खुद कानून व्यवस्था हाथ में लेने वाले मंत्री पर कार्रवाई करें मुख्यमंत्री, संलिप्तता पर मंत्रिमंडल से हटाएं* *मीडिया कर्मियों के बीच बचाव से बची अधिकारियों की जान*
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शिमला , 30 जून [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों की प्रदेश के एक मंत्री प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में मारपीट अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय कृत्य है। दो एनएचएआई के अधिकरियों को पुलिस प्रशासन और मंत्री की उपस्थिति में बुलाया गया। मीडिया के लोगों को धमकी देकर उनसे उनके कैमरे बंद करवाए गए और इसके बाद कमरे में बंदकर उनसे मारपीट की गई। इसके बाद मंत्री के समर्थकों द्वारा उन्हें कमरे के बाहर भी उन्हें मारा पीटा गया। उनके ऊपर गमले फेंके गए। मार पीट में दोनों अधिकारी लहूलुहान हो गए। उन दोनों अधिकारियों ने मीडिया के सहयोग से किसी तरीके से भाग कर अपनी जान बचाई। अब वे आईजीएमसी में एडमिट है। उनका उपचार चल रहा है। मीडिया के लोगों द्वारा बीच बचाव किए जाने की वजह से उनकी जान बची। सबसे शर्मनाक बात यह है कि मौके पर एसडीएम और पुलिस की मौजूदगी के बाद भी उनके बीच बचाव करना तो दूर उन्हें प्रशासन और पुलिस द्वारा अस्पताल भी नहीं पहुंचाया गया। एनएचएआई के अधिकारियों पर यह हमला अत्यंत घटिया और कानून व्यवस्था का पतन का उदाहरण है। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने वाले मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करें और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें। प्रदेश में इस तरीके की अराजकता को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि सबसे हैरानी की बात यह है कि जिस समय उन दोनों अधिकारियों के मारपीट की गई उस समय वहां पर एसडीएम भी मौजूद थे और पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे। उसके बाद भी किसी ने उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की। इतना ही नहीं मारपीट के बाद किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई। प्रशासन मंत्री सब मिलकर मामला दबाने में लगे हैं। मीडिया के लोगों को खबर न चलने की धमकी दी जा रही है। खबर चलाने पर अंजाम करने की धमकी दी जा रही है। पीड़ितों पर भी तमाम तरीके के दबाव बनाकर मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है।
शिमला , 30 जून [ विशाल सूद ] ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों की प्रदेश के एक मंत्री प्रशासन और पुलिस की उपस्थिति में मारपीट अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय कृत्य है। दो एनएचएआई के अधिकरियों को पुलिस प्रशासन और मंत्री की उपस्थिति में बुलाया गया। मीडिया के लोगों को धमकी देकर उनसे उनके कैमरे बंद करवाए गए और इसके बाद कमरे में बंदकर उनसे मारपीट की गई।
इसके बाद मंत्री के समर्थकों द्वारा उन्हें कमरे के बाहर भी उन्हें मारा पीटा गया। उनके ऊपर गमले फेंके गए। मार पीट में दोनों अधिकारी लहूलुहान हो गए। उन दोनों अधिकारियों ने मीडिया के सहयोग से किसी तरीके से भाग कर अपनी जान बचाई। अब वे आईजीएमसी में एडमिट है। उनका उपचार चल रहा है।
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मीडिया के लोगों द्वारा बीच बचाव किए जाने की वजह से उनकी जान बची। सबसे शर्मनाक बात यह है कि मौके पर एसडीएम और पुलिस की मौजूदगी के बाद भी उनके बीच बचाव करना तो दूर उन्हें प्रशासन और पुलिस द्वारा अस्पताल भी नहीं पहुंचाया गया। एनएचएआई के अधिकारियों पर यह हमला अत्यंत घटिया और कानून व्यवस्था का पतन का उदाहरण है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने वाले मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करें और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें। प्रदेश में इस तरीके की अराजकता को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि सबसे हैरानी की बात यह है कि जिस समय उन दोनों अधिकारियों के मारपीट की गई उस समय वहां पर एसडीएम भी मौजूद थे और पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे।
उसके बाद भी किसी ने उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की। इतना ही नहीं मारपीट के बाद किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई। प्रशासन मंत्री सब मिलकर मामला दबाने में लगे हैं। मीडिया के लोगों को खबर न चलने की धमकी दी जा रही है। खबर चलाने पर अंजाम करने की धमकी दी जा रही है। पीड़ितों पर भी तमाम तरीके के दबाव बनाकर मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है।
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