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शिमला 16 जुलाई ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित लोगों की सहायता के उद्देश्य से एक डिजिटल प्लेटफार्म का शुभारम्भ करते हुए आपदा राहत कोष-2023 वेबसाइट लॉन्च की। उन्होंने कहा कि दानी सज्जन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, क्यूआर कोड और यूपीआई जैसी विभिन्न भुगतान विधियों का उपयोग करके कहीं से भी इस आपदा राहत कोष-2023 में अंशदान कर सकते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में भारी बारिश के कारण आई विपदा से प्रदेश को उबारने के लिए देश और विदेश से लोगों ने सहायता करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लोग सुविधाजनक तरीके से सहायता राशि उपलब्ध करवा सकें, इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग ने एक पारदर्शी वेब लिंक विकसित किया है। इस लिंक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन अंशदान कर सकता है और अपने मोबाइल डिवाइस पर रसीद प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि निर्बाध लेन-देन सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली को कई भुगतान गेटवे के साथ एकीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों के भीतर विदेशी दानकर्ताओं के लिए ऑनलाइन दान की सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य प्रगति पर हैै। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कोष-2023 में योगदान करने के लिए विभिन्न कर्मचारी संगठनों और व्यक्तियों के प्रति आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं, मंत्रिमण्डल के सहयोगियों व कांग्रेस के सभी विधायकों ने इस कोष के लिए अपना एक माह का वेतन दान करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने 50 वर्षों में आई भीषण आपदा की स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को भारी वर्षा के कारण अत्याधिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। उन्होंने सभी से प्रदेश को इस तबाही से उबारने में मदद के लिए अधिक से अधिक अंशदान करने का आह्वान भी किया। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, डिजिटल टेक्नोलॉजी एवं गवर्नेंस विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक मुकेश रेपस्वाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला 16 जुलाई ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित लोगों की सहायता के उद्देश्य से एक डिजिटल प्लेटफार्म का शुभारम्भ करते हुए आपदा राहत कोष-2023 वेबसाइट लॉन्च की। उन्होंने कहा कि दानी सज्जन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, क्यूआर कोड और यूपीआई जैसी विभिन्न भुगतान विधियों का उपयोग करके कहीं से भी इस आपदा राहत कोष-2023 में अंशदान कर सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में भारी बारिश के कारण आई विपदा से प्रदेश को उबारने के लिए देश और विदेश से लोगों ने सहायता करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लोग सुविधाजनक तरीके से सहायता राशि उपलब्ध करवा सकें, इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग ने एक पारदर्शी वेब लिंक विकसित किया है। इस लिंक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन अंशदान कर सकता है और अपने मोबाइल डिवाइस पर रसीद प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि निर्बाध लेन-देन सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली को कई भुगतान गेटवे के साथ एकीकृत किया गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों के भीतर विदेशी दानकर्ताओं के लिए ऑनलाइन दान की सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य प्रगति पर हैै। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कोष-2023 में योगदान करने के लिए विभिन्न कर्मचारी संगठनों और व्यक्तियों के प्रति आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं, मंत्रिमण्डल के सहयोगियों व कांग्रेस के सभी विधायकों ने इस कोष के लिए अपना एक माह का वेतन दान करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने 50 वर्षों में आई भीषण आपदा की स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को भारी वर्षा के कारण अत्याधिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। उन्होंने सभी से प्रदेश को इस तबाही से उबारने में मदद के लिए अधिक से अधिक अंशदान करने का आह्वान भी किया।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, डिजिटल टेक्नोलॉजी एवं गवर्नेंस विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक मुकेश रेपस्वाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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