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चम्बा ! वारिश के पानी के संचय और सदुपयोग को लेकर चंबा जिला में भी 'कैच द रेन' अभियान शुरू होगा। अभियान के तहत जन जागरूकता पैदा करने के मकसद से शुरू होने वाले 'कैच द रेन' अभियान की कार्य योजना की समीक्षा को लेकर उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित युवा कार्यक्रम के लिए गठित जिला स्तरीय परामर्श समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने कहा कि नेहरू युवा केंद्र इस अभियान के तहत होने वाली तमाम गतिविधियों का शेड्यूल जल्द तैयार करे। इस अभियान में जिला के पांच विकास खंडों से 10-10 गांव चयनित किए जाएंगे। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि उन्हीं गांवों को चयनित किया जाए जहां पानी की अक्सर किल्लत रहती है। झरनों और पेयजल के प्राकृतिक स्रोतों के पुनरुद्धार, संवर्धन और वाटर डिस्चार्ज को बढ़ाने की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ।अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि अगले वर्ष जिला में निर्मित होने वाले सभी पंचायत भवनों में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभिन्न सरकारी विभागों के कार्यालय भवनों में भी इस तरह की व्यवस्था पूरी तरह से रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात के लिए भी प्रेरित किया जाए कि मनरेगा के तहत वे वर्षा जल संग्रहण के लिए स्टोरेज टैंक बना सकते हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि वन विभाग द्वारा केएफडब्ल्यू प्रोजेक्ट के तहत चयनित किए गांवो मेंं भी गतिविधियां शुरू करने में नेहरू युवा केंद्र अपने स्वयंसेवकों को जोड़ें। अतिरिक्त उपायुक्त ने इस मौके पर स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप में बेहतरीन कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं को प्रशंसा प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। बैठक में समिति से जुड़े अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
चम्बा ! वारिश के पानी के संचय और सदुपयोग को लेकर चंबा जिला में भी 'कैच द रेन' अभियान शुरू होगा। अभियान के तहत जन जागरूकता पैदा करने के मकसद से शुरू होने वाले 'कैच द रेन' अभियान की कार्य योजना की समीक्षा को लेकर उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित युवा कार्यक्रम के लिए गठित जिला स्तरीय परामर्श समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने कहा कि नेहरू युवा केंद्र इस अभियान के तहत होने वाली तमाम गतिविधियों का शेड्यूल जल्द तैयार करे। इस अभियान में जिला के पांच विकास खंडों से 10-10 गांव चयनित किए जाएंगे।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि उन्हीं गांवों को चयनित किया जाए जहां पानी की अक्सर किल्लत रहती है। झरनों और पेयजल के प्राकृतिक स्रोतों के पुनरुद्धार, संवर्धन और वाटर डिस्चार्ज को बढ़ाने की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ।अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि अगले वर्ष जिला में निर्मित होने वाले सभी पंचायत भवनों में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभिन्न सरकारी विभागों के कार्यालय भवनों में भी इस तरह की व्यवस्था पूरी तरह से रहनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात के लिए भी प्रेरित किया जाए कि मनरेगा के तहत वे वर्षा जल संग्रहण के लिए स्टोरेज टैंक बना सकते हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि वन विभाग द्वारा केएफडब्ल्यू प्रोजेक्ट के तहत चयनित किए गांवो मेंं भी गतिविधियां शुरू करने में नेहरू युवा केंद्र अपने स्वयंसेवकों को जोड़ें।
अतिरिक्त उपायुक्त ने इस मौके पर स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप में बेहतरीन कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं को प्रशंसा प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। बैठक में समिति से जुड़े अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
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