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शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां मूल्य निर्धारण समिति की बैठक हुई, जिसमें गैर लकड़ी वन उपज की नई दरों और रायल्टी को मंजूरी प्रदान की गई। इस समिति की पिछली बैठक वर्ष 2022 में आयोजित की गई थी। बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य वन विकास निगम को निजी ठेकेदारों को काम पर रखने की वर्तमान प्रथा को समाप्त कर, स्वयं साइडर वुड स्टंप निकालने का कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने लगभग 10,000 साइडर वुड स्टंप निकालने के लिए रोडमैप तैयार करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर निगम ने खैर और साल वृक्षों की सिल्वीकल्चर कटाई से राजस्व के रूप में प्राप्त रॉयल्टी का 41.30 करोड़ रुपये का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से की गई यह कटाई न केवल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए लाभकारी रही है, बल्कि राज्य के राजस्व में भी योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन अग्निशमन सेवाओं को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाकर आग की घटनाओं को नियंत्रित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पौधों की जीवित रहने की दर में सुधार पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने वन विभाग की विभिन्न योजनाओं कर समीक्षा करते हुए क्षतिग्रस्त वृक्षों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि नुकसान को कम कर राज्य के राजस्व में वृद्धि किया जा सके।राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन के.के. पंत, प्रधान मुख्य अरण्यपाल समीर रस्तोगी, राज्य वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक संजय सूद और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे ।
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां मूल्य निर्धारण समिति की बैठक हुई, जिसमें गैर लकड़ी वन उपज की नई दरों और रायल्टी को मंजूरी प्रदान की गई। इस समिति की पिछली बैठक वर्ष 2022 में आयोजित की गई थी। बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य वन विकास निगम को निजी ठेकेदारों को काम पर रखने की वर्तमान प्रथा को समाप्त कर, स्वयं साइडर वुड स्टंप निकालने का कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने लगभग 10,000 साइडर वुड स्टंप निकालने के लिए रोडमैप तैयार करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर निगम ने खैर और साल वृक्षों की सिल्वीकल्चर कटाई से राजस्व के रूप में प्राप्त रॉयल्टी का 41.30 करोड़ रुपये का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से की गई यह कटाई न केवल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए लाभकारी रही है, बल्कि राज्य के राजस्व में भी योगदान दे रही है।
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मुख्यमंत्री ने वन विभाग को गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन अग्निशमन सेवाओं को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाकर आग की घटनाओं को नियंत्रित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पौधों की जीवित रहने की दर में सुधार पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग की विभिन्न योजनाओं कर समीक्षा करते हुए क्षतिग्रस्त वृक्षों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि नुकसान को कम कर राज्य के राजस्व में वृद्धि किया जा सके।राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन के.के. पंत, प्रधान मुख्य अरण्यपाल समीर रस्तोगी, राज्य वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक संजय सूद और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे ।
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