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नालागढ़ ! किसान संगठनों द्वारा पूरे देश के किसानों से 8 दिसंबर को भारत बंद की अपील के चलते प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के किसानों ने भी दिल्ली में बैठे किसानों को अपना समर्थन देते हुए नालागढ़ के चौकी वाला में चक्का जाम कर रखा है। आपको बता दें कि रोपड़ नालागढ़ मार्ग एवं भरतगढ़ नालागढ़ मार्ग को पूर्ण तौर पर जाम रखा गया है। हजारों की तादाद में किसान चौकीवाला में धरने पर बैठकर केंद्र सरकार के जनविरोधी कृषि बिलों के खिलाफ नारेबाजी के दौरान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों द्वारा केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा गया है कि अगर सरकार द्वारा 9 तारीख को रखी गई बैठक के दौरान तीनों कृषि बिलों को वापस नहीं लिया गया तो वह हिमाचल से भी हजारों किसान दिल्ली में जाकर किसान आंदोलन में शामिल होंगे और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन करेंगे। इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा बिना किसानों की राय जाने बिना ही अंधा कानून किसानों पर थोपे हैं जिनका किसान संगठन पूर्ण तौर पर विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस कृषि बिलों में 99% कमियां है जिसके चलते सभी किसान इन बिलों को वापस करने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को अब कॉर्पोरेट घरानों को बेचने में लगी हुई है और बड़ी-बड़ी कंपनियां किसानों की जमीनों पर कब्जा कर लेंगी। जिसके चलते उनकी आने वाली नस्लें भूखी मरने को मजबूर होंगी उन्होंने कहा कि वह अब 70- 70 सालों के हो चुके हैं और अपने जीवन के आखिरी दिनों की गिनती गिन रहे हैं लेकिन वह केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आने वाली नस्लों के लिए लड़ रहे हैं उन्होंने कहा कि अब हिमाचली किसान भी कृषि बिलों के विरोध में जान देने को तैयार है उन्होंने कहा कि किसानी बिलों को वापस करवा कर ही दम लेंगे चाहे सरकार कोई भी जुल्म क्यों ना कर लें । इस चक्काजाम में नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक लखविंदर सिंह राणा भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ नजर आए। उन्होंने भी किसान संगठनों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक के बाद एक जनविरोधी नीतियां देश की जनता के खिलाफ ला रही है। जिसके चलते देश की जनता बहुत परेशान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कृषि बिलों को केंद्र सरकार वापस ले और जब किसान ही कृषि बिलों से सहमत नहीं है तो सरकार क्यों जबरदस्ती किसानों के ऊपर अंधे कानून थोप रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा कृषि बिलों को वापस नहीं लिया गया तो पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ एक जन आंदोलन चलाया जाएगा।
नालागढ़ ! किसान संगठनों द्वारा पूरे देश के किसानों से 8 दिसंबर को भारत बंद की अपील के चलते प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के किसानों ने भी दिल्ली में बैठे किसानों को अपना समर्थन देते हुए नालागढ़ के चौकी वाला में चक्का जाम कर रखा है। आपको बता दें कि रोपड़ नालागढ़ मार्ग एवं भरतगढ़ नालागढ़ मार्ग को पूर्ण तौर पर जाम रखा गया है। हजारों की तादाद में किसान चौकीवाला में धरने पर बैठकर केंद्र सरकार के जनविरोधी कृषि बिलों के खिलाफ नारेबाजी के दौरान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों द्वारा केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा गया है कि अगर सरकार द्वारा 9 तारीख को रखी गई बैठक के दौरान तीनों कृषि बिलों को वापस नहीं लिया गया तो वह हिमाचल से भी हजारों किसान दिल्ली में जाकर किसान आंदोलन में शामिल होंगे और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन करेंगे।
इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा बिना किसानों की राय जाने बिना ही अंधा कानून किसानों पर थोपे हैं जिनका किसान संगठन पूर्ण तौर पर विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस कृषि बिलों में 99% कमियां है जिसके चलते सभी किसान इन बिलों को वापस करने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को अब कॉर्पोरेट घरानों को बेचने में लगी हुई है और बड़ी-बड़ी कंपनियां किसानों की जमीनों पर कब्जा कर लेंगी। जिसके चलते उनकी आने वाली नस्लें भूखी मरने को मजबूर होंगी उन्होंने कहा कि वह अब 70- 70 सालों के हो चुके हैं और अपने जीवन के आखिरी दिनों की गिनती गिन रहे हैं लेकिन वह केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आने वाली नस्लों के लिए लड़ रहे हैं उन्होंने कहा कि अब हिमाचली किसान भी कृषि बिलों के विरोध में जान देने को तैयार है उन्होंने कहा कि किसानी बिलों को वापस करवा कर ही दम लेंगे चाहे सरकार कोई भी जुल्म क्यों ना कर लें ।
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इस चक्काजाम में नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक लखविंदर सिंह राणा भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ नजर आए। उन्होंने भी किसान संगठनों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक के बाद एक जनविरोधी नीतियां देश की जनता के खिलाफ ला रही है। जिसके चलते देश की जनता बहुत परेशान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कृषि बिलों को केंद्र सरकार वापस ले और जब किसान ही कृषि बिलों से सहमत नहीं है तो सरकार क्यों जबरदस्ती किसानों के ऊपर अंधे कानून थोप रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा कृषि बिलों को वापस नहीं लिया गया तो पूरे देश में केंद्र सरकार के खिलाफ एक जन आंदोलन चलाया जाएगा।
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