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बद्दी ! पंचायत चुनावों में अभी कुछ ही दिन शेष रह गये हैं तथा दिस बर महीने में पूरे हिमाचल में एक साथ पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं। इसी के मददेनजर वर्षों पहले गांव से निकलकर औद्योगिक क्षेत्र बददी लघु उद्योग चला रहे एवं वरिष्ठ पत्रकार किशोर ठाकुर अपनी पंचायत में विकास को लेकर काफी संवेदनशील है। एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि हमारी पंचायत पटटा नाली एक तरफ एशिया के सबसे बडे औद्योगिक क्षेत्र बददी के साथ लगती है तो वहीं दूसरी ओर हरियाणा बार्डर पर कालका के पास बाडगोदाम के साथ सीमा पर स्थित है। परन्तु बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के 73 वर्षों बाद आज तक इस पंचायत में गांवों को सडक सुविधा भी उपलबध नहीं हो पाई है। जिसका प्रमुख कारण पंचायत का क्षेत्रफल बहुत बडा होना तथा 20 सालों से लगातार महिला रिर्जव होने के कारण यह पंचायत दून विस की अति पिछडी पंचायत रह गई है। किशोर ठाकुर ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर डीसी सोलन के स मुख भी इस मांग को प्रमुखता से रखा था जिसके कारण पटटा नाली पंचायत के 3 वार्डों को अलग कर कैंडोल पंचायत बना दी गई है और अब यह 6 वार्ड की पंचायत शेष है। उनका कहना है कि यदि रोस्टर प्रणाली में पटटा नाली पंचायत ओपन आती है तो आने वाले पांच सालों के लिए वह अपने ब्यवसाय को छोडकर पूर्ण कालिक तौर पर प्रधान पद के लिए सेवा देने के लिए तैयार हैं। क्योंकि यह हमारी जन्म भूमी है और जन्म भूमि का कर्ज हम पूरे जीवन में भी चुकता नहीं कर सकते। इसलिए पंचायत के माध्यम से अपने गांवों का समुचित विकास करवाना हमारा सबसे बडा सौभाग्य होगा । क्या हैं बडी समस्याएं : किशोर ठाकुर का कहना है कि हमारी पंचायत में सडक सुविधा न होने के कारण आज भी लोग पिछडों का जीवन ब्यतीत कर रहे हैं तथा गर्मियों के दिनों में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। इसके इलावा जंगली जानवरों के आतंक से लोगों ने खेती बाडी करनी छोड दी है। ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है। बच्चों में स्कूली शिक्षा के लिए आज भी मिलों दूर कोट बेजा अथवा पटटा महलोग जाना पडता है। क्या है उद्देश्य : किशोर ठाकुर पतंजलि से शिक्षित योग आचार्य हैं पिछले दो दशक से बददी में लघु उद्योग चलाते हैं तथा ल बे समय से पत्रकारिता से जुडे हैं इसके इलावा पहाडी क्षेत्र की सबसे पुरानी सामाजिक संस्था महलोग सभा रजि. 1960 के महासचिव हैं जिसके माध्यम से समय समय पर पहाडी क्षेत्र की समस्याओं को अलग अलग मंचों पर उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि हमारी प्राथमिकता में सबसे पहले हर घर को सडक सुविधा तथा 12 महीनें पानी की पूर्ण उपलब्धता एवं हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना रहेगा। इसके इलावा पंचायत के छात्रों के सर्वांगिण विकास के लिए उन्हें योग एवं खेलों से जोडना प्रमुख है। ग्रामीण महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए उन्हें घर द्वार पर खु ब तथा आर्युवैदिक जडी बुटियों का उत्पादन करने के लिए शिक्षित करना अनिवार्य रहेगा। इसके इलावा बेरोजगार युवाओं को नशे की लत छुडाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना रहेगा। किशोर का कहना है औद्योगिक क्षेत्र के साथ सटा होने के कारण हमारी पंचायत में स्वरोजगार की अपार संभावनायें हैं तथा हमारे गांव के युवा व महिलायें बहुत ही मेहनती हैं उन्हें जरूरत है तो सही प्लेटफार्म पर लाने की, जोकि आज तक न तो कोई नेता दिला पाया है और न ही कोई पंच-प्रधान। किशोर ठाकुर का कहना है कि यदि उन्हें पंचायत स्तर पर सेवा करने का मौका मिलता है तो वह अपनी पंचायत को आर्दश एवं स्वच्छ पंचायत बनाने के साथ साथ ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोडेंगे। वह इसके लिए पांच साल पंचायत में जनता के बीच रहकर हर वर्ग को एक साथ सामूहिक विकास के लिए चौबिस घंटे प्रयत्नशील रहेंगे। लघु उद्योग छोडने को लेकर दिये बयान में उन्होंने कहा कि वह दो दशक से ज्यादा समय से ब्यापार कर रहे हैं तथा अब तक सैकडों कुशल कारीगर बना चुके हैं और आधा दर्जन से ज्यादा परिवारों को रोजगार उपलबध करवा रहे हैं। उनके परिवार का संयुक्त ब्यवसाय होने के कारण लघु उद्योग अन्य दोनों भाई कुशलता पूर्वक चलाते हैं इसलिए पूर्ण कालिक तौर पर समाज सेवा में जाने का निर्णय लिया है।
बद्दी ! पंचायत चुनावों में अभी कुछ ही दिन शेष रह गये हैं तथा दिस बर महीने में पूरे हिमाचल में एक साथ पंचायतों के चुनाव होने वाले हैं। इसी के मददेनजर वर्षों पहले गांव से निकलकर औद्योगिक क्षेत्र बददी लघु उद्योग चला रहे एवं वरिष्ठ पत्रकार किशोर ठाकुर अपनी पंचायत में विकास को लेकर काफी संवेदनशील है। एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि हमारी पंचायत पटटा नाली एक तरफ एशिया के सबसे बडे औद्योगिक क्षेत्र बददी के साथ लगती है तो वहीं दूसरी ओर हरियाणा बार्डर पर कालका के पास बाडगोदाम के साथ सीमा पर स्थित है। परन्तु बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के 73 वर्षों बाद आज तक इस पंचायत में गांवों को सडक सुविधा भी उपलबध नहीं हो पाई है। जिसका प्रमुख कारण पंचायत का क्षेत्रफल बहुत बडा होना तथा 20 सालों से लगातार महिला रिर्जव होने के कारण यह पंचायत दून विस की अति पिछडी पंचायत रह गई है।
किशोर ठाकुर ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर डीसी सोलन के स मुख भी इस मांग को प्रमुखता से रखा था जिसके कारण पटटा नाली पंचायत के 3 वार्डों को अलग कर कैंडोल पंचायत बना दी गई है और अब यह 6 वार्ड की पंचायत शेष है। उनका कहना है कि यदि रोस्टर प्रणाली में पटटा नाली पंचायत ओपन आती है तो आने वाले पांच सालों के लिए वह अपने ब्यवसाय को छोडकर पूर्ण कालिक तौर पर प्रधान पद के लिए सेवा देने के लिए तैयार हैं। क्योंकि यह हमारी जन्म भूमी है और जन्म भूमि का कर्ज हम पूरे जीवन में भी चुकता नहीं कर सकते। इसलिए पंचायत के माध्यम से अपने गांवों का समुचित विकास करवाना हमारा सबसे बडा सौभाग्य होगा ।
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किशोर ठाकुर का कहना है कि हमारी पंचायत में सडक सुविधा न होने के कारण आज भी लोग पिछडों का जीवन ब्यतीत कर रहे हैं तथा गर्मियों के दिनों में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। इसके इलावा जंगली जानवरों के आतंक से लोगों ने खेती बाडी करनी छोड दी है। ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है। बच्चों में स्कूली शिक्षा के लिए आज भी मिलों दूर कोट बेजा अथवा पटटा महलोग जाना पडता है।
किशोर ठाकुर पतंजलि से शिक्षित योग आचार्य हैं पिछले दो दशक से बददी में लघु उद्योग चलाते हैं तथा ल बे समय से पत्रकारिता से जुडे हैं इसके इलावा पहाडी क्षेत्र की सबसे पुरानी सामाजिक संस्था महलोग सभा रजि. 1960 के महासचिव हैं जिसके माध्यम से समय समय पर पहाडी क्षेत्र की समस्याओं को अलग अलग मंचों पर उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि हमारी प्राथमिकता में सबसे पहले हर घर को सडक सुविधा तथा 12 महीनें पानी की पूर्ण उपलब्धता एवं हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना रहेगा। इसके इलावा पंचायत के छात्रों के सर्वांगिण विकास के लिए उन्हें योग एवं खेलों से जोडना प्रमुख है।
ग्रामीण महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए उन्हें घर द्वार पर खु ब तथा आर्युवैदिक जडी बुटियों का उत्पादन करने के लिए शिक्षित करना अनिवार्य रहेगा। इसके इलावा बेरोजगार युवाओं को नशे की लत छुडाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना रहेगा। किशोर का कहना है औद्योगिक क्षेत्र के साथ सटा होने के कारण हमारी पंचायत में स्वरोजगार की अपार संभावनायें हैं तथा हमारे गांव के युवा व महिलायें बहुत ही मेहनती हैं उन्हें जरूरत है तो सही प्लेटफार्म पर लाने की, जोकि आज तक न तो कोई नेता दिला पाया है और न ही कोई पंच-प्रधान। किशोर ठाकुर का कहना है कि यदि उन्हें पंचायत स्तर पर सेवा करने का मौका मिलता है तो वह अपनी पंचायत को आर्दश एवं स्वच्छ पंचायत बनाने के साथ साथ ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोडेंगे। वह इसके लिए पांच साल पंचायत में जनता के बीच रहकर हर वर्ग को एक साथ सामूहिक विकास के लिए चौबिस घंटे प्रयत्नशील रहेंगे।
लघु उद्योग छोडने को लेकर दिये बयान में उन्होंने कहा कि वह दो दशक से ज्यादा समय से ब्यापार कर रहे हैं तथा अब तक सैकडों कुशल कारीगर बना चुके हैं और आधा दर्जन से ज्यादा परिवारों को रोजगार उपलबध करवा रहे हैं। उनके परिवार का संयुक्त ब्यवसाय होने के कारण लघु उद्योग अन्य दोनों भाई कुशलता पूर्वक चलाते हैं इसलिए पूर्ण कालिक तौर पर समाज सेवा में जाने का निर्णय लिया है।
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