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चम्बा , 08 अगस्त [ शिवानी ] ! शहर में एक बार फिर हाउस टैक्स की दरों को लेकर विरोध शुरू हो गया है। पहले शहरवासियों और अब पार्षदों के विरोध के चलते स्थिति यह बन गई है कि नगर परिषद को मजबूरन दोबारा सर्वे करवाना पड़ रहा है। सेटेलाइट सर्वे से संपत्ति मापी जाएगी और सरकार की और से निर्धारित मापदंडों के आधार पर ही हाउस टैक्स की दरें निर्धारित होंगी। नगर परिषद शिमला की कंपनी से इसके बारे में एग्रीमेंट करेगी। बताया जा रहा है कि इसी माह के अंत तक शहर के हर एक वार्ड का सेटेलाइट सर्वे शुरू हो जाएगा और आगामी समय में हाउस टैक्स की नई दरें लागू होंगी। दोबारा सर्वे को लेकर हैरान करने वाली बात यह है कि चार साल पहले भी सेटेलाइट सर्वे हो चुका है। इसके बाद हाउस टैक्स की नई दरें तय हुई थीं। जानकारी के अनुसार शहर के 11 वार्डों में चार हजार से अधिक मकान हैं जहां दोबारा सर्वे करवाया जाएगा। संपत्ति के हिसाब से ही हाउस टैक्स वसूला जाएगा। जबकि वर्तमान में पांच सौ से लेकर 50 हजार रुपये तक हाउस टैक्स नगर परिषद वसूल रही है। गत साल हाउस टैक्स की दरें प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से तय हुई थीं। बहरहाल, हाउस टैक्स की दरें बढ़ाने का शहर के सामाजिक संगठनों ने विरोध किया। इसके बाद वार्ड स्तर पर भी बैठकें हुईं। इनमें लोगों ने नई टैक्स प्रणाली का पुरजोर विरोध किया लेकिन यह विरोध नगर परिषद के पार्षदों तक पहुंच गया है। पार्षद भी यह हवाला दे रहे हैं कि नई टैक्स प्रणाली से स्थानीय लोग नाराज हैं। इसके चलते पार्षदों ने भी इसका विरोध किया और सरकार को प्रस्ताव भेजा। कुल मिलाकर शहर में हाउस टैक्स की दरों को नगर परिषद बढ़ाना चाह रही है लेकिन, विरोध के चलते यह अब तक नहीं हो पाया। टैक्स की दरें न बढ़ने से शहर में विकास पर भी असर पड़ेगा। नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी राखी कौशल का कहना है कि शहर में अब दोबारा सेटेलाइट सर्वे करवाया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 08 अगस्त [ शिवानी ] ! शहर में एक बार फिर हाउस टैक्स की दरों को लेकर विरोध शुरू हो गया है। पहले शहरवासियों और अब पार्षदों के विरोध के चलते स्थिति यह बन गई है कि नगर परिषद को मजबूरन दोबारा सर्वे करवाना पड़ रहा है। सेटेलाइट सर्वे से संपत्ति मापी जाएगी और सरकार की और से निर्धारित मापदंडों के आधार पर ही हाउस टैक्स की दरें निर्धारित होंगी। नगर परिषद शिमला की कंपनी से इसके बारे में एग्रीमेंट करेगी।
बताया जा रहा है कि इसी माह के अंत तक शहर के हर एक वार्ड का सेटेलाइट सर्वे शुरू हो जाएगा और आगामी समय में हाउस टैक्स की नई दरें लागू होंगी।
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दोबारा सर्वे को लेकर हैरान करने वाली बात यह है कि चार साल पहले भी सेटेलाइट सर्वे हो चुका है। इसके बाद हाउस टैक्स की नई दरें तय हुई थीं।
जानकारी के अनुसार शहर के 11 वार्डों में चार हजार से अधिक मकान हैं जहां दोबारा सर्वे करवाया जाएगा। संपत्ति के हिसाब से ही हाउस टैक्स वसूला जाएगा। जबकि वर्तमान में पांच सौ से लेकर 50 हजार रुपये तक हाउस टैक्स नगर परिषद वसूल रही है। गत साल हाउस टैक्स की दरें प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से तय हुई थीं।
बहरहाल, हाउस टैक्स की दरें बढ़ाने का शहर के सामाजिक संगठनों ने विरोध किया। इसके बाद वार्ड स्तर पर भी बैठकें हुईं। इनमें लोगों ने नई टैक्स प्रणाली का पुरजोर विरोध किया लेकिन यह विरोध नगर परिषद के पार्षदों तक पहुंच गया है।
पार्षद भी यह हवाला दे रहे हैं कि नई टैक्स प्रणाली से स्थानीय लोग नाराज हैं। इसके चलते पार्षदों ने भी इसका विरोध किया और सरकार को प्रस्ताव भेजा। कुल मिलाकर शहर में हाउस टैक्स की दरों को नगर परिषद बढ़ाना चाह रही है लेकिन, विरोध के चलते यह अब तक नहीं हो पाया।
टैक्स की दरें न बढ़ने से शहर में विकास पर भी असर पड़ेगा। नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी राखी कौशल का कहना है कि शहर में अब दोबारा सेटेलाइट सर्वे करवाया जाएगा।
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