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बददी ! केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ अब किसानों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के निजी बस चालक परिचालकों द्वारा भी 26 नवंबर को हड़ताल की चेतावनी दे दी गई है। इसी के चलते नालागढ़ के बस स्टैंड में निजी बस चालक परिचालक यूनियन द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर को पूरे हिमाचल के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के भी निजी बस चालक परिचालक हड़ताल पर रहेंगे । इसी के चलते मीडिया को जानकारी देते हुए निजी बस चालक परिचालक यूनियन के सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार आम आदमी के हितों पर हमला कर रही है। देशी व विदेशी पूंजी पतियों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों की मुनाफाखोरी को सुनिश्चित करना चाहती है। देश के मजदूर किसान आम लोगों के खिलाफ नीतियां बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के श्रम कानूनों को खत्म करके किसान विरोधी बिल पारित किए जा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र को कौड़ियों के भाव बेचा जा रहा है। सरकार कर्मचारियों को पेंशन से वंचित शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं को निजीकरण करना यह सारे कदम सरकार देश विरोधी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी बस चालक परिचालकों से 8 से 12- 12 घंटे काम करवाया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को भेजे एक ज्ञापन के माध्यम से चालक परिचालकों का उचित बीमा कवर, ओवरटाइम पेमेंट, निर्माण मजदूरों की योजना पर पेंशन, श्रमिक बोर्ड की तर्ज पर ट्रांसपोर्ट कल्याण बोर्ड गठित करना, नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करना जैसी और अन्य प्रकार की समस्याओं से अवगत करवाया है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह हड़ताल के बाद पूरे प्रदेश में आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।
बददी ! केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ अब किसानों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के निजी बस चालक परिचालकों द्वारा भी 26 नवंबर को हड़ताल की चेतावनी दे दी गई है। इसी के चलते नालागढ़ के बस स्टैंड में निजी बस चालक परिचालक यूनियन द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर को पूरे हिमाचल के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के भी निजी बस चालक परिचालक हड़ताल पर रहेंगे ।
इसी के चलते मीडिया को जानकारी देते हुए निजी बस चालक परिचालक यूनियन के सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार आम आदमी के हितों पर हमला कर रही है। देशी व विदेशी पूंजी पतियों बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों की मुनाफाखोरी को सुनिश्चित करना चाहती है। देश के मजदूर किसान आम लोगों के खिलाफ नीतियां बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के श्रम कानूनों को खत्म करके किसान विरोधी बिल पारित किए जा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र को कौड़ियों के भाव बेचा जा रहा है। सरकार कर्मचारियों को पेंशन से वंचित शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं को निजीकरण करना यह सारे कदम सरकार देश विरोधी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी बस चालक परिचालकों से 8 से 12- 12 घंटे काम करवाया जा रहा है।
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उन्होंने केंद्र सरकार को भेजे एक ज्ञापन के माध्यम से चालक परिचालकों का उचित बीमा कवर, ओवरटाइम पेमेंट, निर्माण मजदूरों की योजना पर पेंशन, श्रमिक बोर्ड की तर्ज पर ट्रांसपोर्ट कल्याण बोर्ड गठित करना, नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करना जैसी और अन्य प्रकार की समस्याओं से अवगत करवाया है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह हड़ताल के बाद पूरे प्रदेश में आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।
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