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शिमला , 18 जुलाई [ विशाल सूद ] ! एनएसयूआई के नवनियुक्त शिमला जिला अध्यक्ष नितिन देशटा ने कहा है कि वह संगठन के “हम बदलेंगे – 7 बदलाव” अभियान को शिमला जिले के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे और छात्र हितों की आवाज़ बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों में एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षण और सब-कोटा लागू किया जाना चाहिए ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि नेट फेल छात्रों को भी पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए और यह राशि समय पर छात्रों को प्राप्त हो, ताकि आर्थिक बाधाएं उनकी पढ़ाई में रोड़ा न बनें। खाली सरकारी पदों और नॉन फैकल्टी स्टाफ (NFS) की भर्तियां तत्काल प्रभाव से शुरू होनी चाहिए ताकि युवाओं को रोजगार का अवसर मिल सके और संस्थानों में कामकाज बेहतर ढंग से हो। नितिन देशटा ने नई शिक्षा नीति को छात्र विरोधी बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की और कहा कि शिक्षा व्यवस्था को छात्रों के हित में पारदर्शी, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाना चाहिए। उन्होंने भर्ती परीक्षाओं के परिणामों में हो रही देरी पर चिंता जताई और कहा कि इन परीक्षाओं के परिणाम समय पर जारी होने चाहिए ताकि छात्र अनिश्चितता से बाहर निकल सकें। उन्होंने अग्निवीर योजना को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया और मांग की कि सेना में फिर से स्थायी भर्तियों की प्रक्रिया बहाल की जाए। अंत में उन्होंने देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं को मज़बूत करने के लिए बेहद आवश्यक है। कहा कि एनएसयूआई छात्र हितों के लिए हमेशा संघर्ष करती आई है और अब शिमला जिले में संगठन को और अधिक मज़बूती से आगे ले जाया जाएगा।
शिमला , 18 जुलाई [ विशाल सूद ] ! एनएसयूआई के नवनियुक्त शिमला जिला अध्यक्ष नितिन देशटा ने कहा है कि वह संगठन के “हम बदलेंगे – 7 बदलाव” अभियान को शिमला जिले के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे और छात्र हितों की आवाज़ बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों में एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षण और सब-कोटा लागू किया जाना चाहिए ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि नेट फेल छात्रों को भी पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए और यह राशि समय पर छात्रों को प्राप्त हो, ताकि आर्थिक बाधाएं उनकी पढ़ाई में रोड़ा न बनें। खाली सरकारी पदों और नॉन फैकल्टी स्टाफ (NFS) की भर्तियां तत्काल प्रभाव से शुरू होनी चाहिए ताकि युवाओं को रोजगार का अवसर मिल सके और संस्थानों में कामकाज बेहतर ढंग से हो।
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नितिन देशटा ने नई शिक्षा नीति को छात्र विरोधी बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की और कहा कि शिक्षा व्यवस्था को छात्रों के हित में पारदर्शी, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाना चाहिए। उन्होंने भर्ती परीक्षाओं के परिणामों में हो रही देरी पर चिंता जताई और कहा कि इन परीक्षाओं के परिणाम समय पर जारी होने चाहिए ताकि छात्र अनिश्चितता से बाहर निकल सकें।
उन्होंने अग्निवीर योजना को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया और मांग की कि सेना में फिर से स्थायी भर्तियों की प्रक्रिया बहाल की जाए। अंत में उन्होंने देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं को मज़बूत करने के लिए बेहद आवश्यक है। कहा कि एनएसयूआई छात्र हितों के लिए हमेशा संघर्ष करती आई है और अब शिमला जिले में संगठन को और अधिक मज़बूती से आगे ले जाया जाएगा।
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