अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नहीं मिल रही पेंशन, एरियर, डीए और मेडिकल बिलों के भुगतान न होने पर सड़को पर उतरे पेंशनर।
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 15 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] हिमाचल प्रदेश में ऑपीएस की गारंटी देकर सत्ता में आई सुक्खू सरकार में अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए एचआरटीसी कर्मियों को पेंशन का लाभ नहीं दिया है जिसको लेकर एचआरटीसी पेंशनरों ने खासा रोष है। करीब 250 कर्मचारियों को अभी पेंशन का लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा हर महीने पेंशन में देरी हो रही है। सितम्बर महीने की पेंशन अभी तक एचआरटीसी पेंशनरों को नहीं मिली है। इसके अलावा 2016 ने नए वेतनमान का एरियर, डीए और मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है जिसको लेकर आज एचआरटीसी पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति ने शिमला में विशाल धरना प्रदर्शन किया। एचआरटीसी पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष देवराज ने बताया कि एचआरटीसी पेंशनरों की करोड़ों रुपए की वित्तीय देनदारियां सरकार के पास लंबित पड़ी है मुख्यमंत्री ने एचआर टीसी के 50 वर्ष पूरे होने पर जो घोषणाएं की थी वह अभी तक पूरी नहीं हुई है। एचआरटीसी पेंशनरों का सब्र का बांध टूट गया है ऐसे में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ पेंशनर हल्ला बोल रहे हैं और आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी के आठ हजार पेंशनर है जिन्हें पेंशन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
शिमला , 15 ऑक्टूबर [ विशाल सूद ] हिमाचल प्रदेश में ऑपीएस की गारंटी देकर सत्ता में आई सुक्खू सरकार में अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए एचआरटीसी कर्मियों को पेंशन का लाभ नहीं दिया है जिसको लेकर एचआरटीसी पेंशनरों ने खासा रोष है। करीब 250 कर्मचारियों को अभी पेंशन का लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा हर महीने पेंशन में देरी हो रही है।
सितम्बर महीने की पेंशन अभी तक एचआरटीसी पेंशनरों को नहीं मिली है। इसके अलावा 2016 ने नए वेतनमान का एरियर, डीए और मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है जिसको लेकर आज एचआरटीसी पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति ने शिमला में विशाल धरना प्रदर्शन किया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
एचआरटीसी पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष देवराज ने बताया कि एचआरटीसी पेंशनरों की करोड़ों रुपए की वित्तीय देनदारियां सरकार के पास लंबित पड़ी है मुख्यमंत्री ने एचआर टीसी के 50 वर्ष पूरे होने पर जो घोषणाएं की थी वह अभी तक पूरी नहीं हुई है। एचआरटीसी पेंशनरों का सब्र का बांध टूट गया है ऐसे में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ पेंशनर हल्ला बोल रहे हैं और आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी के आठ हजार पेंशनर है जिन्हें पेंशन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -