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चम्बा ! बरसात के मौसम में जगह-जगह बारिश की वजह से पानी ही पानी देखने को मिल रहा है। लेकिन चंबा जिला के बहुत से ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां पर लोगों को पेयजल की समस्या बनी हुई है । चम्बा जिला के रूपणी पंचायत के भंडार गांव की बात करें तो जल शक्ति विभाग द्वारा इस गांव में लोगों के घरों में पानी की सप्लाई को नही पहुंचाया गया है मजबूरन लोगों को प्राकृतिक स्त्रोत पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। जिसके लिए उन्हें गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर पैदल सफर कर जाना पड़ता है। महिलाएं सुबह,दोपहर ओर शाम को अपने सर पर पानी का बर्तन उठाकर बड़ी ही मुश्किल से अपने घरों तक पहुंचती हैं और पिछले कई सालों से लगातार इसी तरह से यह सिलसिला चला आ रहा है। पानी लेने के लिए महिलाओं को रोजाना पनिहार पर जाना पड़ता है जिसके लिए उनके घर के कामकाज भी काफी प्रभावित होता है । यहां की महिलाओं व स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में पानी की व्यवस्था नहीं की गई है जिसकी वजह से उन्हें प्राकृतिक पनिहार से पानी लाना पड़ता है । उन्होंने बताया कि दिन में तीन बार उन्हें पीने के लिए पानी लाना पड़ता है । उन्होंने कहा कि यहां से प्राकृतिक स्रोत करीब 1 किलोमीटर दूर है और उन्हें वहां आने जाने में काफी समय बर्बाद होता है जिससे उनका कामकाज भी बाधित होता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल्द से उनके गांव में पानी की सप्लाई की व्यवस्था की जाए और उनके घरों में नल लगवा कर उनमें पानी सुचारू किया जाए ताकि वह भी अपने घरों में ही पानी भर सके।
चम्बा ! बरसात के मौसम में जगह-जगह बारिश की वजह से पानी ही पानी देखने को मिल रहा है। लेकिन चंबा जिला के बहुत से ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां पर लोगों को पेयजल की समस्या बनी हुई है । चम्बा जिला के रूपणी पंचायत के भंडार गांव की बात करें तो जल शक्ति विभाग द्वारा इस गांव में लोगों के घरों में पानी की सप्लाई को नही पहुंचाया गया है मजबूरन लोगों को प्राकृतिक स्त्रोत पर ही निर्भर होना पड़ रहा है। जिसके लिए उन्हें गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर पैदल सफर कर जाना पड़ता है। महिलाएं सुबह,दोपहर ओर शाम को अपने सर पर पानी का बर्तन उठाकर बड़ी ही मुश्किल से अपने घरों तक पहुंचती हैं और पिछले कई सालों से लगातार इसी तरह से यह सिलसिला चला आ रहा है। पानी लेने के लिए महिलाओं को रोजाना पनिहार पर जाना पड़ता है जिसके लिए उनके घर के कामकाज भी काफी प्रभावित होता है ।
यहां की महिलाओं व स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में पानी की व्यवस्था नहीं की गई है जिसकी वजह से उन्हें प्राकृतिक पनिहार से पानी लाना पड़ता है । उन्होंने बताया कि दिन में तीन बार उन्हें पीने के लिए पानी लाना पड़ता है । उन्होंने कहा कि यहां से प्राकृतिक स्रोत करीब 1 किलोमीटर दूर है और उन्हें वहां आने जाने में काफी समय बर्बाद होता है जिससे उनका कामकाज भी बाधित होता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल्द से उनके गांव में पानी की सप्लाई की व्यवस्था की जाए और उनके घरों में नल लगवा कर उनमें पानी सुचारू किया जाए ताकि वह भी अपने घरों में ही पानी भर सके।
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