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चम्बा ,08 दिसंबर [ ज्योति ] ! भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला चम्बा द्वारा साहित्यकार यशपाल जयंती समारोह के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय सलूणी में कविता पाठ, भाषण व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया l समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया l जिला भाषा अधिकारी तुकेश शर्मा ने यशपाल के लेखन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यशपाल के लेखन की प्रमुख विधा उपन्यास थी, लेकिन अपने लेखन की शुरूआत उन्होंने कहानियों से की। उनकी कहानियाँ अपने समय की राजनीति से उस रूप में आक्रांत नहीं थी, जैसे उनके उपन्यास। नई कहानी के दौर के लेखन में जिस कृत्रिम मन के विभाजन को हम देखते हैं l उस कृत्रिम मन के विभाजन का आरम्भ हम यशपाल की कहानियों का अध्ययन करने के उपरांत इनकी लेखनी के केंद्र बिंदु के रूप में देख सकते हैं । आज की कहानी के सोच की जो दिशा है, उसमें यशपाल की कितनी ही कहानियाँ बतौर मार्गदर्शक इस्तेमाल हुई है। वर्तमान और आगत कथा-परिदृश्य की संभावनाओं की दृष्टि से उनकी सार्थकता असंदिग्ध है। उनके कहानी-संग्रहों में पिंजरे की उड़ान, ज्ञानदान, भस्मावृत्त चिंगारी, फूलों का कुर्ता, धर्मयुद्ध, तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ और उत्तमी की माँ प्रमुख हैं। यशपाल सक्रिय राजनीति से साहित्य की ओर आए थे, उसका नक्शा उनके आगे शुरू से बहुत कुछ स्पष्ट था। यशपाल की वैचारिक यात्रा में यह सूत्र शुरू से अंत तक सक्रिय दिखाई देता है कि जनता का व्यापक सहयोग और सक्रिय भागीदारी ही किसी राष्ट्र के निर्माण और विकास के मुख्य कारक हैं। इसके उपरांत प्राचार्य श्री मती पिंकी देवी ने कहा कि यशपाल के साहित्य में हर जगह जनता के व्यापक हितों के समर्थक और संरक्षक के रूप में देखा जा सकता है। उनके उपन्यासों में सामाजिक सरोकारों का प्रतिबिम्बन भी देखने को मिलता है l इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के 115 से अधिक विद्यार्थियों ने तीनों प्रतियोगिताओं में भाग लिया l भाषण प्रतियोगिता में वंशिका ने प्रथम, मनजोत द्वितीय तथा साक्षी ने तृतीय स्थान हासिल किया l कविता पाठ प्रतियोगिता में दीक्षा प्रथम, काव्य द्वितीय तथा हरजोत और कोमल ने तृतीय स्थान पर रहे l प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में निराला टीम प्रथम, पंत टीम द्वितीय तथा गुलेरी टीम ने तृतीय स्थान हासिल किया l इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के आचार्य दिनेश शर्मा, गुरुदेव सिंह, सौरभ मिश्रा, शुभम डोगरा, पंकज कुमार, तेजिंदर नेगी तथा कवि अनूप कुमार ने निर्णायक मंडल के रूप में अपनी भूमिका निभाई l इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त कर्मचारियों के साथ साथ महाविद्यालय के विद्यार्थी भी मौजूद रहे l
चम्बा ,08 दिसंबर [ ज्योति ] ! भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला चम्बा द्वारा साहित्यकार यशपाल जयंती समारोह के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय सलूणी में कविता पाठ, भाषण व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया l समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया l जिला भाषा अधिकारी तुकेश शर्मा ने यशपाल के लेखन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यशपाल के लेखन की प्रमुख विधा उपन्यास थी, लेकिन अपने लेखन की शुरूआत उन्होंने कहानियों से की। उनकी कहानियाँ अपने समय की राजनीति से उस रूप में आक्रांत नहीं थी, जैसे उनके उपन्यास। नई कहानी के दौर के लेखन में जिस कृत्रिम मन के विभाजन को हम देखते हैं l उस कृत्रिम मन के विभाजन का आरम्भ हम यशपाल की कहानियों का अध्ययन करने के उपरांत इनकी लेखनी के केंद्र बिंदु के रूप में देख सकते हैं ।
आज की कहानी के सोच की जो दिशा है, उसमें यशपाल की कितनी ही कहानियाँ बतौर मार्गदर्शक इस्तेमाल हुई है। वर्तमान और आगत कथा-परिदृश्य की संभावनाओं की दृष्टि से उनकी सार्थकता असंदिग्ध है। उनके कहानी-संग्रहों में पिंजरे की उड़ान, ज्ञानदान, भस्मावृत्त चिंगारी, फूलों का कुर्ता, धर्मयुद्ध, तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ और उत्तमी की माँ प्रमुख हैं।
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यशपाल सक्रिय राजनीति से साहित्य की ओर आए थे, उसका नक्शा उनके आगे शुरू से बहुत कुछ स्पष्ट था। यशपाल की वैचारिक यात्रा में यह सूत्र शुरू से अंत तक सक्रिय दिखाई देता है कि जनता का व्यापक सहयोग और सक्रिय भागीदारी ही किसी राष्ट्र के निर्माण और विकास के मुख्य कारक हैं। इसके उपरांत प्राचार्य श्री मती पिंकी देवी ने कहा कि यशपाल के साहित्य में हर जगह जनता के व्यापक हितों के समर्थक और संरक्षक के रूप में देखा जा सकता है। उनके उपन्यासों में सामाजिक सरोकारों का प्रतिबिम्बन भी देखने को मिलता है l इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के 115 से अधिक विद्यार्थियों ने तीनों प्रतियोगिताओं में भाग लिया l भाषण प्रतियोगिता में वंशिका ने प्रथम, मनजोत द्वितीय तथा साक्षी ने तृतीय स्थान हासिल किया l
कविता पाठ प्रतियोगिता में दीक्षा प्रथम, काव्य द्वितीय तथा हरजोत और कोमल ने तृतीय स्थान पर रहे l प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में निराला टीम प्रथम, पंत टीम द्वितीय तथा गुलेरी टीम ने तृतीय स्थान हासिल किया l इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के आचार्य दिनेश शर्मा, गुरुदेव सिंह, सौरभ मिश्रा, शुभम डोगरा, पंकज कुमार, तेजिंदर नेगी तथा कवि अनूप कुमार ने निर्णायक मंडल के रूप में अपनी भूमिका निभाई l इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त कर्मचारियों के साथ साथ महाविद्यालय के विद्यार्थी भी मौजूद रहे l
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