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शिमला , 21 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग द्वारा आज से शिमला में लेखा सप्ताह (ऑडिट वीक) का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला के गॉर्टन कैसल भवन परिसर - ए.जी. कार्यालय में किया । इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि भारतीय लेखा व लेखा परीक्षा संस्थान किस जिम्मेदारी है कि देश में ऐसे जिम्मेदार अधिकारी दिए जाएं जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था में सार्वजनिक धन का पूर्णतया जनहित में प्रयोग सुनिश्चित हो और आंकड़ों में स्पष्टता, सटीकता व पारदर्शिता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि भारत में कैग की रिपोर्ट के आधार पर कई बार राजनीतिक समीकरण बदले हैं और वह इसलिए क्योंकि रिपोर्ट स्पष्ट ,पारदर्शी और सटीक रहती है . राज्यपाल का कहना है कि लिखा परीक्षण से ही ऐसे अधिकारियों और सरकार पर भी अंकुश रहता है जो जनहित को नजर अंदाज करते हैं। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पंचायत चुनावों में देरी पर भी संज्ञान लिया और कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त अनिल खाची ने आज बंद लिफाफे में एक रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर होने की बात सरकार के मंत्री कह रहे हैं लेकिन अधिकारी और 7 जिलों के डीसी कह रहे हैं कि अभी चुनाव करवाना संभव नहीं है. राज्यपाल ने कहा कि यहां मंत्री बड़ा है या अधिकारी ? उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार को मिलकर निर्णय लेना चाहिए और चुनाव समय पर करवाने चाहिए . राज्यपाल ने कहा कि समय पर अगर विधान सभा का चुनाव न हो तो पूरे राज्य में अस्थिरता हो जाती है इसी प्रकार पंचायत चुनाव भी बेहद जरूरी है . राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही है और सरकार को इसे प्राथमिकता के साथ दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 24 घंटे में दो जगह गोलीबारी की घटनाएँ ऐसे शांत प्रदेश के लिए चिंताजनक संकेत हैं। नशा मुक्ति अभियान पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जागरूकता पैदा करने में सरकार की मुहिम सफल हो रही है और अब कठोर निर्णय भी लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल की पवित्रता को बनाए रखना सभी की ज़िम्मेदारी है।
शिमला , 21 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग द्वारा आज से शिमला में लेखा सप्ताह (ऑडिट वीक) का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला के गॉर्टन कैसल भवन परिसर - ए.जी. कार्यालय में किया ।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि भारतीय लेखा व लेखा परीक्षा संस्थान किस जिम्मेदारी है कि देश में ऐसे जिम्मेदार अधिकारी दिए जाएं जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था में सार्वजनिक धन का पूर्णतया जनहित में प्रयोग सुनिश्चित हो और आंकड़ों में स्पष्टता, सटीकता व पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
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उन्होंने कहा कि भारत में कैग की रिपोर्ट के आधार पर कई बार राजनीतिक समीकरण बदले हैं और वह इसलिए क्योंकि रिपोर्ट स्पष्ट ,पारदर्शी और सटीक रहती है . राज्यपाल का कहना है कि लिखा परीक्षण से ही ऐसे अधिकारियों और सरकार पर भी अंकुश रहता है जो जनहित को नजर अंदाज करते हैं।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पंचायत चुनावों में देरी पर भी संज्ञान लिया और कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त अनिल खाची ने आज बंद लिफाफे में एक रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर होने की बात सरकार के मंत्री कह रहे हैं लेकिन अधिकारी और 7 जिलों के डीसी कह रहे हैं कि अभी चुनाव करवाना संभव नहीं है. राज्यपाल ने कहा कि यहां मंत्री बड़ा है या अधिकारी ?
उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार को मिलकर निर्णय लेना चाहिए और चुनाव समय पर करवाने चाहिए . राज्यपाल ने कहा कि समय पर अगर विधान सभा का चुनाव न हो तो पूरे राज्य में अस्थिरता हो जाती है इसी प्रकार पंचायत चुनाव भी बेहद जरूरी है .
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही है और सरकार को इसे प्राथमिकता के साथ दुरुस्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 24 घंटे में दो जगह गोलीबारी की घटनाएँ ऐसे शांत प्रदेश के लिए चिंताजनक संकेत हैं।
नशा मुक्ति अभियान पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जागरूकता पैदा करने में सरकार की मुहिम सफल हो रही है और अब कठोर निर्णय भी लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल की पवित्रता को बनाए रखना सभी की ज़िम्मेदारी है।
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