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सिरमौर , 25 नवंबर [ विशाल सूद ] ! सरकारी दावे जहां हर घर नल से जल देने की बात करते नहीं थकते, वहीं हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है। पांवटा साहिब की अजोली पंचायत के किशनकोट गांव में पिछले एक वर्ष से पानी की भीषण किल्लत ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि घरों के नल पूरी तरह सूख चुके हैं और पुरानी पाइपलाइन दम तोड़ चुकी है। परेशान ग्रामीण महिलाओं का एक प्रतिनिधिमंडल पंचायत प्रधान की अगुवाई में जल शक्ति विभाग के कार्यालय पहुंचा और अधिकारियों के सामने अपना दर्द बयां किया। महिलाओं ने कहा कि पानी की कमी ने उनके घरेलू जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। रोजाना बच्चों की यूनिफॉर्म धोने से लेकर नाश्ता बनाने और अन्य घरेलू कामकाज तक सबकुछ रुक जाता है। महिलाओं ने बताया कि वे खुद भी समाधान तलाशने में जुटीं— खुदाई कर पाइपलाइन रिपेयर तक करने की कोशिश की, लेकिन पुरानी व जर्जर पाइपलाइन ने साथ नहीं दिया। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि महिलाएं घंटों दूर-दराज से पानी भरकर ला रही हैं। जल शक्ति विभाग के अधिकारी ने जल्द समस्या समाधान का भरोसा देते हुए कहा कि गांव के एक घर में लगे बोरवेल पर मोटर लगाई जाएगी और उससे सभी घरों को पानी सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, पुरानी पाइपलाइन बदलने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन भी दिया गया है। महिलाओं ने उम्मीद जताई है कि इस बार समस्या का हल जरूर निकलेगा, लेकिन चेतावनी भी दी— यदि समाधान नहीं हुआ, तो पानी की यह किल्लत महिलाओं के लिए किसी आफत से कम नहीं बनेगी। नल जल योजना की जमीनी हकीकत पर बड़ा सवाल उठाते हुए ग्रामीणों ने साफ कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब पुरानी पाइपलाइनें बदली जाएं और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित हो।
सिरमौर , 25 नवंबर [ विशाल सूद ] ! सरकारी दावे जहां हर घर नल से जल देने की बात करते नहीं थकते, वहीं हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है। पांवटा साहिब की अजोली पंचायत के किशनकोट गांव में पिछले एक वर्ष से पानी की भीषण किल्लत ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि घरों के नल पूरी तरह सूख चुके हैं और पुरानी पाइपलाइन दम तोड़ चुकी है।
परेशान ग्रामीण महिलाओं का एक प्रतिनिधिमंडल पंचायत प्रधान की अगुवाई में जल शक्ति विभाग के कार्यालय पहुंचा और अधिकारियों के सामने अपना दर्द बयां किया। महिलाओं ने कहा कि पानी की कमी ने उनके घरेलू जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। रोजाना बच्चों की यूनिफॉर्म धोने से लेकर नाश्ता बनाने और अन्य घरेलू कामकाज तक सबकुछ रुक जाता है।
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महिलाओं ने बताया कि वे खुद भी समाधान तलाशने में जुटीं— खुदाई कर पाइपलाइन रिपेयर तक करने की कोशिश की, लेकिन पुरानी व जर्जर पाइपलाइन ने साथ नहीं दिया। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि महिलाएं घंटों दूर-दराज से पानी भरकर ला रही हैं।
जल शक्ति विभाग के अधिकारी ने जल्द समस्या समाधान का भरोसा देते हुए कहा कि गांव के एक घर में लगे बोरवेल पर मोटर लगाई जाएगी और उससे सभी घरों को पानी सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, पुरानी पाइपलाइन बदलने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन भी दिया गया है।
महिलाओं ने उम्मीद जताई है कि इस बार समस्या का हल जरूर निकलेगा, लेकिन चेतावनी भी दी— यदि समाधान नहीं हुआ, तो पानी की यह किल्लत महिलाओं के लिए किसी आफत से कम नहीं बनेगी।
नल जल योजना की जमीनी हकीकत पर बड़ा सवाल उठाते हुए ग्रामीणों ने साफ कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब पुरानी पाइपलाइनें बदली जाएं और नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित हो।
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