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चम्बा , 27 नवंबर [ शिवानी ] ! गैर सरकारी सदस्य एचपी फिशरमैन रिस्क फंड समिति के अध्यक्ष ने पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक को कृष्णा लैब के अंदर मरीजों को प्रिस्क्रिप्शन पर्चियों को फोटोस्टेट करने के आग्रह को लेकर एक ज्ञापन प्रेषित किया है। उन्होंने जिला चम्बा के सभी नागरिकों की ओर से एक महत्वपूर्ण बात सामने लाने की कोशिश की। उन्होंने कहां कि उन्हें आशा है कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जरूर विचार कर आम जनता के हित में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहां कि चम्बा अस्पताल परिसर के अंदर मरीजों की मुफ्त नैदानिक जांच करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करके कृष्णा लैब की स्थापना की गई है। लेकिन लैब में तैनात कर्मचारी मरीजों के परिजनों से जांच कराने से पहले पर्ची की फोटोस्टेट कराने चले जाते हैं। जो मरीजों के तीमारदारों के लिए बेहद कष्टकारी है। क्योंकि फोटोस्टेट की दुकान पर जाने से उनका कीमती समय बर्बाद होता है। साथ ही सुबह 9 बजे से पहले और रात 8 बजे के बाद आपातकालीन मरीजों की पर्ची फोटोस्टेट न करा पाने के कारण तीमारदारों को निजी लैब का रुख करना पड़ता है। जो कि सरकार द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क सुविधा के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने कहा कि लैब स्टाफ का यह रवैया एक संगठित घोटाला प्रतीत होता है। क्योंकि कृष्णा लैब के साथ हुए समझौते के तहत लैब के अंदर ही मरीजों की पर्ची की फोटोस्टेट करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने अनुरोध है कि इस संबंध में जल्द से जल्द लैब स्टाफ को सख्त निर्देश दें। ताकि आम और गरीब लोगों को राहत मिल सके और उन्हें अपनी पर्ची की फोटोस्टेट कराने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।
चम्बा , 27 नवंबर [ शिवानी ] ! गैर सरकारी सदस्य एचपी फिशरमैन रिस्क फंड समिति के अध्यक्ष ने पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक को कृष्णा लैब के अंदर मरीजों को प्रिस्क्रिप्शन पर्चियों को फोटोस्टेट करने के आग्रह को लेकर एक ज्ञापन प्रेषित किया है।
उन्होंने जिला चम्बा के सभी नागरिकों की ओर से एक महत्वपूर्ण बात सामने लाने की कोशिश की। उन्होंने कहां कि उन्हें आशा है कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जरूर विचार कर आम जनता के हित में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
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उन्होंने कहां कि चम्बा अस्पताल परिसर के अंदर मरीजों की मुफ्त नैदानिक जांच करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करके कृष्णा लैब की स्थापना की गई है। लेकिन लैब में तैनात कर्मचारी मरीजों के परिजनों से जांच कराने से पहले पर्ची की फोटोस्टेट कराने चले जाते हैं। जो मरीजों के तीमारदारों के लिए बेहद कष्टकारी है। क्योंकि फोटोस्टेट की दुकान पर जाने से उनका कीमती समय बर्बाद होता है। साथ ही सुबह 9 बजे से पहले और रात 8 बजे के बाद आपातकालीन मरीजों की पर्ची फोटोस्टेट न करा पाने के कारण तीमारदारों को निजी लैब का रुख करना पड़ता है। जो कि सरकार द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क सुविधा के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने कहा कि लैब स्टाफ का यह रवैया एक संगठित घोटाला प्रतीत होता है। क्योंकि कृष्णा लैब के साथ हुए समझौते के तहत लैब के अंदर ही मरीजों की पर्ची की फोटोस्टेट करने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने अनुरोध है कि इस संबंध में जल्द से जल्द लैब स्टाफ को सख्त निर्देश दें। ताकि आम और गरीब लोगों को राहत मिल सके और उन्हें अपनी पर्ची की फोटोस्टेट कराने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।
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