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शिमला , 24 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! आज महामहिम उप राष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने डॉ सिकंदर कुमार, राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा की पुस्तक—"मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तीकरण" (हिंदी और इंग्लिश) — का लोकार्पण किया ! इस मौके पर डॉ सिकंदर ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही गर्व, सम्मान और खुशी की बात है कि हमारे संवैधानिक मूल्यों के रखवाले और बुद्धिजीवी नेतृत्व की मिसाल महामहिम उप राष्ट्रपति जी ने उनकी पुस्तक का विमोचन किया ! उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की दूर की सोच के तहत ग्यारह साल के बदलाव लाने वाले इकोनॉमिक शासन को दर्शाती है, जिसने भारत को 2014 में दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी से 2025 तक चौथी सबसे बड़ी ताकत बना दिया और 2027 तक तीसरी बनने के करीब होगी। डॉ सिकंदर ने कहा कि इकोनॉमिक्स के स्टूडेंट के तौर पर, मुझे याद है जब भारत तथाकथित हिंदू ग्रोथ रेट में फंसा हुआ था — मामूली 3.5% से 4% GDP ग्रोथ। ये शब्द दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मजाक की तरह इस्तेमाल किए जाते थे। हमारा फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व मुश्किल से दो हफ़्ते के इंपोर्ट को कवर कर पाता था, महंगाई 17% के करीब थी, फिस्कल डेफिसिट खतरनाक रूप से ज्यादा था और देश के संकट के समय, इमरजेंसी लोन के लिए सोना गिरवी रखना पड़ा था। 1990 में, हम दुनिया की टॉप इकोनॉमी में 14वें नंबर पर थे; 2014 तक, हम 10वें नंबर पर पहुँच गए थे। आज, 2025 में, भारत गर्व से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर खड़ा है। आर्थिक कमजोरी से ग्लोबल लीडरशिप तक का यह बदलाव नरेंद्र मोदी के विज़न, सुधारों और लीडरशिप का सबूत है। डॉ सिकंदर ने कहा कि आलोच्य पुस्तक कुल आठ अध्यायों में विभाजित है। सभी अध्यायों के अंतर्गत अनेक उप-शीर्षक हैं और सभी टॉपिक भारतीय अर्थशास्त्र के वर्तमान स्वरूप को समझने के लिए एक मौलिक दृष्टि प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त सभी अध्यायों में महत्वपूर्ण टॉपिकों से संदर्भित स्वतंत्र बॉक्स दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक प्राध्यापक के रूप में मेरा विश्वास है कि आलोच्य पुस्तक छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को सर्वथा अद्यतन करेगी। यह उन लोगों के लिए भी एक विश्वसनीय स्रोत बनेगी जो भारतीय अर्थव्यवस्था में सहज रुचि रखते हैं। उन्होंने स्ट्रेट फॉरवर्ड पब्लिशर्स प्रा. लि., दिल्ली का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इस पुस्तक को बहुत जल्दी उपलब्ध कराने का पुनीत कार्य किया।
शिमला , 24 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! आज महामहिम उप राष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने डॉ सिकंदर कुमार, राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश महामंत्री भाजपा की पुस्तक—"मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तीकरण" (हिंदी और इंग्लिश) — का लोकार्पण किया ! इस मौके पर डॉ सिकंदर ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही गर्व, सम्मान और खुशी की बात है कि हमारे संवैधानिक मूल्यों के रखवाले और बुद्धिजीवी नेतृत्व की मिसाल महामहिम उप राष्ट्रपति जी ने उनकी पुस्तक का विमोचन किया !
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की दूर की सोच के तहत ग्यारह साल के बदलाव लाने वाले इकोनॉमिक शासन को दर्शाती है, जिसने भारत को 2014 में दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी से 2025 तक चौथी सबसे बड़ी ताकत बना दिया और 2027 तक तीसरी बनने के करीब होगी।
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डॉ सिकंदर ने कहा कि इकोनॉमिक्स के स्टूडेंट के तौर पर, मुझे याद है जब भारत तथाकथित हिंदू ग्रोथ रेट में फंसा हुआ था — मामूली 3.5% से 4% GDP ग्रोथ। ये शब्द दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मजाक की तरह इस्तेमाल किए जाते थे। हमारा फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व मुश्किल से दो हफ़्ते के इंपोर्ट को कवर कर पाता था, महंगाई 17% के करीब थी, फिस्कल डेफिसिट खतरनाक रूप से ज्यादा था और देश के संकट के समय, इमरजेंसी लोन के लिए सोना गिरवी रखना पड़ा था। 1990 में, हम दुनिया की टॉप इकोनॉमी में 14वें नंबर पर थे; 2014 तक, हम 10वें नंबर पर पहुँच गए थे। आज, 2025 में, भारत गर्व से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर खड़ा है। आर्थिक कमजोरी से ग्लोबल लीडरशिप तक का यह बदलाव नरेंद्र मोदी के विज़न, सुधारों और लीडरशिप का सबूत है।
डॉ सिकंदर ने कहा कि आलोच्य पुस्तक कुल आठ अध्यायों में विभाजित है। सभी अध्यायों के अंतर्गत अनेक उप-शीर्षक हैं और सभी टॉपिक भारतीय अर्थशास्त्र के वर्तमान स्वरूप को समझने के लिए एक मौलिक दृष्टि प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त सभी अध्यायों में महत्वपूर्ण टॉपिकों से संदर्भित स्वतंत्र बॉक्स दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एक प्राध्यापक के रूप में मेरा विश्वास है कि आलोच्य पुस्तक छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को सर्वथा अद्यतन करेगी। यह उन लोगों के लिए भी एक विश्वसनीय स्रोत बनेगी जो भारतीय अर्थव्यवस्था में सहज रुचि रखते हैं। उन्होंने स्ट्रेट फॉरवर्ड पब्लिशर्स प्रा. लि., दिल्ली का भी धन्यवाद किया जिन्होंने इस पुस्तक को बहुत जल्दी उपलब्ध कराने का पुनीत कार्य किया।
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