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शिमला ! हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार ने हिमाचल प्रदेश विधान सभा के पूर्व उपाध्यक्ष राम नाथ शर्मा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। अपने शोक संदेश में श्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा ऊना जिला के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1977 तथा 1985 में विधान सभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे। श्री परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा ने 8 वर्षों तक भारतीय नौसेना (मेडिकल शाखा) में अपनी बेहतरीन तथा अवस्मरणीय सेवायें प्रदान की तथा उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए रक्षा पदक से भी अलंकृत किया गया। परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा लम्बी बिमारी से जूझ रहे थे इसी के चलते उनका निधन हो गया । उन्होंने कहा कि राम नाथ शर्मा वर्ष 1989 से 1990 तक विधान सभा उपाध्यक्ष रहे तथा उन्होंने उस अन्तराल में अपनी बेहतरीन सेवायें प्रदान की । श्री परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा एक प्रखर वक्ता थे तथा सीधे तौर पर गरीबों, असहायों तथा समाज में पिछड़े तपकों से जुड़े थे। उनके निधन से प्रदेश को अपूर्णीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई करना मुश्किल है ! परमार ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है तथा सम्पूर्ण परिवार को इस असहनीय दु:ख को सहन करने की परम् पिता पमात्मा से प्रार्थना की है व दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की है।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार ने हिमाचल प्रदेश विधान सभा के पूर्व उपाध्यक्ष राम नाथ शर्मा के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। अपने शोक संदेश में श्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा ऊना जिला के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1977 तथा 1985 में विधान सभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे। श्री परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा ने 8 वर्षों तक भारतीय नौसेना (मेडिकल शाखा) में अपनी बेहतरीन तथा अवस्मरणीय सेवायें प्रदान की तथा उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए रक्षा पदक से भी अलंकृत किया गया।
परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा लम्बी बिमारी से जूझ रहे थे इसी के चलते उनका निधन हो गया । उन्होंने कहा कि राम नाथ शर्मा वर्ष 1989 से 1990 तक विधान सभा उपाध्यक्ष रहे तथा उन्होंने उस अन्तराल में अपनी बेहतरीन सेवायें प्रदान की । श्री परमार ने कहा कि राम नाथ शर्मा एक प्रखर वक्ता थे तथा सीधे तौर पर गरीबों, असहायों तथा समाज में पिछड़े तपकों से जुड़े थे। उनके निधन से प्रदेश को अपूर्णीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई करना मुश्किल है ! परमार ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है तथा सम्पूर्ण परिवार को इस असहनीय दु:ख को सहन करने की परम् पिता पमात्मा से प्रार्थना की है व दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की है।
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