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शिमला ,29 अप्रैल ! जल एवं स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण स्तर के मुख्य निर्धारक हैं। सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक और इनके दीर्घकालिक लाभकारी प्रभाव होते हैं। हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पांच शहरों मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन और करसोग में स्वच्छता सेवाओं में सुधार लाने के लिए फ्रेंच डवेलेपमेंट एजेंसी, फ्रैकेइस डे डेवलपमेंट (एएफडी) के साथ 817.12 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इसके माध्यम से इन शहरों में पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता में और सुधार लाया जाएगा। इस परियोजना के तहत एएफडी द्वारा 612 करोड़ रुपये जबकि प्रदेश सरकार द्वारा 204.85 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन पांच शहरों में परियोजना के लाभार्थियों को घरेलू सुविधा कनैक्शन दिए जाएंगे और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किए जाएंगे ताकि कृषि और औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपशिष्ट का पुनः उपयोग किया जा सके। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल स्रोतों में सुधार, जल जनित रोगों को कम करना, स्थानीय नियमों व अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सुविधाओं का संचालन करना और पेयजल एवं स्वच्छता को किफायती बनाना है। इसके प्रथम चरण में कुल 485.85 करोड़ रुपये से एएफडी द्वारा 340 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा। इसके दूसरे चरण में परियोजना की कुल लागत 371 करोड़ रुपये में से एएफडी 272 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस परियोजना को आगामी तीन वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा और इसका द्वितीय चरण पहले चरण के 18 महीने के बाद शुरू हो जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,29 अप्रैल ! जल एवं स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण स्तर के मुख्य निर्धारक हैं। सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक और इनके दीर्घकालिक लाभकारी प्रभाव होते हैं।
हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पांच शहरों मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन और करसोग में स्वच्छता सेवाओं में सुधार लाने के लिए फ्रेंच डवेलेपमेंट एजेंसी, फ्रैकेइस डे डेवलपमेंट (एएफडी) के साथ 817.12 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इसके माध्यम से इन शहरों में पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता में और सुधार लाया जाएगा।
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इस परियोजना के तहत एएफडी द्वारा 612 करोड़ रुपये जबकि प्रदेश सरकार द्वारा 204.85 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन पांच शहरों में परियोजना के लाभार्थियों को घरेलू सुविधा कनैक्शन दिए जाएंगे और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किए जाएंगे ताकि कृषि और औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपशिष्ट का पुनः उपयोग किया जा सके।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल स्रोतों में सुधार, जल जनित रोगों को कम करना, स्थानीय नियमों व अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सुविधाओं का संचालन करना और पेयजल एवं स्वच्छता को किफायती बनाना है।
इसके प्रथम चरण में कुल 485.85 करोड़ रुपये से एएफडी द्वारा 340 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा। इसके दूसरे चरण में परियोजना की कुल लागत 371 करोड़ रुपये में से एएफडी 272 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस परियोजना को आगामी तीन वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा और इसका द्वितीय चरण पहले चरण के 18 महीने के बाद शुरू हो जाएगा।
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