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शिमला , 29 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला एक बार फिर तबाही का मंजर देख रहा है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहा कि वे हर स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं. प्रभावितों तक राहत पहुंचाई जा रही है. उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा के दौरान होने वाले ख़तरे को कम करने के लिए स्थायी नीति पर भी विचार कर रही है. सरकार ने फ़ैसला लिया है कि सरकारी भवनों का निर्माण नदी-नालों के नज़दीक नहीं किया जाएगा. इसके लिए नियम तय होंगे. राज्य सरकार ने इसके लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. इस संबंध में मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी भवनों के निर्माण पर करोड़ों रुपए ख़र्च किए जाते हैं और बरसात के दौरान इन्हें ख़तरा पैदा हो जाता है. ऐसे में राज्य सरकार ने यह फ़ैसला लिया है कि यह निर्माण नाले से भी कम से कम 150 मीटर की दूरी पर होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीती रात हुई बारिश की वजह से कई पेयजल परियोजनाओं और बिजली ट्रांसफॉर्मर को नुकसान हुआ है. राज्य सरकार हर स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है. वही आज किसान ओर बागवान उत्पादक संघ के आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार हमेशा से ही बागवान किसान हितेषी ।रही है और बागबानों के हितों में ही काम कर रही है प्रदेश सरकार ने पहले ही हाई कोर्ट में वन भूमि पर सेब कटान को रोकने के लिए याचिका दायर की थी और सरकार ने यह पक्ष रखा था कि इन पेड़ों को ना काटा जाए और इसका सरकार ऑक्शन करेगी लेकिन हाई कोर्ट द्वारा उसे पर रोक नहीं लगाई गई और अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।
शिमला , 29 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला एक बार फिर तबाही का मंजर देख रहा है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहा कि वे हर स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं. प्रभावितों तक राहत पहुंचाई जा रही है. उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा के दौरान होने वाले ख़तरे को कम करने के लिए स्थायी नीति पर भी विचार कर रही है.
सरकार ने फ़ैसला लिया है कि सरकारी भवनों का निर्माण नदी-नालों के नज़दीक नहीं किया जाएगा. इसके लिए नियम तय होंगे. राज्य सरकार ने इसके लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. इस संबंध में मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया है।
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी भवनों के निर्माण पर करोड़ों रुपए ख़र्च किए जाते हैं और बरसात के दौरान इन्हें ख़तरा पैदा हो जाता है. ऐसे में राज्य सरकार ने यह फ़ैसला लिया है कि यह निर्माण नाले से भी कम से कम 150 मीटर की दूरी पर होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीती रात हुई बारिश की वजह से कई पेयजल परियोजनाओं और बिजली ट्रांसफॉर्मर को नुकसान हुआ है. राज्य सरकार हर स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है.
वही आज किसान ओर बागवान उत्पादक संघ के आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार हमेशा से ही बागवान किसान हितेषी ।रही है और बागबानों के हितों में ही काम कर रही है प्रदेश सरकार ने पहले ही हाई कोर्ट में वन भूमि पर सेब कटान को रोकने के लिए याचिका दायर की थी और सरकार ने यह पक्ष रखा था कि इन पेड़ों को ना काटा जाए और इसका सरकार ऑक्शन करेगी लेकिन हाई कोर्ट द्वारा उसे पर रोक नहीं लगाई गई और अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।
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