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शिमला, 04 जुलाई [ विशाल सूद ] ! भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का हिमाचल प्रदेश के दो वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रो प्रेम कुमार धूमल एवं शांता कुमार के घर जाना, अगले विधानसभा चुनाव 2027 को साधने की तैयारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद डॉ राजीव बिंदल को नड्डा का साथ लेजाना एक सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। ऐसा प्रतीत होता है कि जगत प्रकाश नड्डा अपने संगठन को सेट कर मजबूत कर रहे है और सभी परेशानियों का नवार्ण कर रहे है। नड्डा सभी कोनों को सहेज कर बेहतरीन तालमेल करना चाहते है, यह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री का एक बहुत बड़ा कदम है। 2022 में जो जख्म भाजपा को मिले और कांग्रेस सरकार सत्ता में आई उससे जनता को ज़ख्म मिले। 1 जुलाई 2025 को डॉ राजीव बिंदल ने तीसरी बार भाजपा अध्यक्ष के रूप में मोर्चा संभाला। लक्ष्य एक 2027 में भाजपा की मजबूत जीत को सुनिश्चित करना, बिंदल के रूप में एक ऐसा अध्यक्ष जो दिन-रात पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यरत है। 2 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का हिमाचल आगमन हुआ और बिलासपुर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पार्टी के दिग्गज नेता जगत प्रकाश नड्डा से मिले। 4 जुलाई को भाजपा में एक बहुत बड़ा घटनाक्रम हुआ जिससे स्पष्ट रूप से यह संकेत है कि इस बार 2027 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा एक मजबूत सरकार बनाने के लिए संकल्पित है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं से मिले जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार शामिल है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का यह महत्वपूर्ण कदम भारतीय जनता पार्टी के संगठन को नए आयाम एवं ऊंचाइयां की ओर अग्रसर करने का लॉच पैड माना जा रहा है, 2023 में पार्टी को संगठित करते हुए एक बड़ी जीत की ओर ले जाना इस हम मुलाकात का बड़ा संकेत है। भाजपा वैसे भी अपने मजबूत संगठन के लिए जानी जाती है और संगठन को अगर नई उचित दिशा एवं नई ऊर्जा मिल जाए तो पार्टी एक विस्फोटक शक्ति के रूप में उभरे की। यह मुलाकात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद हुई है जिससे इस मुलाकात का महत्व और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने शिमला में अपना इस टर्म का पहला अध्यक्ष भाषण दिया था तो उन्होंने अपना लक्ष्य स्पष्ट कर दिया था कि 2027 में कांग्रेस की इस भ्रष्ट एवं कुप्रबंधन वाली, जनता को परेशान करने वाली कांग्रेस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना। यह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष का संगठन में तालमेल बैठने का मास्टर स्ट्रोक भी माना जा रहा है। यह थी भाजपा की 2022 विधान सभा चुनावों की परफार्मेंस 2022 के चुनावी में कुल मतदान 4219635 मतदाताओं द्वारा किया गया यह, इसमें से भाजपा को 1814530 वोट प्राप्त हुए थे। अगर 37974 मत भाजपा को मिल जाते तो मतदान की गणना में भाजपा कांग्रेस से आगे निकल जाती, चुनाव में कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर रही थी। अगर हम मत प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 43.9% और भाजपा को 43%, आप 1.10%, निर्दलीय 10.39, अन्य .36% और नोटा .59% मतदान प्राप्त हुआ था। भाजपा की हार का अंतर केवल 0.9% रहा था। 3 विधानसभा सीटें ऐसी थी जो भाजपा 400 के कम के अंतर से हारी भोरंज 60 वोट, सुजानपुर 399 वोट और शिल्लाई 382 वोट। भाजपा की लोक सभा 2024 में परफॉर्मेस हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस बार 56.29 प्रतिशत और कांग्रेस को 41.57 फीसदी मत पड़े थे। चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को 14.72 प्रतिशत अधिक वोट मिले थे। कुल मत 40,78,952 में से भाजपा को 22,96,431, जबकि कांग्रेस को 16,95,904 वोट मिले हैं। कांगड़ा लोकसभा सीट पर कुल 10,37,474 में से भाजपा प्रत्याशी राजीव भारद्वाज को 6,32,593 मत पड़े, जबकि कांग्रेस के आनंद शर्मा को 3,80,629 मत पड़े हैं। यहां पर भाजपा ने 24.29 प्रतिशत वोट ज्यादा लिए। हमीरपुर सीट पर कुल 10,52,398 में से भाजपा प्रत्याशी अनुराग सिंह ठाकुर को 6,07,078 और कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा को 4,24,711 मत मिले हैं। यहां पर भाजपा ने 17.33 फीसदी अधिक वोट लिए। शिमला संसदीय सीट पर 9,70,827 में से सुरेश कश्यप को 5,19,748 मत पड़े हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी को 4,28,297 मिले। यानी यहां भाजपा को 9.42 प्रतिशत वोट अधिक मिले। संसदीय सीट मंडी में कुल 10,18,253 में से भाजपा की कंगना रणौत को 5,37,022 और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को 4,62,267 वोट पड़े। यहां पर भाजपा को महज 7.34 फीसदी अधिक मत पड़े।
