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चम्बा ! संयुक्त ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर आंगनबाड़ी वर्करज एवं हैल्पर्ज यूनियन और मिड- डे मील वर्करज यूनियन संबंधित सीटू ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की । इस दौरान रैली निकालकर मोदी सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की गई। रैली इरावती होटल से आरंभ होकर पूरे बाजार का चक्कर लगाते हुए नगर परिषद कार्यालय के परिसर में पहुंचकर संपन्न हुई। इस मौके पर सीटू महासचिव सुदेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार ने जनता से जो वादे किए थे उनमें से अधिकतर को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। महंगाई आसमान छू रही है और युवा वर्ग रोजगार को तरस रहा है। रसोई गैस इतनी महंगी कर दी गई है कि आम जनता की पहुंच से बाहर जा चुकी है। वर्ष 2014 में 400 रुपए में मिलने वाले गैस सिलेंडर की कीमत अब सात सौ को पार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि बताया कि आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, मिड-डे-मील और सिलाई अध्यापकों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। जिनका न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह किया जाए।
चम्बा ! संयुक्त ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर आंगनबाड़ी वर्करज एवं हैल्पर्ज यूनियन और मिड- डे मील वर्करज यूनियन संबंधित सीटू ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की । इस दौरान रैली निकालकर मोदी सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की गई। रैली इरावती होटल से आरंभ होकर पूरे बाजार का चक्कर लगाते हुए नगर परिषद कार्यालय के परिसर में पहुंचकर संपन्न हुई। इस मौके पर सीटू महासचिव सुदेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार ने जनता से जो वादे किए थे उनमें से अधिकतर को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। महंगाई आसमान छू रही है और युवा वर्ग रोजगार को तरस रहा है।
रसोई गैस इतनी महंगी कर दी गई है कि आम जनता की पहुंच से बाहर जा चुकी है। वर्ष 2014 में 400 रुपए में मिलने वाले गैस सिलेंडर की कीमत अब सात सौ को पार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि बताया कि आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, मिड-डे-मील और सिलाई अध्यापकों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। जिनका न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह किया जाए।
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