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लाहौल ! भारी बर्फ में 15 किलोमीटर पैदल बर्फ में चलकर स्ट्रेचर में लेटे बुजुर्ग मरीज को हाइवे तक पहुंचाना इतना सहज कार्य नहीं है। लाहौल घाटी को बर्फ की कैद से छुटकारा दिलाने के लिए भले ही अटल टनल रोहतांग अहम भूमिका निभा रही हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं ।बर्फबारी से चोखंग ,नेंगाहर सड़क बंद होने के कारण वीरवार को ग्रामीणों ने 90 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को 15 किलोमीटर स्ट्रेचर में उठकर हाइवे तक पहुंचाया। यहां से मरीज को वाहन में कुल्लू अस्पताल लाया गया है। बुजुर्ग की हालत स्थिर बताई जा रही है। पट्टन घाटी के नेंगाहर के टशी तंडूप पिछले कुछ दिनों से मरीज चल रहे थे।दो दिन पहले उन्हें खून की उल्टियां शुरू हो गई थी जिससे तबियत ओर बिगड़ गई। समीप के चोखंग गांव में स्वास्थ्य कर्मी ने प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को कुल्लू अस्पताल ले जाने को कहा है। गांव का सम्पर्क मार्ग बंद हो जाने के कारण चोखंग,नेंगाहर ओर छोगजिंग गांव के ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए मरीज को स्ट्रेचर में उठकर केलांग उदयपुर हाइवे सड़क पर पहुंचाया।मरीज के पोते शुभम ने बताया कि उनके दादा के बीमार होने कि सूचना मिलते ही वह निजी वाहन करके कुल्लू से लाहौल पहुंचे। उधर सी एम ओ लाहौल के पलजोर ने कहा है कि उन्हें मरीज के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।
लाहौल ! भारी बर्फ में 15 किलोमीटर पैदल बर्फ में चलकर स्ट्रेचर में लेटे बुजुर्ग मरीज को हाइवे तक पहुंचाना इतना सहज कार्य नहीं है। लाहौल घाटी को बर्फ की कैद से छुटकारा दिलाने के लिए भले ही अटल टनल रोहतांग अहम भूमिका निभा रही हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं ।बर्फबारी से चोखंग ,नेंगाहर सड़क बंद होने के कारण वीरवार को ग्रामीणों ने 90 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को 15 किलोमीटर स्ट्रेचर में उठकर हाइवे तक पहुंचाया। यहां से मरीज को वाहन में कुल्लू अस्पताल लाया गया है। बुजुर्ग की हालत स्थिर बताई जा रही है। पट्टन घाटी के नेंगाहर के टशी तंडूप पिछले कुछ दिनों से मरीज चल रहे थे।दो दिन पहले उन्हें खून की उल्टियां शुरू हो गई थी जिससे तबियत ओर बिगड़ गई। समीप के चोखंग गांव में स्वास्थ्य कर्मी ने प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को कुल्लू अस्पताल ले जाने को कहा है।
गांव का सम्पर्क मार्ग बंद हो जाने के कारण चोखंग,नेंगाहर ओर छोगजिंग गांव के ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए मरीज को स्ट्रेचर में उठकर केलांग उदयपुर हाइवे सड़क पर पहुंचाया।मरीज के पोते शुभम ने बताया कि उनके दादा के बीमार होने कि सूचना मिलते ही वह निजी वाहन करके कुल्लू से लाहौल पहुंचे। उधर सी एम ओ लाहौल के पलजोर ने कहा है कि उन्हें मरीज के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।
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