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नालागढ़ ! एक गाय के दूध के अलावा गौमूत्र व गोबर से एक व्यक्ति अपने परिवार के पांच सदस्यों का पेट भर सकता है। युवाओं को चाहिए कि वह स्वरोजगार अपना कर आर्थिकी को सुदृढ़ करे। यह बात नालागढ़ के एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर ने शनिवार को योग भारती की ओर से नालागढ़ के महादेव स्थित शिव शंकर महादेव गौशाला में दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि दो दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में गौ संरक्षण, नस्ल सुधार, पंचगव्य साहित्य, केंचुआ खाद, आर्दश गौशाला व विष मुक्त खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार देशी गाय के पालन पर पांच सौ रुपये प्रति माह पालने के लिए देती है। गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की ओर से उन्हें इस वर्ष दिवाली पर गाय के गोबर के दो करोड़ दीये बनाने का टारगेट दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से एक टीम रविवार को नालागढ़ पहुंच रही है और गौ संचालकों व दिये बनाने का प्रशिक्षण देगी। हिंदू समाज ने गौ को माता का दर्जा दिया है और गौ माता की हर चीज मनुष्य के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। कार्याशाला में चिडग़ांव स्थित श्री नारायण गौशाला के संचालक भूपेंद्र सिंह राणा ने बताया कि गाय के गोबर से तैयार होनी वाली भस्म कई प्रकार की दवाईयों के प्रयोग में आती है। उन्होंने गौ मूत्र व गोबर से अर्क, पंचगव्य आदि तैयार करने की विधि बताई। इसके अलावा गौ संचालकों को नस्ल सुधार व गौ संरक्षण का प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर महादेव गौशाला के संचालक दौलत राम, चैयरमेन विद्यारतन, निक्का राम, राम स्वरूप, दाता राम, राजेंद्र सिंह, मास्टर सुरेंद्र शर्मा, दभोटा के बख्शी राम, रामपुर के संतराम, दत्तोवाल के संतोख सिंह, डॉ. शमशेर सिंह, चंद्रमणि धीमान, अरोग्य भारती के जिला संयोजक किशोर ठाकुर, रडियाली पंचायत की प्रधान इंदू ठाकुर, सरवन कुमार, रमेश ठाकुर समेत 14 गौशालाओं के चार दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नालागढ़ ! एक गाय के दूध के अलावा गौमूत्र व गोबर से एक व्यक्ति अपने परिवार के पांच सदस्यों का पेट भर सकता है। युवाओं को चाहिए कि वह स्वरोजगार अपना कर आर्थिकी को सुदृढ़ करे। यह बात नालागढ़ के एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर ने शनिवार को योग भारती की ओर से नालागढ़ के महादेव स्थित शिव शंकर महादेव गौशाला में दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि दो दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में गौ संरक्षण, नस्ल सुधार, पंचगव्य साहित्य, केंचुआ खाद, आर्दश गौशाला व विष मुक्त खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार देशी गाय के पालन पर पांच सौ रुपये प्रति माह पालने के लिए देती है। गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की ओर से उन्हें इस वर्ष दिवाली पर गाय के गोबर के दो करोड़ दीये बनाने का टारगेट दिया गया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से एक टीम रविवार को नालागढ़ पहुंच रही है और गौ संचालकों व दिये बनाने का प्रशिक्षण देगी। हिंदू समाज ने गौ को माता का दर्जा दिया है और गौ माता की हर चीज मनुष्य के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। कार्याशाला में चिडग़ांव स्थित श्री नारायण गौशाला के संचालक भूपेंद्र सिंह राणा ने बताया कि गाय के गोबर से तैयार होनी वाली भस्म कई प्रकार की दवाईयों के प्रयोग में आती है। उन्होंने गौ मूत्र व गोबर से अर्क, पंचगव्य आदि तैयार करने की विधि बताई। इसके अलावा गौ संचालकों को नस्ल सुधार व गौ संरक्षण का प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर महादेव गौशाला के संचालक दौलत राम, चैयरमेन विद्यारतन, निक्का राम, राम स्वरूप, दाता राम, राजेंद्र सिंह, मास्टर सुरेंद्र शर्मा, दभोटा के बख्शी राम, रामपुर के संतराम, दत्तोवाल के संतोख सिंह, डॉ. शमशेर सिंह, चंद्रमणि धीमान, अरोग्य भारती के जिला संयोजक किशोर ठाकुर, रडियाली पंचायत की प्रधान इंदू ठाकुर, सरवन कुमार, रमेश ठाकुर समेत 14 गौशालाओं के चार दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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