहे हैं। वे यह स्पष्ट कर रहे हैं कि यह यात्रा किसी सत्ता के खिलाफ नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के पक्ष में है जो हमें संविधान ने दी है।
मनीष ने कहा की वे एक भारतीय नागरिक व एक वोटर होने के नाते राहुल गाँधी जी की 'वोटर अधिकार यात्रा' का सम्पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा की आज जब सत्ता पक्ष सवालों से डरता है, तब विपक्ष को वह आवाज़ बनना होगा जो संविधान की रक्षा करे और नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखे। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ इस दिशा में एक निर्णायक कदम है।
यह आंदोलन सिर्फ रैलियों या नारों तक सीमित नहीं है। यह हर गाँव, हर पंचायत, हर शहर तक जाकर नागरिकों को जागरूक करने की मुहिम है कि उनका वोट सिर्फ एक बटन नहीं, लोकतंत्र की नींव है। मनीष सरीन ने कहा की अगर मतदाता सूची से आपका नाम बिना कारण के हटा दिया जाए, तो यह सिर्फ प्रशासनिक चूक नहीं, एक संवैधानिक अपराध है।
आज लाखों नागरिक ऐसे हैं जिनका वोट तो है, पर वे चुनाव में अपनी भागीदारी से वंचित रह जाते हैं। यह लोकतंत्र का मौन हनन है। राहुल गांधी की यह यात्रा इस मौन को आवाज़ देने की कोशिश है — कि हर वोटर की पहचान पवित्र है, और उसे किसी भी तकनीकी बहाने, जानबूझे या अनजाने छेड़छाड़ से मिटाया नहीं जा सकता।
मनीष ने कहा की यह यात्रा केवल कांग्रेस पार्टी की नहीं है। राहुल गांधी स्वयं कह चुके हैं कि यह यात्रा केवल कांग्रेस का आंदोलन नहीं है। यह हर उस भारतीय के लिए है जो लोकतंत्र में विश्वास करता है, जो चाहता है कि हर चुनाव निष्पक्ष हो, पारदर्शी हो और हर मतदाता का सम्मान हो। इसीलिए यह यात्रा जनभावनाओं से जुड़ती है — और हम सभी को इससे जुड़ना चाहिए।
डलहौज़ी विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों से मनीष सरीन ने आग्रह किया की अपने मताधिकार के प्रति सजग रहें, अपना नाम वोटर लिस्ट में जांचें और यदि कोई विसंगति दिखे तो उसे दर्ज कराएं। यह सिर्फ एक नागरिक कर्तव्य नहीं, एक लोकतांत्रिक जिम्मेदारी भी है।
अंत में मनीष सरीन ने कहा की भारत का लोकतंत्र तभी जीवित रहेगा जब हर नागरिक को उसके मताधिकार का अधिकार मिलेगा — बिना भय, बिना भेदभाव और बिना बाधा के। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा उसी लोकतंत्र की जीवित मशाल है। हम सबका कर्तव्य है कि इस मशाल को बुझने न दें।
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