डॉक्टर एसोसिएशन ने उठाई आवाज, आपातकालीन वाहन बहाल करने की मांग तेज
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शिमला, 22 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश सह मीडिया संयोजक प्यार सिंह कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुप्रबंधन तथा जनसुविधाओं के साथ खिलवाड़ का खुला खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में आपातकालीन सेवाओं को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है, जो सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। प्यार सिंह ने बताया कि जिन दो आपातकालीन/काल ड्यूटी वाहनों (एचपी 63 सी–7802) तथा (एचपी 63 सी–7805) को सरकार ने चिकित्सकों और स्टाफ, विशेष रूप से महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए खरीदा था, उनमें से एक वाहन को कथित रूप से सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट की निजी अटैच गाड़ी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इस गंभीर अनियमितता के संबंध में डॉक्टर एसोसिएशन ने स्वास्थ्य सचिव को लिखित शिकायत भेजकर वाहन को तुरंत आपातकालीन सेवाओं में पुनः बहाल करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हिमाचल सरकार ने महिला डॉक्टरों और स्टाफ के सुरक्षित आवागमन हेतु ये वाहन खरीदे थे। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला और सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा में देर रात तक ड्यूटी, ओवरटाइम और इमरजेंसी कॉल के दौरान सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के लिए इन वाहनों को 24 घंटे सेवा पर तैनात किया गया था। प्यार सिंह कंवर ने बताया कि वाहन (एचपी 63 सी–7802) को आपातकालीन ड्यूटी से हटाकर निजी उपयोग में लगाना न केवल सरकारी आदेशों की सीधी अवहेलना है, बल्कि वित्तीय अनियमितता और स्टाफ की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है। आईजीएमसी में 40 डॉक्टर और 100 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहता है। संस्थान का कार्य क्षेत्र व्यापक है, तथा आपातकालीन परिस्थितियों में स्टाफ को देर रात शहर के विभिन्न इलाकों से बुलाया जाता है, जिसके लिए एक वाहन पर्याप्त नहीं होता। इसके अलावा, आईजीएमसी और चमियाणा के बीच ब्लड व ब्लड प्रोडक्ट्स ले जाने के लिए भी आपातकालीन वाहन का उपयोग किया जाता है। चमियाणा में 24×7 ब्लड बैंक उपलब्ध न होने के कारण एक वाहन अधिकतर इस कार्य में व्यस्त रहता है। ऐसे में कम से कम दो वाहनों की उपलब्धता अनिवार्य है।
शिमला, 22 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश सह मीडिया संयोजक प्यार सिंह कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुप्रबंधन तथा जनसुविधाओं के साथ खिलवाड़ का खुला खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में आपातकालीन सेवाओं को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है, जो सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
प्यार सिंह ने बताया कि जिन दो आपातकालीन/काल ड्यूटी वाहनों (एचपी 63 सी–7802) तथा (एचपी 63 सी–7805) को सरकार ने चिकित्सकों और स्टाफ, विशेष रूप से महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए खरीदा था, उनमें से एक वाहन को कथित रूप से सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट की निजी अटैच गाड़ी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इस गंभीर अनियमितता के संबंध में डॉक्टर एसोसिएशन ने स्वास्थ्य सचिव को लिखित शिकायत भेजकर वाहन को तुरंत आपातकालीन सेवाओं में पुनः बहाल करने की मांग की है।
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उन्होंने बताया कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हिमाचल सरकार ने महिला डॉक्टरों और स्टाफ के सुरक्षित आवागमन हेतु ये वाहन खरीदे थे। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला और सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा में देर रात तक ड्यूटी, ओवरटाइम और इमरजेंसी कॉल के दौरान सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के लिए इन वाहनों को 24 घंटे सेवा पर तैनात किया गया था।
प्यार सिंह कंवर ने बताया कि वाहन (एचपी 63 सी–7802) को आपातकालीन ड्यूटी से हटाकर निजी उपयोग में लगाना न केवल सरकारी आदेशों की सीधी अवहेलना है, बल्कि वित्तीय अनियमितता और स्टाफ की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है। आईजीएमसी में 40 डॉक्टर और 100 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहता है।
संस्थान का कार्य क्षेत्र व्यापक है, तथा आपातकालीन परिस्थितियों में स्टाफ को देर रात शहर के विभिन्न इलाकों से बुलाया जाता है, जिसके लिए एक वाहन पर्याप्त नहीं होता। इसके अलावा, आईजीएमसी और चमियाणा के बीच ब्लड व ब्लड प्रोडक्ट्स ले जाने के लिए भी आपातकालीन वाहन का उपयोग किया जाता है। चमियाणा में 24×7 ब्लड बैंक उपलब्ध न होने के कारण एक वाहन अधिकतर इस कार्य में व्यस्त रहता है। ऐसे में कम से कम दो वाहनों की उपलब्धता अनिवार्य है।
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