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शिमला , 23 सितंबर [ विशाल सूद ] ! बहुचर्चित युग हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। जिला अदालत ने हत्याकांड में तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद दोषियों ने हाई कोर्ट में फैंसले को बदलने के लिए अपील दायर की थी। काफी समय तक मामला कोर्ट में चलता रहा और आज हाई कोर्ट ने जिला अदालत के फैंसले को बदल कर दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है जबकि एक को बरी करने के आदेश जारी किए हैं। फैसले पर युग के परिजनों ने नाराजगी जताई है और सुप्रीम कोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाने की बात कही है।युग के पिता विनोद गुप्ता ने कहा कि 11 वर्ष के बीत जाने के बाद की युग को न्याय नहीं मिला है और आज हाई कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है जिससे वह खुश नहीं है। युग के दोषियों को फांसी दे देनी चाहिए थी लेकिन इतना वक्त बीत जाने पर भी दोषी जिंदा है। युग को न्याय दिलाने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे और तुरंत फांसी की सजा देने की न्यायालय में मांग करेंगे। गौरतलब है कि 14 जून, 2014 को शिमला के राम बाजार से तीन लोगों ने फिरौती के लिए 4 साल के युग का अपहरण किया। अपहरण के 2 साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी के पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद हुआ। तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था। युग के अपहरण व हत्या मामले की जांच करने वाली सीआईडी ने 25 अक्टूबर, 2016 को चार्जशीट अदालत में दायर की। 20 फरवरी 2017 से अदालत में ट्रायल शुरू हुआ। इसमें कुल 135 में से 105 गवाहों के बयान हुए और कोर्ट ने साढ़े 10 माह में ही फांसी की सजा सुना दी थी।
शिमला , 23 सितंबर [ विशाल सूद ] ! बहुचर्चित युग हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। जिला अदालत ने हत्याकांड में तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद दोषियों ने हाई कोर्ट में फैंसले को बदलने के लिए अपील दायर की थी। काफी समय तक मामला कोर्ट में चलता रहा और आज हाई कोर्ट ने जिला अदालत के फैंसले को बदल कर दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है जबकि एक को बरी करने के आदेश जारी किए हैं।
फैसले पर युग के परिजनों ने नाराजगी जताई है और सुप्रीम कोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाने की बात कही है।युग के पिता विनोद गुप्ता ने कहा कि 11 वर्ष के बीत जाने के बाद की युग को न्याय नहीं मिला है और आज हाई कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है जिससे वह खुश नहीं है। युग के दोषियों को फांसी दे देनी चाहिए थी लेकिन इतना वक्त बीत जाने पर भी दोषी जिंदा है। युग को न्याय दिलाने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे और तुरंत फांसी की सजा देने की न्यायालय में मांग करेंगे।
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गौरतलब है कि 14 जून, 2014 को शिमला के राम बाजार से तीन लोगों ने फिरौती के लिए 4 साल के युग का अपहरण किया। अपहरण के 2 साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी के पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद हुआ। तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था। युग के अपहरण व हत्या मामले की जांच करने वाली सीआईडी ने 25 अक्टूबर, 2016 को चार्जशीट अदालत में दायर की। 20 फरवरी 2017 से अदालत में ट्रायल शुरू हुआ। इसमें कुल 135 में से 105 गवाहों के बयान हुए और कोर्ट ने साढ़े 10 माह में ही फांसी की सजा सुना दी थी।
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