शिमला, 04 जुलाई [ विशाल सूद ] ! भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का हिमाचल प्रदेश के दो वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रो प्रेम कुमार धूमल एवं शांता कुमार के घर जाना, अगले विधानसभा चुनाव 2027 को साधने की तैयारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद डॉ राजीव बिंदल को नड्डा का साथ लेजाना एक सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। ऐसा प्रतीत होता है कि जगत प्रकाश नड्डा अपने संगठन को सेट कर मजबूत कर रहे है और सभी परेशानियों का नवार्ण कर रहे है। नड्डा सभी कोनों को सहेज कर बेहतरीन तालमेल करना चाहते है, यह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री का एक बहुत बड़ा कदम है। 2022 में जो जख्म भाजपा को मिले और कांग्रेस सरकार सत्ता में आई उससे जनता को ज़ख्म मिले।
1 जुलाई 2025 को डॉ राजीव बिंदल ने तीसरी बार भाजपा अध्यक्ष के रूप में मोर्चा संभाला। लक्ष्य एक 2027 में भाजपा की मजबूत जीत को सुनिश्चित करना, बिंदल के रूप में एक ऐसा अध्यक्ष जो दिन-रात पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यरत है।
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2 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का हिमाचल आगमन हुआ और बिलासपुर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पार्टी के दिग्गज नेता जगत प्रकाश नड्डा से मिले। 4 जुलाई को भाजपा में एक बहुत बड़ा घटनाक्रम हुआ जिससे स्पष्ट रूप से यह संकेत है कि इस बार 2027 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा एक मजबूत सरकार बनाने के लिए संकल्पित है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं से मिले जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार शामिल है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का यह महत्वपूर्ण कदम भारतीय जनता पार्टी के संगठन को नए आयाम एवं ऊंचाइयां की ओर अग्रसर करने का लॉच पैड माना जा रहा है, 2023 में पार्टी को संगठित करते हुए एक बड़ी जीत की ओर ले जाना इस हम मुलाकात का बड़ा संकेत है। भाजपा वैसे भी अपने मजबूत संगठन के लिए जानी जाती है और संगठन को अगर नई उचित दिशा एवं नई ऊर्जा मिल जाए तो पार्टी एक विस्फोटक शक्ति के रूप में उभरे की।
यह मुलाकात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद हुई है जिससे इस मुलाकात का महत्व और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने शिमला में अपना इस टर्म का पहला अध्यक्ष भाषण दिया था तो उन्होंने अपना लक्ष्य स्पष्ट कर दिया था कि 2027 में कांग्रेस की इस भ्रष्ट एवं कुप्रबंधन वाली, जनता को परेशान करने वाली कांग्रेस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना। यह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष का संगठन में तालमेल बैठने का मास्टर स्ट्रोक भी माना जा रहा है।
यह थी भाजपा की 2022 विधान सभा चुनावों की परफार्मेंस
2022 के चुनावी में कुल मतदान 4219635 मतदाताओं द्वारा किया गया यह, इसमें से भाजपा को 1814530 वोट प्राप्त हुए थे। अगर 37974 मत भाजपा को मिल जाते तो मतदान की गणना में भाजपा कांग्रेस से आगे निकल जाती, चुनाव में कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर रही थी।
अगर हम मत प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 43.9% और भाजपा को 43%, आप 1.10%, निर्दलीय 10.39, अन्य .36% और नोटा .59% मतदान प्राप्त हुआ था। भाजपा की हार का अंतर केवल 0.9% रहा था। 3 विधानसभा सीटें ऐसी थी जो भाजपा 400 के कम के अंतर से हारी भोरंज 60 वोट, सुजानपुर 399 वोट और शिल्लाई 382 वोट।
भाजपा की लोक सभा 2024 में परफॉर्मेस
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस बार 56.29 प्रतिशत और कांग्रेस को 41.57 फीसदी मत पड़े थे। चुनाव में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को 14.72 प्रतिशत अधिक वोट मिले थे। कुल मत 40,78,952 में से भाजपा को 22,96,431, जबकि कांग्रेस को 16,95,904 वोट मिले हैं। कांगड़ा लोकसभा सीट पर कुल 10,37,474 में से भाजपा प्रत्याशी राजीव भारद्वाज को 6,32,593 मत पड़े, जबकि कांग्रेस के आनंद शर्मा को 3,80,629 मत पड़े हैं। यहां पर भाजपा ने 24.29 प्रतिशत वोट ज्यादा लिए। हमीरपुर सीट पर कुल 10,52,398 में से भाजपा प्रत्याशी अनुराग सिंह ठाकुर को 6,07,078 और कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा को 4,24,711 मत मिले हैं। यहां पर भाजपा ने 17.33 फीसदी अधिक वोट लिए। शिमला संसदीय सीट पर 9,70,827 में से सुरेश कश्यप को 5,19,748 मत पड़े हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी को 4,28,297 मिले। यानी यहां भाजपा को 9.42 प्रतिशत वोट अधिक मिले। संसदीय सीट मंडी में कुल 10,18,253 में से भाजपा की कंगना रणौत को 5,37,022 और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को 4,62,267 वोट पड़े। यहां पर भाजपा को महज 7.34 फीसदी अधिक मत पड़े।
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