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मंडी , 05 सितंबर [ विशाल सूद ] ! सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत तांदी पंचायत के लाछ और लठली में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा प्रभावितों से मिलकर हालत पर चर्चा की* और जमीन बैठ जाने से खाली किये 35 मकानों के प्रभवितों मिले और राहत राशि बांटी। यहां 8 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में बारिश और भूस्खलन ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है। गांव की जमीन अब तक 12 से 15 फीट तक धंस चुकी है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। स्थिति यह है कि जमीन हर रोज 1 से 2 फीट तक धंस रही है, जिससे कई घर जमींदोज हो गए हैं और कुछ रहने के काबिल नहीं रहे हैं। इस कारण अब लोगों के पास सुरक्षित छत तक नहीं बची। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी के साथ इस प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि तांदी गांव का बड़ा हिस्सा पंडोह डैम से सटा होने के कारण खतरे के दायरे में है। वहीं, कुकलाह गांव को जोड़ने वाली सड़क भी भूस्खलन की वजह से डैम की ओर धंस चुकी है, जिससे इलाके की संपर्क व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इस संकट की घड़ी में ग्रामीणों ने नेताओं के सामने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि वे घर उजड़ने के बाद अब खुले आसमान के नीचे जीवन-यापन को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द राहत और स्थायी समाधान की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यह आपदा बेहद गंभीर है और सरकार को तत्काल राहत एवं पुनर्वास की ठोस व्यवस्था करनी चाहिए।
मंडी , 05 सितंबर [ विशाल सूद ] ! सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत तांदी पंचायत के लाछ और लठली में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा प्रभावितों से मिलकर हालत पर चर्चा की* और जमीन बैठ जाने से खाली किये 35 मकानों के प्रभवितों मिले और राहत राशि बांटी। यहां 8 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि गांव में बारिश और भूस्खलन ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है। गांव की जमीन अब तक 12 से 15 फीट तक धंस चुकी है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। स्थिति यह है कि जमीन हर रोज 1 से 2 फीट तक धंस रही है, जिससे कई घर जमींदोज हो गए हैं और कुछ रहने के काबिल नहीं रहे हैं। इस कारण अब लोगों के पास सुरक्षित छत तक नहीं बची।
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नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी के साथ इस प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि तांदी गांव का बड़ा हिस्सा पंडोह डैम से सटा होने के कारण खतरे के दायरे में है। वहीं, कुकलाह गांव को जोड़ने वाली सड़क भी भूस्खलन की वजह से डैम की ओर धंस चुकी है, जिससे इलाके की संपर्क व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
इस संकट की घड़ी में ग्रामीणों ने नेताओं के सामने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि वे घर उजड़ने के बाद अब खुले आसमान के नीचे जीवन-यापन को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द राहत और स्थायी समाधान की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यह आपदा बेहद गंभीर है और सरकार को तत्काल राहत एवं पुनर्वास की ठोस व्यवस्था करनी चाहिए।
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