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चम्बा ! जिला चम्बा के अंतर्गत लगते रजेरा क्षेत्र में खेलते-खेलते एक बच्चे के गले में बोतल का ढक्कन फंस गया,जिसके फंसने से बच्चे का दम घुटने लगा और वह रोने लगा। परंतु वो गले मे ढक्कन फंसने के कारण सही तरीके रो भी न पा रहा था। जब घरवालों को इसका पता चला तो वो सन्न रह गए। विना समय गंवाए बच्चे को उपचार के लिए मैडीकल कालेज एवं अस्पताल चम्बा पहुंचाया। आपातकालीन कक्ष में ही ईएनटी विशेषज्ञ डाॅ. राकेश ठाकुर ने बिना समय गंवाए बच्चे का ऑप्रेशन शुरू कर दिया। उपकरणों की कमी के कारण अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए ईएनटी विशेषज्ञ ने चंद मिनटों में ही ढक्कन बच्चे के गले से बाहर निकाल दिया और उसकी जान बचाई। उसके बाद बच्चों के घरवालों ने राहत की सांस ली। जानकारी के अनुसार बुधवार को जिले के रजेरा क्षेत्र का एक साल का बच्चा बोतल के साथ खेल रहा था। उसने बोतल मुंह में डाली हुई थी। इस दौरान अचानक उसका ढक्कन खुल गया और वह बच्चे के गले में फंस गया। शाम के वक्त परिजन आधे घंटे के भीतर बच्चे को मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल ले आए। ईएनटी विशेषज्ञ डाॅ. राकेश को बुलाया। उन्होंने बच्चे के गले में रॉड डाली और सफलतापूर्वक ढक्कन निकाल दिया। डाॅ. राकेश ठाकुर ने बताया कि अगर ढक्कन निकालने में थोड़ी सी देर हो जाती तो बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता था। उन्होंने कहा कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। उसे 2 दिन के लिए शिशु वार्ड में ऑब्जर्वेशन के लिए रखा गया है और जल्द ही उसे छुट्टी दे दी जाएगी। मेडिकल काॅलेज के एमएस डाॅ. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि अभिभावक छोटे बच्चों के हाथ में इस तरह की चीजें न दें। उनके आसपास ऐसी कोई वस्तु न रखें, जिसे बच्चा निगलने का प्रयास करे। इससे बच्चों की जान को खतरा हो सकता है। बच्चों की उचित ढंग से देखभाल करें। थोड़ी-सी लापरवाही मुश्किलें पैदा कर सकती है।
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