धरने की अनुमति पर भी संशय..........केशव चौहान
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 30 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष केशव चौहान ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि मनरेगा पर दिए गए धरने से कांग्रेस जनता को यह झूठ बताने में जुटी है कि मनरेगा को खत्म कर दिया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने इससे कहीं अधिक मजबूत और व्यापक कानून “विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)” लागू किया है।केशव चौहान ने कहा कि कांग्रेस यह क्यों नहीं बताती कि नई योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 नहीं बल्कि 125 दिन की रोजगार गारंटी दी गई है। इसके लिए ₹1.51 लाख करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिसमें ₹95 हजार करोड़ से अधिक हिस्सा केंद्र सरकार का है। यह कांग्रेस की आदत बन चुकी है कि जब भी गरीब, किसान और ग्रामीण के हित में कोई ठोस सुधार होता है, तो वह उसे खत्म करने का झूठा नैरेटिव गढ़कर सड़कों पर उतर आती है।केशव चौहान ने कहा कि नई व्यवस्था से पंचायतों को सीधा लाभ होगा और विकास कार्यों को गति मिलेगी। गांवों में जल संरक्षण, सड़क, रास्ते, तालाब, ड्रेनेज, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी भवन और आजीविका से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। पंचायतों की ग्रेडिंग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पिछड़ी पंचायतों को अधिक संसाधन मिलें, जिससे क्षेत्रीय असंतुलन खत्म हो।उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जो पार्टी संसद में अमर्यादित आचरण करती है। कागज फाड़ती है और टेबलों पर चढ़कर लोकतंत्र को भीड़तंत्र में बदलने का प्रयास करती है, वही पार्टी आज महात्मा गांधी के नाम पर राजनीति करने का ढोंग कर रही है। यह कांग्रेस की दोहरी मानसिकता और नैतिक दिवालियापन का प्रमाण है।चौहान ने कहा कि फंडिंग पैटर्न को लेकर भी कांग्रेस जनता को गुमराह कर रही है। 60:40 का मॉडल सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप है, जिसमें राज्य सरकार की भागीदारी से योजनाओं की निगरानी और प्रभावशीलता बढ़ेगी। लेकिन हिमाचल की कांग्रेस सरकार अपनी प्रशासनिक नाकामी और वित्तीय कुप्रबंधन छिपाने के लिए केंद्र पर आरोप लगाने का आसान रास्ता अपना रही है।
शिमला , 30 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष केशव चौहान ने कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि मनरेगा पर दिए गए धरने से कांग्रेस जनता को यह झूठ बताने में जुटी है कि मनरेगा को खत्म कर दिया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने इससे कहीं अधिक मजबूत और व्यापक कानून “विकसित भारत–रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)” लागू किया है।केशव चौहान ने कहा कि कांग्रेस यह क्यों नहीं बताती कि नई योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 नहीं बल्कि 125 दिन की रोजगार गारंटी दी गई है।
इसके लिए ₹1.51 लाख करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिसमें ₹95 हजार करोड़ से अधिक हिस्सा केंद्र सरकार का है। यह कांग्रेस की आदत बन चुकी है कि जब भी गरीब, किसान और ग्रामीण के हित में कोई ठोस सुधार होता है, तो वह उसे खत्म करने का झूठा नैरेटिव गढ़कर सड़कों पर उतर आती है।केशव चौहान ने कहा कि नई व्यवस्था से पंचायतों को सीधा लाभ होगा और विकास कार्यों को गति मिलेगी।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
गांवों में जल संरक्षण, सड़क, रास्ते, तालाब, ड्रेनेज, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी भवन और आजीविका से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। पंचायतों की ग्रेडिंग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पिछड़ी पंचायतों को अधिक संसाधन मिलें, जिससे क्षेत्रीय असंतुलन खत्म हो।उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जो पार्टी संसद में अमर्यादित आचरण करती है।
कागज फाड़ती है और टेबलों पर चढ़कर लोकतंत्र को भीड़तंत्र में बदलने का प्रयास करती है, वही पार्टी आज महात्मा गांधी के नाम पर राजनीति करने का ढोंग कर रही है। यह कांग्रेस की दोहरी मानसिकता और नैतिक दिवालियापन का प्रमाण है।चौहान ने कहा कि फंडिंग पैटर्न को लेकर भी कांग्रेस जनता को गुमराह कर रही है। 60:40 का मॉडल सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप है, जिसमें राज्य सरकार की भागीदारी से योजनाओं की निगरानी और प्रभावशीलता बढ़ेगी। लेकिन हिमाचल की कांग्रेस सरकार अपनी प्रशासनिक नाकामी और वित्तीय कुप्रबंधन छिपाने के लिए केंद्र पर आरोप लगाने का आसान रास्ता अपना रही है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -