- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चंबा ! चौरासी परिसर मणिमहेश मंदिर के साथ स्थित ऐतिहासिक देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ाया गया । इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान केवल औपचारिकताओं को ही पूरा किया जा रहा है। चौरासी परिसर में जैसे ही झंडा चढ़ाने रस्म शुरू होते ही पूरा परिसर जय जयकारों से गूंज उठा। घराटी परिवार ने ऐतिहासिक देवदार के पेड़ के शिखर पर झंडा चढ़ाया। उसके बाद चौरासी परिसर में विराजमान सभी देवी देवताओं को नए वस्त्र चढ़ाए गए। हर बार झंडा चढ़ाने के बाद जातर मेलों की कड़ी में पहला मेला नरसिंह भगवान, दूसरा शिवजी भगवान, तीसरा लखना माता, चौथा गणेश, पांचवां कार्तिक, छठा शीतला माता, सातवां महंत जय कृष्ण महाराज, आठवां हनुमान का दंगल और डेढ़ दशक से करीब महंत प्रेम नरायण गिरि का मेला मनाया जाता है। पुजारी वर्ग का कहना कि हर मेले की रात्रि को चौरासी परिसर में उसी देवता को जगराता समर्पित है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण केवल औपचारिकताओं को ही पूरा किया जा रहा है।
चंबा ! चौरासी परिसर मणिमहेश मंदिर के साथ स्थित ऐतिहासिक देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ाया गया । इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान केवल औपचारिकताओं को ही पूरा किया जा रहा है।
चौरासी परिसर में जैसे ही झंडा चढ़ाने रस्म शुरू होते ही पूरा परिसर जय जयकारों से गूंज उठा। घराटी परिवार ने ऐतिहासिक देवदार के पेड़ के शिखर पर झंडा चढ़ाया। उसके बाद चौरासी परिसर में विराजमान सभी देवी देवताओं को नए वस्त्र चढ़ाए गए। हर बार झंडा चढ़ाने के बाद जातर मेलों की कड़ी में पहला मेला नरसिंह भगवान, दूसरा शिवजी भगवान, तीसरा लखना माता, चौथा गणेश, पांचवां कार्तिक, छठा शीतला माता, सातवां महंत जय कृष्ण महाराज, आठवां हनुमान का दंगल और डेढ़ दशक से करीब महंत प्रेम नरायण गिरि का मेला मनाया जाता है। पुजारी वर्ग का कहना कि हर मेले की रात्रि को चौरासी परिसर में उसी देवता को जगराता समर्पित है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण केवल औपचारिकताओं को ही पूरा किया जा रहा है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -